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सावन की अंतिम सोमवारी पर आस्था की बही बयार, शिव के जयकारे से गूंजा माहौल - कोडरमा में कांवर पद यात्रा

सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है. कोडरमा से 16 किलोमीटर पैदल चलकर शिवभक्त धजाधारी धाम पहुंचते हैं और वहां 777 सीढ़ियां चढ़ने के बाद बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं. वहीं सिमडेगा के शंख नदी से कांवरिया जल लेकर केलाघाघ स्थित सरना मंदिर पहुंच रहे हैं.

शिव भक्त
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Published : Aug 12, 2019, 2:16 PM IST

कोडरमा/सिमडेगा: सावन की अंतिम सोमवारी पर हर शिव भक्त बाबा भोले को प्रसन्न करना चाहता है. सुबह से ही शिवालयों में जलार्पण के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. ऐसा ही नाजारा कोडरमा के झरनाकुंड में देखने को मिल रहा है. जहां से16 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर शिव भक्त 777 सीढ़ियां चढ़कर बाबा भोले का दर्शन करते हैं.

देखें पूरी खबर

झरनाकुंड में दर्शन के लिए बिहार, झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ पहुंचते हैं. भक्त झरनाकुंड पहुंचकर जल लेते है और करीब 16 किलोमीटर पैदल चलकर कोडरमा के ध्वजाधारी धाम पहुंचते हैं. यहां पहुंचकर भक्त 777 सीढ़ियां चढ़ने के बाद बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं.

वहीं सिमडेगा में भी अंतिम सोमवारी को लेकर जिले के विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा है. लोग बोलबम का नारा लगाते हुए उत्साहित नजर आ रहे हैं. हजारों शिवभक्त शंख नदी से जल लेकर केलाघाघ पहुंच रहे हैं. हजारों की संख्या में कांवरिया शंख नदी से जल उठाकर सरना मंदिर पहुंच रहे हैं. बोलबम का जयघोष करते हुए कांवरिये सरना महादेव को जल चढ़ाते हैं. इस क्षेत्र में सरना मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र माना जाता है.

last Monday of Sawan in simdega
कावरियां भक्त

ये भी पढ़ें:- हजारीबाग: कुख्यात अपराधी बलराम दुबे हथियार के साथ गिरफ्तार, पुलिस मामले की जांच में जुटी

इस कांवड़ पद यात्रा में राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा यादव और सांसद अन्नपूर्णा देवी शामिल हुई और राज्य की सुख समृद्धि की कामना करते हुए लोगों के खुशहाली की दुआ की. मान्यता के अनुसार धजाधारी धाम में ब्रम्हा के पुत्र कदम ऋषि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी. जिसके बाद भगवान शिव कदम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी और तब से धजाधारी धाम की महत्ता कायम है.

कोडरमा/सिमडेगा: सावन की अंतिम सोमवारी पर हर शिव भक्त बाबा भोले को प्रसन्न करना चाहता है. सुबह से ही शिवालयों में जलार्पण के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. ऐसा ही नाजारा कोडरमा के झरनाकुंड में देखने को मिल रहा है. जहां से16 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर शिव भक्त 777 सीढ़ियां चढ़कर बाबा भोले का दर्शन करते हैं.

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झरनाकुंड में दर्शन के लिए बिहार, झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ पहुंचते हैं. भक्त झरनाकुंड पहुंचकर जल लेते है और करीब 16 किलोमीटर पैदल चलकर कोडरमा के ध्वजाधारी धाम पहुंचते हैं. यहां पहुंचकर भक्त 777 सीढ़ियां चढ़ने के बाद बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं.

वहीं सिमडेगा में भी अंतिम सोमवारी को लेकर जिले के विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा है. लोग बोलबम का नारा लगाते हुए उत्साहित नजर आ रहे हैं. हजारों शिवभक्त शंख नदी से जल लेकर केलाघाघ पहुंच रहे हैं. हजारों की संख्या में कांवरिया शंख नदी से जल उठाकर सरना मंदिर पहुंच रहे हैं. बोलबम का जयघोष करते हुए कांवरिये सरना महादेव को जल चढ़ाते हैं. इस क्षेत्र में सरना मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र माना जाता है.

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कावरियां भक्त

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इस कांवड़ पद यात्रा में राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा यादव और सांसद अन्नपूर्णा देवी शामिल हुई और राज्य की सुख समृद्धि की कामना करते हुए लोगों के खुशहाली की दुआ की. मान्यता के अनुसार धजाधारी धाम में ब्रम्हा के पुत्र कदम ऋषि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी. जिसके बाद भगवान शिव कदम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी और तब से धजाधारी धाम की महत्ता कायम है.

Intro:आज सावन की अंतिम सोमवारी हैं और आज के दिन हर शिव भक्त बाबा भोले को प्रसन्न करना चाहता हैं बाबा भोले का जलाभिषेक करना चाहता हैं ,कोडरमा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा हैं ।सुबह से ही शिवभक्त झारनाकुण्ड पहुँचने लगे हैं और ये शिव भक्त यहाँ से जल भरकर 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करेंगे उसके बाद धाजा धारी धाम पहुँच कर 777 सीढियां चहड़कर बाबा भोले का जलाभिषेक करेंगे ।


Body:सावन की अंतिम सोमवारी को कोडरमा में कांवर पद यात्रा का आयोजन किया जाता हैं इस पद यात्रा में बिहार झारखंड और बंगाल से हज़ारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ पहुँचते हैं और झारनाकुण्ड पहुँचकर पवित्र जल को लेकर करीब 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद कोडरमा के धजाधारी धाम पहुँचते हैं और 777 सीढियां चहड़कर बाबा भोले का जलाभिषेक करेंगे ।कोडरमा में कांवर पद यात्रा में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी हैं और पूरा कोडरमा बोलबम के नारों से गुंजयमान हैं शिव भक्त बोल बम के नारों के साथ बाबा भोले के जलाभिषेक के लिए धजाधारी धाम की ओर बढ़ रहें हैं ।


Conclusion:गौरतलब है कि ऐसी मान्यता हैं कि सोमवारी को बाबा भोले का जलाभिषेक करने से बाबा भोले प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं ।कोडरमा में इस कांवर पद यात्रा में राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा यादव ,कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी शामिल हुई और राज्य की सुख समृद्धि की कामना करते हुए लोगों के खुशहाली की दुवा की ।मान्यता के अनुसार धजाधारी धाम में ब्रम्हा के पुत्र क़द्रम ऋषि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी जिसके बाद भगवान शिव क़द्रम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी और तब से धजाधारी धाम की महत्ता बढ़ती गयी ।
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