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खूंटी में टेराजाइम केमिकल से बने रोड का ट्रायल सफल, राज्य में 300 किमी सड़क निर्माण में होगा इस्तेमाल

Terrazyme chemical in Jharkhand. झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कें अब पहले से ज्यादा मजबूत होंगी. अब इनके निर्माण में टेराजाइम का इस्तेमाल किया जाएगा.

Three hundred kilometers of road will be built with Terrazyme chemical in Jharkhand
Three hundred kilometers of road will be built with Terrazyme chemical in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2024, 1:43 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 2:13 PM IST

जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी

खूंटीः प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनने वाली सड़कें अब काफी दिनों तक चलेंगी. केंद्र सरकार ने इसकी पहल खूंटी पथ प्रमंडल के माध्यम से बनाई जा रही पीएमजीएसवाई सड़क से की है. यह सड़क साढ़े तीन किलोमीटर लंबी और 5 मीटर चौड़ी खूंटी पथ प्रमंडल के बुंडू सबडिवीजन के क्षेत्र अंतर्गत तूंजु से गुटुहातू के बीच बनाई गई है. अभी सड़क किनारे मिट्टी मोरम भराव का कार्य अंतिम चरण में है. झारखंड के खूंटी में ट्रायल की गई यह सड़क सक्सेस रही और सरकार जल्द ही राज्य को 300 किमी की सड़कें देगी. विभाग का दावा है कि इस सड़क की मजबूती सालों तक रहेगी.

तूंजु से गुटुहातू जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का निर्माण साढ़े तीन करोड़ की लागत से टेराजाइम केमिकल से किया गया है. टेराजाइम ऐसा फॉर्मूलेशन है जो मिट्टी की भौतिक और रसायनिक विशेषताओं को बदल देता है. टेराजाइम मिट्टी के कणों के करीबी के माध्यम से मिट्टी की स्थिरता में वृद्धि करता है, जिससे मिट्टी के कणों को गीला करने और जोड़ने की क्षमता बढ़ जाती है. सड़क में पूर्व निर्मित पत्थर के चिप्स और अलकतरा को निकालकर रिसाइकल किया गया और उसी रिसाइकल मटेरियल में टेराजाइम केमिकल का इस्तेमाल किया गया, इसके साथ ही जियो फाइबर का भी इस्तेमाल किया गया. इससे सड़क पर पानी गिरने से सड़क खराब नहीं होगी. झारखंड में पहली बार टेराजाइम केमिकल के इस्तेमाल से सड़क पुनर्निर्माण का ट्रायल किया गया है. इसकी बेहतर गुणवत्ता के आधार पर राज्य में 300 किलोमीटर समान गुणवत्ता की सड़क का निर्माण कराया जाएगा.

खूंटी डिविजन के ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता और एसडीओ भी पीएमजीएसवाई के बेहतर गुणवत्ता को लेकर आशान्वित हैं और कहते हैं कि पूर्व में बने सड़क के मटेरियल को निकालकर उसमें बेहतर गुणवत्तायुक्त टेराजाइम मिलाकर सड़क का निर्माण कराया गया है. कहा जा सकता है कि सड़क के पुराने मटेरियल का न्यू टेक्नोलॉजी के माध्यम से रेनॉवेशन किया गया है. इससे सड़क बेहतर, मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली सड़क बनेगी. इस सड़क पर बड़े और भारी वाहनों के परिचालन से दरार नहीं पड़ेगी. दरार न होने से बारिश के मौसम में सड़कें जर्जर नहीं होंगी. आने वाले दिनों में राज्य में इसी तर्ज पर पीएमजीएसवाई सड़कों का पुनर्निर्माण कराया जाएगा.

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जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी

खूंटीः प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनने वाली सड़कें अब काफी दिनों तक चलेंगी. केंद्र सरकार ने इसकी पहल खूंटी पथ प्रमंडल के माध्यम से बनाई जा रही पीएमजीएसवाई सड़क से की है. यह सड़क साढ़े तीन किलोमीटर लंबी और 5 मीटर चौड़ी खूंटी पथ प्रमंडल के बुंडू सबडिवीजन के क्षेत्र अंतर्गत तूंजु से गुटुहातू के बीच बनाई गई है. अभी सड़क किनारे मिट्टी मोरम भराव का कार्य अंतिम चरण में है. झारखंड के खूंटी में ट्रायल की गई यह सड़क सक्सेस रही और सरकार जल्द ही राज्य को 300 किमी की सड़कें देगी. विभाग का दावा है कि इस सड़क की मजबूती सालों तक रहेगी.

तूंजु से गुटुहातू जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का निर्माण साढ़े तीन करोड़ की लागत से टेराजाइम केमिकल से किया गया है. टेराजाइम ऐसा फॉर्मूलेशन है जो मिट्टी की भौतिक और रसायनिक विशेषताओं को बदल देता है. टेराजाइम मिट्टी के कणों के करीबी के माध्यम से मिट्टी की स्थिरता में वृद्धि करता है, जिससे मिट्टी के कणों को गीला करने और जोड़ने की क्षमता बढ़ जाती है. सड़क में पूर्व निर्मित पत्थर के चिप्स और अलकतरा को निकालकर रिसाइकल किया गया और उसी रिसाइकल मटेरियल में टेराजाइम केमिकल का इस्तेमाल किया गया, इसके साथ ही जियो फाइबर का भी इस्तेमाल किया गया. इससे सड़क पर पानी गिरने से सड़क खराब नहीं होगी. झारखंड में पहली बार टेराजाइम केमिकल के इस्तेमाल से सड़क पुनर्निर्माण का ट्रायल किया गया है. इसकी बेहतर गुणवत्ता के आधार पर राज्य में 300 किलोमीटर समान गुणवत्ता की सड़क का निर्माण कराया जाएगा.

खूंटी डिविजन के ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता और एसडीओ भी पीएमजीएसवाई के बेहतर गुणवत्ता को लेकर आशान्वित हैं और कहते हैं कि पूर्व में बने सड़क के मटेरियल को निकालकर उसमें बेहतर गुणवत्तायुक्त टेराजाइम मिलाकर सड़क का निर्माण कराया गया है. कहा जा सकता है कि सड़क के पुराने मटेरियल का न्यू टेक्नोलॉजी के माध्यम से रेनॉवेशन किया गया है. इससे सड़क बेहतर, मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली सड़क बनेगी. इस सड़क पर बड़े और भारी वाहनों के परिचालन से दरार नहीं पड़ेगी. दरार न होने से बारिश के मौसम में सड़कें जर्जर नहीं होंगी. आने वाले दिनों में राज्य में इसी तर्ज पर पीएमजीएसवाई सड़कों का पुनर्निर्माण कराया जाएगा.

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Last Updated : Jan 16, 2024, 2:13 PM IST
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