कोडरमा: डोमचांच प्रखंड के नीमाडीह गांव में मामूली खराबी के चलते 35 लाख रुपये की सिंचाई योजना बेकार पड़ी हुई है. टेस्टिंग के दौरान ही पाइप से लीकेज होने के कारण योजना शुरू नहीं हो पाई. जबकि महज कुछ हजार खर्च कर पाइप की मरम्मती के बाद योजना को शुरू किया जा सकता था लेकिन विभागीय उदासीनता और संवेदक की लापरवाही के कारण योजना पिछले 5 सालों से अधूरी पड़ी है.
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लिफ्ट इरिगेशन के तहत 2011-12 में सिंचाई योजना का चयन किया गया था और 2016 में केशो नदी के तलहटी में पाइपलाइन और इंटकवेल का निर्माण कर योजना तैयार भी की गई लेकिन टेस्टिंग के दौरान ही कई जगह पर पाइप फट गये और फिर से उसकी मरम्मत नहीं की जा सकी. पंचायत प्रतिनिधि द्वारिका प्रसाद राणा ने बताया कि मामूली खराबी के कारण योजना शुरू नहीं हो पाई. अगर यह योजना शुरू हो जाती तो लोगों को नीमाडीह गांव के ऊपरी इलाकों में सिंचाई की परेशानी नहीं होती.
लोग पलायन को मजबूर
वहीं, गांव के युवाओं ने बताया कि गांव में सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण भी लोग पलायन को मजबूर हैं. अगर गांव में ही सिंचाई का साधन मुहैया करा दिये जाते तो उन्हें महानगरों में भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती.
वर्षा जल पर निर्भर है खेती
योजना के तहत 35 लाख खर्च कर केशो नदी की तलहटी में इंटकवेल बनाया गया और वहां से मोटर के जरिए खेतों तक जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन योजना के शुरू नहीं होने से गांव के खेत यूं ही परती पड़े हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में खेती पूरी तरह से वर्षा जल पर ही निर्भर है. वहीं, इस पूरे मामले पर उपायुक्त आदित्य रंजन ने विभागीय अधिकारियों से बात कर योजना को फिर से शुरू करने की बात कही.