कोडरमा: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एक तरफ जहां कई लोगों की समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर कोडरमा में एंबुलेंस से सीमेंट ढोया जा रहा है. यह विडंबना ही है कि इस भयावह दौर में भी इस तरह की तस्वीरें देखने को मिल रही है. मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब सरकारी एंबुलेंस से सीमेंट ढोया जा रहा हो. इसको लेकर हेल्थ सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल, एंबुलेंस ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के सौजन्य से आपात सेवा के लिए स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. स्वास्थ्य केंद्रों से जिन मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है, उसे ले जाने के लिए यह एंबुलेंस दी गई है. सीमेंट लदे एंबुलेंस चालक से पंचायत प्रतिनिधियों ने जब सवाल पूछा तो उसका जवाब सुनकर सभी अचंभित रह गए.
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चिकित्सा पदाधिकारी के निर्देश पर ढो रहे सीमेंट
एंबुलेंस ड्राइवर ने बताया कि देवीपुर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में मरम्मति का काम प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विपिन कुमार की देखरेख में कराया जा रहा है. मरम्मति के लिए वहां सीमेंट की आवश्यकता थी और चिकित्सा पदाधिकारी ने ही निर्देश दिया कि दुकान से सीमेंट एंबुलेंस पर लोड कर देवीपुर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचा दें.
एंबुलेंस चालक का कहना है कि-"मैंने तो चिकित्सा पदाधिकारी के आदेश का पालन किया है. इसमें मैं क्या कर सकता हूं? सीमेंट उतरवाने के बाद इस पर मरीज को ले जाने के पहले एंबुलेंस की सफाई कर दूंगा". जाहिर है कि कोरोना के दौरान मरीजों या घायलों को एंबुलेंस के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. वहीं ऐसे में इस तरह की तस्वीरें पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है.