खूंटीः जिला के कर्रा प्रखंड के जलटंडा जंगल में लगी साल (सखुआ) के पेड़ काटे जाने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पिछले दिनों पेड़ काटे गए थे लेकिन काटे गए जंगल के पेड़ कहां गए, यह किसी को पता नहीं. भारी संख्या में जंगल से पेड़ काटे जाने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को भी है. लेकिन ताज्जुब इस बात का है कि अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सीओ और डीएफओ दोनों एक दूसरे के पाले में गेंद को उछाल रहे हैं.
भारी संख्या में खूंटी में साल के पेड़ काटे जाने का मामला अधिकारियों के संज्ञान में है. लेकिन साल के पेड़ की चोरी या जंगल कटाई के मामले को लेकर कर्रा के रेंजर राकेश कुमार ने बताया कि जमीन से संबंधित जानकारी के लिए कर्रा सीओ को पत्रचार किया गया है, इसपर सीओ की ओर से किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी है. इसके साथ ही विभागीय आदेश भी नहीं मिला है, जिसके कारण कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है. उन्होंने कहा कि विभागीय आदेश मिलते ही उचित कार्रवाई की जाएगी.
इधर सीओ ने वन विभाग द्वारा जमीन संबंधित जानकारी के लिए किए गए पत्राचार की पुष्टि की और कहा कि जिस जमीन से पेड़ काटे गए थे वो गैरमजरूआ है, जिसकी जानकारी वन विभाग को भी दी गई. सीओ ने कहा कि जमीन किसी की भी हो लेकिन बिना परमिशन बड़ी संख्या में सखुआ पेड़ को काटना गंभीर मामला है. जबकि डीएफओ कुलदीप मीणा ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है और सीओ को कार्रवाई के लिए कहा गया है. लेकिन सीओ का कहना है कि कार्रवाई वन विभाग को करना है सीओ को नहीं. हालांकि डीएफओ ने कहा कि जल्द ही आंकलन कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.