कोडरमा: जिले के बागीतांड में तकरीबन सौ करोड़ की लागत से बन रहे इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण में बड़ी संख्या में बाल मजदूरी की बात सामने आई है. जिसकी शिकायत पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने निर्माणधीन इंजीनियरिंग कॉलेज का निरीक्षण किया. लेकिन अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते नजर आए.
दरअसल, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की सूचना पर उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजेश साहू की अगुवाई में जांच टीम कार्रवाई के लिए कॉलेज भेजा. इस दौरान वहां दर्जनभर से ज्यादा बाल मजदूर दिखे. लेकिन इन बच्चों को रेस्क्यू करने के बजाय सिर्फ उनका नाम और पता नोट कर अधिकारी वापस लौट गए.
इधर, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के कोडरमा को-ऑर्डिनेटर गोविंद खनाल ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण में बड़ी संख्या में बाल मजदूरी कराने की सूचना मिली थी. जांच के दौरान भी कई बच्चे मजदूरी करते पाए गए.
वहीं, इस पूरे मामले पर निर्माणाधीन इंजीनियरिंग कॉलेज के साइट इंचार्ज अश्विनी कुमार ने बताया कि जो बच्चे बाल मजदूर के रूप में चिन्हित किए गए हैं. वो दरअसल अपने अभिभावक के साथ यहां आए थे. जो किसी तरह की मजदूरी का काम नहीं करते हैं. वहीं, दूसरी तरफ जांच टीम के बाद जब बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए टीम पहुंची, तो सारे बच्चे वहां से भाग खड़े हुए और रेस्क्यू टीम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा.