कोडरमा: चार दिनों तक चलने वाले लोकआस्था के महापर्व छठ का आज अंतिम दिन हैं. कल अस्तचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देने के बाद छठव्रती आज सुबह-सुबह छठ घाट पहुंचे और नदी तालाबों और जलाशयों में आस्था की डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया. इस मौके पर छठ घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था.
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छठ का समापन
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का आज समापन हो गया. भगवान भाष्कर की पूजा के लिए आज सुबह से ही श्रद्धालुओं का घाटों पर पहुंचना शुरू हो गया था. भगवान को अर्घ्य के बाद छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत भी समाप्त हो गया है. घाटों पर व्रतियों ने शरबत और पानी पीकर व्रत को तोड़ा.
घाटों पर दूध की व्यवस्था
छठ घाटों पर पूजा समिति की ओर से छठव्रतियों के अर्घ्य देने के लिए दूध और अर्घ्य के बाद व्रत तोड़ने के लिए नींबू पानी की व्यवस्था की गई थी. गौरतलब है कि लोकआस्था का महापर्व छठ बिहार, झारखंड और यूपी में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं और पर्व के चारों दिन भक्तिमय माहौल देखने को मिलता हैं.