खूंटी: जिला के घोर नक्सल प्रभावित अड़की प्रखंड क्षेत्र के बिरबांकी के मुख्यालय में आज भी मोबाइल और इंटनेट की कनेक्टिविटी नहीं है. जिससे कारण ग्रामीण काफी परेशान हैं. विकास का काम पूरी तरह बाधित है. इसकी मांग वे सालों से करते आ रहे हैं, उनकी बातें कोई सुनने वाला नहीं. बिरबांकी और उसके सभी 12 टोलों के ग्रामीणों की संयुक्त ग्रामसभा की बैठक हुई. जिसमें ग्रामीणों ने सशक्त तरीके से बिरबांकी में सभी मोबाइल कंपनियों का टावर लगाने की मांग की. ग्रामसभा ने घोषणा की कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे.
ये भी पढ़ें- गोल्ड पर निशानाः 41वीं एनटीपीसी जूनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में झारखंड को स्वर्ण पदक
शिक्षा पर पड़ रहा है प्रभाव
ग्रामसभा में सबन समद ने कहा कि इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं रहने से बिरबांकी समेत दक्षिणी अड़की के सात पंचायतों के हजारों बच्चे एक साल तक शिक्षा से दूर रहे. लॉकडाउन के दौरान शहरों के बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हुई, पर गांवों के बच्चे शिक्षा से दूर रहे. ग्रामसभा सरकार से मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की मांग कर रहे हैं. मुखिया जवरा मुंडा ने कहा कि उनके पंचायत बिरबांकी और बोहोंडा पंचायत के कुरूंगा में सीआरपीएफ और पुलिस कैंप है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, बिरबांकी सात पंचायतों का मुख्यालय और मुख्य बाजार हैं, कई स्कूल हैं लेकिन यहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है. बीएसएनएल का टावर है, जिससे इंटरनेट काम नहीं करता है. मोबाइल पर भी काफी मुश्किल से कट-कटकर बात हो पाती है. ये सामूहिक समस्या है, इसके लिए गांव के लोग सामूहिक रूप से आवाज उठा रहे हैं.
सूचनाओं से वंचित है पूरा गांव
बैजनाथ समद और बोगन सिंह मुंडा ने कहा कि इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने से इलाके में विकास के काम बाधित है. गांवों में लोग सूचनाओं से वंचित रहते हैं. बिरबांकी के 14 किमी परिधि में इंटरनेट की सेवा नहीं रहने से पूरा इलाका परेशान है. ग्रामसभा में पहुंचे कांग्रेस सहकारिता विभाग के नईमुद्दीन खां ने कहा कि वो ग्रामीणों के इस मांग का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अपने पार्टी के मंत्रियों से बात करेंगे. उन्होंने बताया कि राज्य के चार मंत्रियों से बिरबांकी आने को लेकर बातचीत चल रही है. उन्होंने भरोसा जताया कि वे इस समस्या के सामधान के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे.