खूंटीः नक्सली हमले में शहीद तोरपा के पूर्व थाना प्रभारी अमित तिवारी को तोरपा थाना के सामने श्रद्धांजलि अर्पित की गई. मंगलवार देर शाम के मुख्य चौक स्थित थाना गेट के समीप श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें बारी-बारी से लोगों ने शहीद अमित तिवारी की तस्वीर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित की. शहीद अमित तिवारी के बारे में लोगों ने बताया कि अमित तिवारी ऐसे पुलिस अफसर थे जिन्होंने आम लोगों को बेहिचक थाना पहुंचने का हिम्मत दिया था. उनके कार्यकाल में लोग आसानी से थाना पहुंचते थे और अपनी शिकायत दर्ज कराते थे.
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लोगों ने कहा कि कल तक ग्रामीण नक्सलियों के खौफ और दहशत के कारण थाना नहीं जाते थे और ना ही पुलिस से बात करते थे. ऐसे समय पर जब अमित तिवारी की पोस्टिंग तोरपा में हुई तो उन्होंने आमजनों का भरोसा जीता और उसके बाद लोग तोरपा थाना तक पहुंच अपनी समस्याओं को आसानी से रख पाते थे. थाना प्रभारी रहते अमित तिवारी भी समस्या का समाधान करते थे. इस दौरान मौजूद एमपी सिंह ने बताया कि अमित तिवारी ने थाना प्रभारी रहते क्षेत्र में नक्सल और अवैध कारोबार में शामिल लोगों पर अंकुश लगा दिया था. इस कारण आज तोरपा चौक ही नहीं पूरे थाना क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम है.
गौरतलब है कि 14 अगस्त की रात चाईबासा में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जांबाज शहीद हो गए थे. मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई इस मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए थे. शहीद अमित तिवारी 2012 बैच के सब-इंस्पेक्टर थे और वह पलामू के रहने वाले थे. अमित तिवारी तोरपा थाना में वर्ष 2015 से 2018 तक थाना प्रभारी रहे थे. जबकि 2018 से 2019 तक कर्रा के थाना प्रभारी रहे थे. इस मौके पर मुख्य रूप से एमपी सिंह, ऋषभ षाढंगी, शैलेश राजकला, नीरज जायसवाल, ज्ञानहंस ओझा, सुबोध जायसवाल सहित बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे.