खूंटी: अवैध बालू के डंपिंग यार्ड में बालू उठाव कार्य में लगी जेसीबी को आग लगाने में शामिल पीएलएफआई के दो माओवादियों को तोरपा पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही घटना में शामिल एक को भी निरुद्ध किया गया है. दरअसल, 20 मई तड़के तीन बजे के करीब आठ की संख्या में पहुंचे हथियारबंद माओवादियों ने घटना को अंजाम देकर दहशत फैलाने की कोशिश की थी.
गुप्त सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाईः गिरफ्तार माओवादी उमेश गोप, विनोद कुमार और एक नाबालिग से पुलिस ने सात जिन्दा कारतूस, दो मोबाइल फोन , एक मोटरसाइकिल, पीएलएफआई का तीन पर्चा और चंदा रसीद बरामद किया है. आगजनी की घटना के बाद तोरपा पुलिस लगातार कार्रवाई में जुटी थी, लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिल रही थी. शुक्रवार को एसपी अमन कुमार को मिली सूचना पर तोरपा थाना प्रभारी मनीष कुमार ने कार्रवाई करते हुए दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया और एक नाबालिग को निरुद्ध किया.
तोरपा के कोटोंगसेरा में माओवादियों ने जेसीबी में लगा दी थी आगः इस संबंध में तोरपा डीएसपी ओपी तिवारी ने बताया कि तोरपा के कोटोंगसेरा में हुई आगजनी की घटना को पीएलएफआई के उग्रवादियों ने अंजाम दिया था. पुलिस गिरफ्त में नाबालिग और उनके अन्य सहयोगियों ने अवैध बालू का उठाव कार्य में लगे जेसीबी चालक से मारपीट करने के बाद उसे भगा दिया था और बाद में जेसीबी में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद सभी माओवादी फरार हो गए थे.
मास्टरमाइंड का पता लगा रही है पुलिसः पुलिसिया पूछताछ में माओवादियों ने पुलिस को बताया कि पीएलएफआई से जुड़े अन्य सहयोगियों ने फोन कर घटना को अंजाम देने की बात कही थी. घटना से पूर्व 19 मई के दिन को सभी माओवादियों ने कुली गांव में बतख का मीट खाया. उसके बाद कोटोंगसेरा इलाके में ही एक जगह एकत्रित होकर घटना को अंजाम देने की रणनीति बनाई. उसके बाद 20 मई की तड़के योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया. हालांकि इस घटना का मास्टरमाइंड कौन है इस बात का पुलिस पता लगा रही है.
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का आ रहा है नामः प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के फरमान से ही आगजनी की घटना को माओवादियों ने अंजाम दिया था. इस घटना में शामिल लगभग सभी माओवादी नए हैं, जिन्होंने पीएलएफआई संगठन से जुड़कर क्षेत्र में दहशत फैलाने की योजना बनाई थी. पुलिस ने दावा किया है कि नए युवकों को जल्द ही चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन उससे पहले इस घटना के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करना जरूरी है.
आपसी वर्चस्व को लेकर माओवादियों ने घटना को दिया अंजामः बताते चलें कि जेसीबी मालिक चंदन उर्फ चंदू जायसवाल अवैध बालू माफिया के अलावा पीएलएफआई का सहयोगी भी रहा है. संभावना जताई जा रही है कि आपसी वर्चस्व को लेकर आगजनी की घटना हुई थी. हालांकि फरार आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा.
दिनेश गोप ने बालू का उठाव नहीं करने की दी थी चेतावनीः गौरतलब है कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने डेढ़ माह पूर्व बालू घाटों से अवैध ढंग से बालू उठाव नहीं करने का फरमान सुनाया था. बालू माफियाओं को भी फोन कर चेतावनी दी गई थी कि संगठन से वार्ता के बाद बालू का खनन और परिहवन होगा, लेकिन 20 से 22 दिनों बाद ही बालू उठाव शुरू हो गया. अवैध बालू खनन के महज कुछ दिनों बाद ही बालू के डंपिंग यार्ड में बालू उठाव में लगी जेसीबी को आग के हवाले कर दिया गया. इस घटना के कुछ दिन बाद ही दिनेश गोप को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार माओवादियों के विरुद्ध विभिन्न थानों में दर्ज है केसः गिरफ्तार माओवादी गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के कुली गांव निवासी बिनोद कुमार के खिलाफ गुमला जिले के कामडारा थाना में कांड सं 27/17 धारा-302/201/34/120 (बी) भादवि और 17 सीएलए एक्ट और कांड संख्या 18/19 धारा 452/302/307/326/120 (बी) भादवि,27 आर्म्स एक्ट और 17 सीएलए एक्ट के तहत मामला भी दर्ज है. जबकि दूसरा आरोपी तोरपा थाना क्षेत्र के ईचाग्वार टोली निवासी उमेश गोप शामिल है. छापेमारी अभियान में थाना प्रभारी मनीष कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक प्रीतम राज, सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार सहित तोरपा थाना और तोरपा थाना सशस्त्र बल के अलावा सैट 120 के जवान शामिल थे.