रांची: टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में महिला हॉकी पुल-ए का पहला मैच शनिवार को खेला जाएगा. इस मैच में भारत का मुकाबला नीदरलैंड के साथ होगा. भारतीय समय अनुसार मैच शाम 5:15 बजे से शुरू हो जाएगा. इस मैच में भारतीय टीम की ओर से झारखंड की दो बेटियां जीत के लिए जोर लगाएंगी.
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झारखंड की दो बेटियां नीदरलैंड की खिलाड़ियों के लिए दीवार बन कर खड़ी रहेंगी. खूंटी की रहने वाली निक्की प्रधान (Nikki Pradhan) हॉकी के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला मिडफिल्ड की बेहतीन खिलाड़ी हैं. अगर निक्की प्रधान रूपी दीवार को भेदने में नीदरलैंड के खिलाड़ी कामयाब हो भी जाएंगे तो आगे डिफेंडर सलीमा टेटे (Salima Tete) खड़ी रहेंगी, जिससे गेंद को आगे निकाल पाना विपक्षी खिलाड़ी के लिए मुश्किल होगा.
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2015 से लगातार टीम में जगह
झारखंड के खूंटी जिले के हेसल गांव में 8 दिसंबर 1993 जन्मी निक्की प्रधान अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपनी पहचान बना चुकी हैं. टोक्यो ओलंपिक 2021 में वो दूसरी बार भारत की तरफ से हिस्सा ले रही हैं. निक्की प्रधान (Nikki Pradhan) चार बहनें और एक भाई है. सभी बहने हॉकी खिलाड़ी हैं. निक्की पहले बांस के हॉकी स्टिक और बॉल बनाकर अपने भाई-बहनों के साथ खेलती थी. फिर उसने खूंटी में ही दशरथ महतो से ट्रेनिंग ली. उसके बाद उसका सेलेक्शन रांची के बरियातू में आवासीय हॉकी सेंटर के लिए हुआ. 2011 रांची में ही खेले गए 34वें राष्ट्रीय खेल में झारखंड से खेलते हुए निक्की ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था. 2015 में निक्की ने फिर से 35वें नेशनल गेम्स में जोरदार प्रदर्शन किया फिर भारतीय टीम में उसका चयन हो गया.
रियो ओलंपिक भी खेल चुकी हैं निक्की
2016 रियो ओलंपिक खेलन गई भारतीय महिला टीम में निक्की का चयन हुआ. निक्की प्रधान (Nikki Pradhan) भारत की ओर से ओलंपिक, हॉकी विश्व और एशिया कप में भारतीय टीम के लिए खेल चुकी हैं. निक्की प्रधान ने अब तक भारत की ओर से 104 मैच खेला है और दो गोल भी दागे हैं. निक्की प्रधान टीम के लिए बेहतरी मिडफिल्डर की भूमिका निभाती हैं.
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10 साल की उम्र से खेल रही हैं हॉकी
झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव बड़की छापर गांव में 27 दिसंबर 2001 को सुलक्षण टेटे के घर एक लड़की ने जन्म लिया. उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि बड़ी होकर यह लड़की दुनिया में अपना और अपने गांव का नाम रौशन करेगी. हम बात कर रहे हैं भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी सलीमा टेटे (Salima Tete) की. सलीमा टेटे टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय टीम की हिस्सा है. सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे हॉकी के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. लिहाजा सलीमा में हॉकी के गुण घर से ही मिला. सलीमा जब दस साल की हुई तब से ही उसके पिता उसे जिला स्तर पर होने वाले प्रतियोगिता में खिलवाने के लिए ले जाते थे. इस दौरान सलीमा ने सभी को अपने खेल से प्रभावित किया. इस दौरान सलीमा ने कई पुरस्कार भी जीता.
घर से ही सीखी हॉकी
12 साल की उम्र में साल 2013 में सलीमा टेटे (Salima Tete) का चयन झारखंड टीम के लिए हो गया. 2014 सलीमा ने राष्ट्रीय सब जूनियर महिला प्रतियोगिता में झारखंड के लिए खेला. टीम ने उस समय रजद पदक जीता था. इसके बाद सलीमा का चयन राष्ट्रीय टीम के लिए हो गया. सलीमा भारत की ओर से 29 मैच खेल चुकी हैं. सलीमा बेहतरीन डिफेंटर के रुप में जानी जाती हैं. सलीमा के मैदान पर रहते गेंद गोल तक पहुंचाने में लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती हैं.