कोडरमा: जिले में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों की अब खैर नहीं. कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप सरकारी भूमि की बंदरबांट पर सख्त नजर आ रहे हैं. उपायुक्त इन दिनों अंचलाधिकारी और ब्लॉक के कर्मचारियों के साथ झुमरी तिलैया में गैरमजरूआ जमीन का भौतिक सत्यापन कर रहें हैं. अपने निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने पाया कि जो भी गैरमजरूआ जमीन है उसका धीरे-धीरे अतिक्रमण किया जा रहा है और उस भूमि पर तेजी से अवैध निर्माण का कार्य जारी है. उपायुक्त ने इस पर संज्ञान लेते हुए अंचलाधिकारी को अविलंब अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस निर्गत करने का आदेश दिया है.
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कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप ने भू-माफियाओं को चेतावनी भरे लफ्जों में साफ कहा कि अगर उनकी ओर से सरकारी भूमि की बिक्री की गई, तो उस पर निश्चित तौर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उपायुक्त ने अंचलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की फर्जी जमाबंदी को रद्द करने की कार्रवाई की जाए. उन्होंने बताया कि गैरमजरूआ जमीन की रजिस्ट्री बंद होने के बावजूद लोगों को गुमराह करके भू-माफिया सरकारी भूमि की खरीद बिक्री कर रहे हैं. ऐसे भू-माफिया को चिन्हित किया जाएगा और उन पर सख्त कानूनी कारवाई की जाएगी. उपायुक्त ने लोगों से अपील करते हुए साफ कहा कि वो लोग भू-माफिया के बहकावे में ना आएं और लोग पूरी जानकारी लेकर अंचल कार्यालय से वेरिफिकेशन करवा कर ही जमीन खरीदें वर्ना उनको बड़ा फाइनेंसियल लॉस उठाना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि इन दिनों कोडरमा में भू-माफिया का बोलबाला देखा जा रहा है. ये भू-माफिया सरकारी भूमि का फर्जी हुकुमनामा और गलत जमाबंदी करवाकर भोले भाले लोगों को बरगला कर और झांसे में लेकर जमीन बेच रहे हैं. उनके इस कार्य में अंचल कर्मियों की भी खूब मिलीभगत रहती है. सरकारी भूमि बेचे जाने के मामले को कोडरमा उपायुक्त ने गंभीरता से लिया है. ऐसे भू-माफिया पर कार्रवाई करने की बात कही है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी भूमि बेचने वाले भू-माफिया पर कब तक कार्रवाई होती है, ताकि इनकी ओर से सरकारी भूमि बेचने पर रोक लगाई जा सके.