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सरदार गया मुंडा की जयंती पर खूंटी पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

सरदार गया मुंडा की जयंती कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान सरदार गया मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. साथ ही सरदार गया मुंडा के वंशजों से मुकालात कर उनका हाल जाना. Union Minister Arjun Munda visited Khunti.

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Union Minister Arjun Munda Visited Khunti
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 22, 2023, 10:04 PM IST

खूंटी: भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति रहे सरदार गया मुंडा की जयंती पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा ने रविवार को एटकेडीह गांव पहुंचकर सरदार गया मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. इस दौरान लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा, अखिल भारतीय सरना समाज के अध्यक्ष भीम सिंह मुंडा, आइटीडीए डायरेक्टर संजय भगत, सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार समेत अनेक लोगों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरदार गया मुंडा के वंशज रमाय मुंडा सहित परिजनों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना.

ये भी पढ़ें-कड़िया मुंडा और नीलकंठ सिंह मुंडा ने किया नेताजी चौक पूजा पंडाल का उद्घाटन, जिले वासियों को दी दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं

सरदार गया मुंडा की जयंती पर मेला का आयोजनः सरदार गया मुंडा की जयंती पर मेला का भी आयोजन किया गया था. जहां केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी पहुंचे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री का स्वागत परंपरागत तरीके से किया गया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ अर्जुन मुंडा भी लोक नृत्य पर थिरकते नजर आये. इस मौके पर संबोधित करते हुए जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरदार गया ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था. उनके इस बलिदान को पूरा देश नमन करता है. उन्होंने कहा कि समाज का विकास तभी हो सकता है, जब ग्रामीणों की आवश्यकता के अनुसार गांव का विकास हो. इसलिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट बनाया गया है. गांव का विकास तब होगा, जब गांव की जरूरत के अनुसार योजनाओं को गांव में क्रियान्वित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने लड़ाई लड़कर अपनी पहचान बनायी है, उसी प्रकार विकास के लिए जनजातीय लोगों भी पहचान बनाना है.

शराब का त्याग कर शिक्षा पर फोकस करे आदिवासी समाजः वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पद्म भूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि शराब एक समय में पूजा-अर्चना करने के लिए उपयोग में लायी जाती थी, लेकिन आज के समय में लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. इससे व्यक्तियों का ह्रास हो रहा है. शराब सेवन के कारण कई लोगों का बुढ़ापा भी नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि शराब विकास में बाधक बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि जनजातियों के विकास के लिए शिक्षा और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. साथ ही संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है, तभी हमारा समाज आगे बढ़ सकेगा.

खूंटी: भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति रहे सरदार गया मुंडा की जयंती पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा ने रविवार को एटकेडीह गांव पहुंचकर सरदार गया मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. इस दौरान लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा, अखिल भारतीय सरना समाज के अध्यक्ष भीम सिंह मुंडा, आइटीडीए डायरेक्टर संजय भगत, सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार समेत अनेक लोगों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरदार गया मुंडा के वंशज रमाय मुंडा सहित परिजनों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना.

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सरदार गया मुंडा की जयंती पर मेला का आयोजनः सरदार गया मुंडा की जयंती पर मेला का भी आयोजन किया गया था. जहां केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी पहुंचे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री का स्वागत परंपरागत तरीके से किया गया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ अर्जुन मुंडा भी लोक नृत्य पर थिरकते नजर आये. इस मौके पर संबोधित करते हुए जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरदार गया ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था. उनके इस बलिदान को पूरा देश नमन करता है. उन्होंने कहा कि समाज का विकास तभी हो सकता है, जब ग्रामीणों की आवश्यकता के अनुसार गांव का विकास हो. इसलिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट बनाया गया है. गांव का विकास तब होगा, जब गांव की जरूरत के अनुसार योजनाओं को गांव में क्रियान्वित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने लड़ाई लड़कर अपनी पहचान बनायी है, उसी प्रकार विकास के लिए जनजातीय लोगों भी पहचान बनाना है.

शराब का त्याग कर शिक्षा पर फोकस करे आदिवासी समाजः वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पद्म भूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि शराब एक समय में पूजा-अर्चना करने के लिए उपयोग में लायी जाती थी, लेकिन आज के समय में लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. इससे व्यक्तियों का ह्रास हो रहा है. शराब सेवन के कारण कई लोगों का बुढ़ापा भी नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि शराब विकास में बाधक बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि जनजातियों के विकास के लिए शिक्षा और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. साथ ही संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है, तभी हमारा समाज आगे बढ़ सकेगा.

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