कोडरमा: नव भारत जागृति केंद्र और जमनालाल बजाज फाउंडेशन के सहयोग से जिला लोक समिति के तत्वाधान में नशा मुक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के तौर पर लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरिजा सतीश शामिल हुए. उन्होंने सम्मेलन उद्घाटन करते हुए कहा कि कोई भी सजग समाज और सरकार अपने नागरिकों को शराब और किसी दूसरे नशा से बचाने का प्रयास करती है और बिहार सरकार ने शराब विरोधी कानून लाकर एक उदाहरण पेश किया है, जिसका परिणाम है कि वहां लोग शराब पीकर खुले में नहीं घूम सकते और वातावरण बेहतर हो पाया है.
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नशा मुक्ति से होगा सामाजिक और आर्थिक विकास
उन्होंने कहा कि बिहार मेंं शराबबंदी के बाद लोग कहते थे कि राजस्व की हानि होगी, विदेशी लोग घूमने नहीं आयेंगे लेकिन ऐसे सारे अनुमान झूठे साबित हुए. लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक मजबूत शराबबंदी कानून की जरूरत है ताकि हमारा नैतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास हो सके. उन्होंने कहा कि विकास का मतलब सिर्फ भौतिकता में बढ़ोतरी करना ही नहीं है, बल्कि सच्चे मायने में विकास का मतलब है सामाजिक, नैतिक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक विकास लेकिन शराब की वजह से अंधविश्वास के साथ-साथ अन्य सामाजिक बुराइयां पनप रही हैं. हमारा युवा वर्ग शराब के साथ-साथ ड्रग्स आदि के चपेट में आ रहा है, जो चिंताजनक है.
शराबबंदी की दिशा में काम
उन्होंने शराब के खिलाफ जनजागरण संबंधी कार्यक्रमों में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं को भी जोड़ने की सलाह दी और कहा कि विदेशों की व्यक्तिवादी संस्कृति में शराब पीकर लोग मानसिक रोगी बनते जा रहे हैं. जबकि हमारी सामूहिक जीवन पद्धति में इसकी कोई जगह नहीं है. इससे पहले कोडरमा जिला लोक समिति के महामंत्री मनोज दांगी ने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि जिला लोक समिति शराबबंदी कार्यक्रम के साथ मजबूती से खड़ी है और हम हर क्षेत्र के लोगों को संगठन से जोड़कर इस दिशा में जुझारू तरीके से काम करेंगे.
मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र
लोक समिति के प्रदेश संयोजक शंकर राणा ने बिहार शराबबंदी से पहले आयोजित लोक समिति की पूरे परिवर्तन यात्रा चर्चा करते हुए झारखंड में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री को दिये जाने वाले पत्र को पढ़कर सुनाया और उपस्थित लोगों से समर्थन मांगा. सम्मेलन में शामिल गौरी देवी ने लरियाडीह में महिलाओं की ओर से शुरू की गयी शराबबंदी की चर्चा करते हुए पुरुषों के असहयोग पर दुःख प्रकट किया.
महिलाओं ने भी की मांग
वृंदा गांव की ज्योति कुमारी ने शराब को महिला विरोधी अपराधों का कारण मानते हुए इसपर अविलंब प्रतिबंध लगाने की मांग किया. सोनिया देवी ने नशामुक्त परिवार-समाज को शांति और समृद्धि का पहला कदम बतलाया. वहीं किरण देवी ने सरकार से हर प्रकार के नशा पर रोक लगाने की मांग किया. मालती देवी ने वर्ष 2014 के दौरान छह गांवों में जनसहयोग से हुई शराबबंदी में प्रशासनिक बेरूखी पर अफसोस जाहिर किया. इन महिलाओं और मुसाफिर राम को शराब विरोधी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लोक समिति ने इन्हें सम्मानित किया.