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तजना बीयर सूखने पर जल संकट से जूझ रहा खूंटी, टैंकर के सहारे जनता, जानें क्यों खत्म नहीं होती समस्या - Khunti News in Hindi

खूंटी में तजना बीयर सूखने से जल संकट गहराता जा रहा है. तजना बीयर से 1200 घरों में जलापूर्ति होती थी, जो ठप हो चुकी है. शहरवासियों में पानी को लेकर त्राहिमाम मचा है. नगर पंचायत टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति कर रही है लेकिन, शहरवासियों का कहना है कि पानी नियमित रूप से नहीं मिलता.

water crisis in Khunti
सूखी हुई तजना बीयर
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Published : May 21, 2022, 12:53 PM IST

खूंटी: जिला में पानी का घोर संकट है. गर्मी में तजना बीयर सूखने से शहर के 1200 घरों में जलापूर्ति ठप हो गई है. जलापूर्ति ठप होने से शहरवासियों की चिंताएं बढ़ गई है. शहरवासियों के बीच पेयजल की समस्या उत्पन्न ना हो, इस को ध्यान में रखते हुए नगर पंचायत ने जून 2021 में तजना बीयर में इंटक वेल के बगल में डीप बोरिंग भी कराई थी लेकिन, 1100 फीट खुदाई के बाद भी एक बूंद पानी नहीं निकला जिसके कारण बोरिंग रोक दिया गया था. उसके बाद नगर पंचायत ने 60 लाख खर्च कर तजना बियर में जमी मिट्टी व कीचड़ (गाद) सफाई भी करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

इसे भी पढ़ें: लोहरदगा सदर अस्पताल में पेयजल संकट, घर से पानी लेकर पहुंच रहे हैं मरीज

गाद सफाई के बावजूद नहीं हुआ समाधान: गाद सफाई के बाद नगर पंचायत ने दावा किया था कि शहरवासियों को पानी की समस्या नहीं होगी लेकिन, इस साल भी शहर के लोग पानी के लिये तरस रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इलाके में भूगर्भ जल की क्या स्थिति है. नगर पंचायत द्वारा खर्च राशि पर भी शहरवासी सवाल करने लगे हैं कि आखिर 60 लाख क्या हुआ जबकि नगर पंचायत का दावा है कि खर्च हुआ लेकिन बारिश नहीं हुई तो क्या करें.

देखें पूरी खबर

क्या है तजना बीयर, जल संकट की स्थिति क्यों: दरअसल, शहर में गर्मी के दिनों में भी पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति हो सके इसके लिए लगभग दो दशक पहले तजना नदी में इंटक वेल के समीप तीन मीटर ऊंचा बीयर बनाया गया था, तब यह दावा किया गया था कि बीयर बनने से अब भीषण गर्मी में भी जलापूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी लेकिन, बीयर बनने के बाद कभी भी कायदे से इसकी सफाई नहीं की गई. यही कारण है कि यहां अक्सर जल संकट की भयवाह स्थिति होती है. लगभग पांच साल पहले भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी.

water crwater-crisis-in-khunti-after-tajna-river-dried-up Slugisis in Khunti
सूखी हुई तजना बीयर

शहरी पेयजलापूर्ति योजना का काम कछुए की चाल पर: शहर को पानी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है लेकिन, इस भीषण गर्मी में नगर पंचायत भी बेबस है. तजना बीयर समय से पहले सूख गया है. तजना बीयर में दरारें पड़ गई हैं, ऐसा लगता है मानो वहां कभी पानी था ही नहीं. बताया जा रहा है शहरी पेयजलापूर्ति योजना पूरी होने से शहरवासियों को अगले तीस साल तक पानी की समस्या नहीं होगी लेकिन, उसका निर्माण कछुए की गति से चल रहा है. अगर ये बन जाता तो शायद आज शहरवासियों के सामने पानी की समस्या नहीं होती.

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि: स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सिर्फ खूंटी ही नहीं पूरे प्रदेश में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके कारण बढ़ती गर्मी के साथ साथ पानी की किल्लत भी होने लगी है. विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन से पानी की समस्या का समाधान निकालने को लेकर बातचीत की गई है. वर्त्तमान में प्रत्येक वार्डो में बड़े छोटे टैंकरों से शहरवासियों को पानी मुहैया कराया जा रहा है. पिछले साल पानी की समस्या को देखते हुए प्रत्येक वार्ड में डीप बोरिंग कराया गया है. डीप बोरिंग के बाद सभी वार्डों में पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर जल पहुंचने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही तजना बीयर में जमे गाद को भी हटाने का कार्य पिछले वर्ष किया गया था लेकिन, लगातार नदियों से बालू उठाव के कारण नदियों का जलस्तर भी कम होता जा रहा है. टैंकर के माध्यम से पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि समस्या को देखते हुए डीसी को निर्देश दिया गया है कि वैकल्पिक व्यवस्था निकाले और पानी उपलब्ध कराए.

खूंटी: जिला में पानी का घोर संकट है. गर्मी में तजना बीयर सूखने से शहर के 1200 घरों में जलापूर्ति ठप हो गई है. जलापूर्ति ठप होने से शहरवासियों की चिंताएं बढ़ गई है. शहरवासियों के बीच पेयजल की समस्या उत्पन्न ना हो, इस को ध्यान में रखते हुए नगर पंचायत ने जून 2021 में तजना बीयर में इंटक वेल के बगल में डीप बोरिंग भी कराई थी लेकिन, 1100 फीट खुदाई के बाद भी एक बूंद पानी नहीं निकला जिसके कारण बोरिंग रोक दिया गया था. उसके बाद नगर पंचायत ने 60 लाख खर्च कर तजना बियर में जमी मिट्टी व कीचड़ (गाद) सफाई भी करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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गाद सफाई के बावजूद नहीं हुआ समाधान: गाद सफाई के बाद नगर पंचायत ने दावा किया था कि शहरवासियों को पानी की समस्या नहीं होगी लेकिन, इस साल भी शहर के लोग पानी के लिये तरस रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इलाके में भूगर्भ जल की क्या स्थिति है. नगर पंचायत द्वारा खर्च राशि पर भी शहरवासी सवाल करने लगे हैं कि आखिर 60 लाख क्या हुआ जबकि नगर पंचायत का दावा है कि खर्च हुआ लेकिन बारिश नहीं हुई तो क्या करें.

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क्या है तजना बीयर, जल संकट की स्थिति क्यों: दरअसल, शहर में गर्मी के दिनों में भी पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति हो सके इसके लिए लगभग दो दशक पहले तजना नदी में इंटक वेल के समीप तीन मीटर ऊंचा बीयर बनाया गया था, तब यह दावा किया गया था कि बीयर बनने से अब भीषण गर्मी में भी जलापूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी लेकिन, बीयर बनने के बाद कभी भी कायदे से इसकी सफाई नहीं की गई. यही कारण है कि यहां अक्सर जल संकट की भयवाह स्थिति होती है. लगभग पांच साल पहले भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी.

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सूखी हुई तजना बीयर

शहरी पेयजलापूर्ति योजना का काम कछुए की चाल पर: शहर को पानी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है लेकिन, इस भीषण गर्मी में नगर पंचायत भी बेबस है. तजना बीयर समय से पहले सूख गया है. तजना बीयर में दरारें पड़ गई हैं, ऐसा लगता है मानो वहां कभी पानी था ही नहीं. बताया जा रहा है शहरी पेयजलापूर्ति योजना पूरी होने से शहरवासियों को अगले तीस साल तक पानी की समस्या नहीं होगी लेकिन, उसका निर्माण कछुए की गति से चल रहा है. अगर ये बन जाता तो शायद आज शहरवासियों के सामने पानी की समस्या नहीं होती.

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि: स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सिर्फ खूंटी ही नहीं पूरे प्रदेश में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके कारण बढ़ती गर्मी के साथ साथ पानी की किल्लत भी होने लगी है. विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन से पानी की समस्या का समाधान निकालने को लेकर बातचीत की गई है. वर्त्तमान में प्रत्येक वार्डो में बड़े छोटे टैंकरों से शहरवासियों को पानी मुहैया कराया जा रहा है. पिछले साल पानी की समस्या को देखते हुए प्रत्येक वार्ड में डीप बोरिंग कराया गया है. डीप बोरिंग के बाद सभी वार्डों में पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर जल पहुंचने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही तजना बीयर में जमे गाद को भी हटाने का कार्य पिछले वर्ष किया गया था लेकिन, लगातार नदियों से बालू उठाव के कारण नदियों का जलस्तर भी कम होता जा रहा है. टैंकर के माध्यम से पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि समस्या को देखते हुए डीसी को निर्देश दिया गया है कि वैकल्पिक व्यवस्था निकाले और पानी उपलब्ध कराए.

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