कोडरमा: झुमरी तिलैया में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय परिषद की बैठक संपन्न हुई. दो दिनों तक चले इस बैठक में किसान और मजदूरों के हितों को लेकर किए जा रहे आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई. इस बैठक में पूरे देश से चुने हुए 119 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और किसान और मजदूरों की समस्याओं को लेकर चर्चा की गई.
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बैठक के बाद राष्ट्रीय परिषद के द्वारा कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें लखीमपुर खीरी की घटना को बरसी के रूप में 3 अक्टूबर को दमन विरोधी काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. साथ ही 26 से 28 नवंबर तक किसान और मजदूरों की समस्याओं को लेकर देश के सभी राज्यों के राजभवन के समक्ष महापड़ाव कार्यक्रम निर्धारित किया गया. इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर महासभा की राणनीति भी तैयार की गई.
किसान आंदोलन के बाद सरकार द्वारा वादा पूरा नहीं किए जाने को लेकर भी विरोध जताया गया और इन मांगों को लेकर व्यापक तौर पर आंदोलन चलाने की रणनीति तैयार की गई. किसान महासभा के महासचिव राजाराम ने कहा कि देश के किसान और मजदूर बदहाल हैं. किसान आंदोलन के बाद किसानों से किए गए वादे को सरकार पूरा नहीं कर रही है, ऐसे में सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे देश में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा.
वहीं महासभा के सचिव राजकुमार यादव ने कहा कि झारखंड के परिपेक्ष में भी किसान और मजदूर की कई समस्याएं हैं, जिन्हें लेकर बैठक में प्रस्ताव पारित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मजदूरों और किसानों की समस्याओं को लेकर 25 सितंबर के बाद से सभी जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा.