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विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने बिरसा पार्क से शुरू की शौर्य यात्रा, विहिप में कहा- टकराव न हो इसलिए नहीं गए उलिहातू - khunti news

खूंटी में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल शौर्य जागरण यात्रा की शुरुआत बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुरू करने वाले थे. हालांकि ग्रामीणों के विरोध के बाद उन्होंने अपनी यात्रा खूंटी के बिरसा पार्क से की.

Vishwa Hindu Parishad and Bajrang Dal started Shaurya Yatra from Birsa Park in Khunti
Vishwa Hindu Parishad and Bajrang Dal started Shaurya Yatra from Birsa Park in Khunti
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2023, 8:56 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 9:14 PM IST

दुर्गावती ओड़िया, आदिवासी नेत्री, सूरजु हस्सा,मुखिया,गुटुहातू पंचायत और बिनोद जायसवाल, विहिप अध्यक्ष, खूंटी का बयान

खूंटी: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की आज होने वाली शौर्य जागरण यात्रा उलिहातू से आरंभ न होकर बिरसा पार्क खूंटी से आरंभ की गई. जब सवाल किया गया कि जागरण यात्रा उलिहातू से शुरू क्यों नहीं हो सकी? इस सवाल का जवाब देते हुए विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि शौर्य जागरण यात्रा उलिहातू से प्रारंभ की जानी थी, लेकिन असामाजिक तत्वों के उकसावे के कारण सायको में विरोध प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि मुंडा आदिवासी हिंदुओं के भाई हैं. वे ऐसा नहीं कर सकते. हमलोग उलिहातू नहीं गए क्योंकि हम लोग कोई टकराव नहीं चाहते थे.

ये भी पढ़ें: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यक्रम को ग्रामीणों ने रोका, कहा- किसी पर जबरन ना थोपें अपना मत

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि आगामी 22 जनवरी की भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगा. इसके लिए वे घर घर जाकर लोगों को संदेश दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने खूंटी के भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शौर्य जागरण यात्रा पर निकालने वाले थे जो खूंटी, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम होते हुए जमशेदपुर और तमाड़ बुंडू सड़क मार्ग से रिंग रोड होकर जगन्नाथ मंदिर परिसर पहुंचती. जिसके बाद जगन्नाथ मैदान में 8 अक्टूबर को विशाल जनसभा का आयोजन किया जाना है.
हालांकि विरोध प्रदर्शन में जुटे आदिवासी समुदाय के लोगों ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू और डोम्बारी बुरु इन दोनों जगहों पर किसी भी तरह की धार्मिक सभा और धार्मिक पदयात्रा नहीं निकाली जा सकती. यह पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी मुंडा समुदाय का क्षेत्र है. यहां ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक है. मुंडा समुदाय के लोगों ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वे उलिहातू और डोम्बारी में आकर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं, पूजा कर सकते हैं. कई बार विभिन्न राजनीतिक पार्टियां भी यहां आकर भगवान बिरसा को नमन करते हैं, सम्मान देते हैं. उसका आजतक यहां के स्थानीय मुंडा समुदाय ने विरोध नहीं किया, लेकिन आज जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल अपनी धार्मिक यात्रा की शुरुआत उलिहातू से करना चाहती थी, तो उसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया.
खूंटी के आदिवासी महिला नेत्री दुर्गावती ने कहा कि आज यहां मनमर्जी से आकर किसी के ऊपर धर्म थोपना और सरना सनातन एक है कहना सरासर गलत है. भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की. इसे किसी धर्म विशेष की पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल उलिहातू से शौर्य जागरण यात्रा की शुरुआत करने वाले थे, लेकिन यहां का मुंडा आदिवासी समाज सामूहिक चिंतन मंथन किया और इस निर्णय पर पहुंचा कि ये सरासर आदिवासियों के विनाश का रास्ता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश की वर्तमान आदिवासी महामहिम राष्ट्रपति को जब मंदिर में घुसने नहीं दिया गया तो आज पांचवीं अनुसूची वाले ग्राम सभा क्षेत्र में बगैर अनुमति के क्यों यहां घुसने दिया जाएगा. पूरे देश में कानून सबके लिए बराबर है.

गुटुहातू पंचायत के मुखिया सूरजु हस्सा ने बताया कि ये आदिवासियों के लिए बेहतर नहीं है. शौर्य जागरण यात्रा का विरोध करने में मुख्य रूप से आदिवासी नेत्री दुर्गावती ओड़िया, गुटुहातू पंचायत के मुखिया सूरजु हस्सा, कूदा मुखिया अमर सिंह मुंडा, मुंसी मुंडा, तड़कन मुंडा, बिरसा मुंडा और बसिंह मुंडा मुख्य रूप से शामिल रहे. जबकि दिगड़ी पंचायत,गुटुहातू,तिरला,कूदा, कुदपुर्ति,गोआ, बारूडीह और मारंगहादा पंचायत के दर्जनों गांव के ग्रामीण किताहतु मोड़ पर विरोध प्रदर्शन में शामिल थे.

दुर्गावती ओड़िया, आदिवासी नेत्री, सूरजु हस्सा,मुखिया,गुटुहातू पंचायत और बिनोद जायसवाल, विहिप अध्यक्ष, खूंटी का बयान

खूंटी: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की आज होने वाली शौर्य जागरण यात्रा उलिहातू से आरंभ न होकर बिरसा पार्क खूंटी से आरंभ की गई. जब सवाल किया गया कि जागरण यात्रा उलिहातू से शुरू क्यों नहीं हो सकी? इस सवाल का जवाब देते हुए विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि शौर्य जागरण यात्रा उलिहातू से प्रारंभ की जानी थी, लेकिन असामाजिक तत्वों के उकसावे के कारण सायको में विरोध प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि मुंडा आदिवासी हिंदुओं के भाई हैं. वे ऐसा नहीं कर सकते. हमलोग उलिहातू नहीं गए क्योंकि हम लोग कोई टकराव नहीं चाहते थे.

ये भी पढ़ें: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यक्रम को ग्रामीणों ने रोका, कहा- किसी पर जबरन ना थोपें अपना मत

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि आगामी 22 जनवरी की भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगा. इसके लिए वे घर घर जाकर लोगों को संदेश दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने खूंटी के भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शौर्य जागरण यात्रा पर निकालने वाले थे जो खूंटी, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम होते हुए जमशेदपुर और तमाड़ बुंडू सड़क मार्ग से रिंग रोड होकर जगन्नाथ मंदिर परिसर पहुंचती. जिसके बाद जगन्नाथ मैदान में 8 अक्टूबर को विशाल जनसभा का आयोजन किया जाना है.
हालांकि विरोध प्रदर्शन में जुटे आदिवासी समुदाय के लोगों ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू और डोम्बारी बुरु इन दोनों जगहों पर किसी भी तरह की धार्मिक सभा और धार्मिक पदयात्रा नहीं निकाली जा सकती. यह पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी मुंडा समुदाय का क्षेत्र है. यहां ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक है. मुंडा समुदाय के लोगों ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वे उलिहातू और डोम्बारी में आकर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं, पूजा कर सकते हैं. कई बार विभिन्न राजनीतिक पार्टियां भी यहां आकर भगवान बिरसा को नमन करते हैं, सम्मान देते हैं. उसका आजतक यहां के स्थानीय मुंडा समुदाय ने विरोध नहीं किया, लेकिन आज जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल अपनी धार्मिक यात्रा की शुरुआत उलिहातू से करना चाहती थी, तो उसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया.
खूंटी के आदिवासी महिला नेत्री दुर्गावती ने कहा कि आज यहां मनमर्जी से आकर किसी के ऊपर धर्म थोपना और सरना सनातन एक है कहना सरासर गलत है. भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की. इसे किसी धर्म विशेष की पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल उलिहातू से शौर्य जागरण यात्रा की शुरुआत करने वाले थे, लेकिन यहां का मुंडा आदिवासी समाज सामूहिक चिंतन मंथन किया और इस निर्णय पर पहुंचा कि ये सरासर आदिवासियों के विनाश का रास्ता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश की वर्तमान आदिवासी महामहिम राष्ट्रपति को जब मंदिर में घुसने नहीं दिया गया तो आज पांचवीं अनुसूची वाले ग्राम सभा क्षेत्र में बगैर अनुमति के क्यों यहां घुसने दिया जाएगा. पूरे देश में कानून सबके लिए बराबर है.

गुटुहातू पंचायत के मुखिया सूरजु हस्सा ने बताया कि ये आदिवासियों के लिए बेहतर नहीं है. शौर्य जागरण यात्रा का विरोध करने में मुख्य रूप से आदिवासी नेत्री दुर्गावती ओड़िया, गुटुहातू पंचायत के मुखिया सूरजु हस्सा, कूदा मुखिया अमर सिंह मुंडा, मुंसी मुंडा, तड़कन मुंडा, बिरसा मुंडा और बसिंह मुंडा मुख्य रूप से शामिल रहे. जबकि दिगड़ी पंचायत,गुटुहातू,तिरला,कूदा, कुदपुर्ति,गोआ, बारूडीह और मारंगहादा पंचायत के दर्जनों गांव के ग्रामीण किताहतु मोड़ पर विरोध प्रदर्शन में शामिल थे.

Last Updated : Sep 28, 2023, 9:14 PM IST
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