ETV Bharat / state

एसीबी ने दो दारोगा को रिश्वत लेते रंगेहाथ किया था गिरफ्तार, जेल से बाहर आते ही दी गई थाने की जिम्मेदारी

खूंटी में जिन दो दारोगा को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था (arrested red handed on charges of bribery). उन्हें जेल से रिहा होते ही थाने की जिम्मेदारी दे दी गई है. यही नहीं इनके उपर जो विभागीय कार्रवाई पर डेढ साल बीत जाने पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है.

arrested red handed on charges of bribery
arrested red handed on charges of bribery
author img

By

Published : Sep 8, 2022, 6:21 PM IST

खूंटी: 2021 में दो दरोगाओं को एसीबी ने रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था ( arrested red handed on charges of bribery). बाहर आते ही उन्हें थाने की जिम्मेदारियां मिल गईं हैं. 2012 बैच की मीरा सिंह खूंटी महिला थाना की प्रभारी थीं, 25 फरवरी 2021 को एसीबी ने उन्हें 15 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. दूसरी तरफ 2018 बैच के तत्कालीन तपकारा थाना प्रभारी विक्की ठाकुर को 29 सितंबर 10 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था. दोनों ही थाना प्रभारियों को थाने से गिरफ्तार किया गया था और मामले पर चार्जशीट भी सबमिट किया गया था. इसके अलावा दोनों पर विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. बावजूद एक को रांची जिले के एसएसपी ने तुपुदाना ओपी प्रभारी बना दिया जबकि खूंटी एसपी ने विक्की ठाकुर को खूंटी के मुरहू थाना में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: खूंटी महिला थाना प्रभारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, एसीबी ने की कार्रवाई

नियमानुसार 90 दिनों के भीतर विभागीय कार्रवाई का निष्पादन करना है, लेकिन खूंटी पुलिस लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी विभागीय कार्रवाई पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है. इसके उलट दोनों ही पुलिस अफसरों को थानों में पदस्थापित कर दिया गया है. मीरा सिंह को रांची एसएसपी ने तुपुदाना ओपी प्रभारी बनाया है. जबकि विक्की ठाकुर को मुरहू थाना में पदस्थापित कर दिया गया है.

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने एसीबी के भी डीजी हैं और इनके द्वारा ही दोनों भ्रस्ट पदाधिकारियों को गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवाया गया था. लेकिन अब इन्हें थाना प्रभारी का पद दिया गया है. जिससे इनके मुकदमो में जो साक्षी हैं वह डर और दहशत में हैं. दोनों का मामला खूंटी जिले से जुड़ा है. तत्कालीन खूंटी महिला थाना प्रभारी मीरा सिंह पर आरोप था कि वे दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बचाने के लिए 50 हजार रुपचे की रिश्वत ले रही थीं. पहली किश्त के तौर पर 15 हजार रुपये मांगे गए थे. इसके बाद रिश्वत के पहली किस्त लेते समय एसीबी की टीम ने मीरा को रंगेहाथों गिरफ्तार किया था.

जबकि तत्कालीन तपकारा थाना प्रभारी विक्की ठाकुर ने कुलदीप गुड़िया और उसकी मां के खिलाफ पीडीएस दुकान से अवैध राशन लेने और पीएलएफआई से संबंध रखने का लिखित आवेदन थाना को मिला था. थानेदार के द्वारा शिकायत आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. जानकारी के अनुसार 90 दिनों के भीतर अगर निष्पादन नहीं होता है तो अवधि बढ़ाने के लिए डीआईजी से अनुमति लेनी होती है, लेकिन इस मामले में ये नहीं हुआ है. सूत्रों की माने तो मीरा सिंह ने अभी तक अपना प्रारंभिक स्पस्टीकरण भी समर्पित नहीं किया है.
इधर, रांची के तुपुदाना वासी मीरा सिंह के पोस्टिंग से भयभीत हैं तो विक्की ठाकुर के मुरहू जाने से मुरहू वासी परेशान हैं.

खूंटी: 2021 में दो दरोगाओं को एसीबी ने रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था ( arrested red handed on charges of bribery). बाहर आते ही उन्हें थाने की जिम्मेदारियां मिल गईं हैं. 2012 बैच की मीरा सिंह खूंटी महिला थाना की प्रभारी थीं, 25 फरवरी 2021 को एसीबी ने उन्हें 15 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. दूसरी तरफ 2018 बैच के तत्कालीन तपकारा थाना प्रभारी विक्की ठाकुर को 29 सितंबर 10 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था. दोनों ही थाना प्रभारियों को थाने से गिरफ्तार किया गया था और मामले पर चार्जशीट भी सबमिट किया गया था. इसके अलावा दोनों पर विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. बावजूद एक को रांची जिले के एसएसपी ने तुपुदाना ओपी प्रभारी बना दिया जबकि खूंटी एसपी ने विक्की ठाकुर को खूंटी के मुरहू थाना में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: खूंटी महिला थाना प्रभारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, एसीबी ने की कार्रवाई

नियमानुसार 90 दिनों के भीतर विभागीय कार्रवाई का निष्पादन करना है, लेकिन खूंटी पुलिस लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी विभागीय कार्रवाई पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है. इसके उलट दोनों ही पुलिस अफसरों को थानों में पदस्थापित कर दिया गया है. मीरा सिंह को रांची एसएसपी ने तुपुदाना ओपी प्रभारी बनाया है. जबकि विक्की ठाकुर को मुरहू थाना में पदस्थापित कर दिया गया है.

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने एसीबी के भी डीजी हैं और इनके द्वारा ही दोनों भ्रस्ट पदाधिकारियों को गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवाया गया था. लेकिन अब इन्हें थाना प्रभारी का पद दिया गया है. जिससे इनके मुकदमो में जो साक्षी हैं वह डर और दहशत में हैं. दोनों का मामला खूंटी जिले से जुड़ा है. तत्कालीन खूंटी महिला थाना प्रभारी मीरा सिंह पर आरोप था कि वे दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बचाने के लिए 50 हजार रुपचे की रिश्वत ले रही थीं. पहली किश्त के तौर पर 15 हजार रुपये मांगे गए थे. इसके बाद रिश्वत के पहली किस्त लेते समय एसीबी की टीम ने मीरा को रंगेहाथों गिरफ्तार किया था.

जबकि तत्कालीन तपकारा थाना प्रभारी विक्की ठाकुर ने कुलदीप गुड़िया और उसकी मां के खिलाफ पीडीएस दुकान से अवैध राशन लेने और पीएलएफआई से संबंध रखने का लिखित आवेदन थाना को मिला था. थानेदार के द्वारा शिकायत आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. जानकारी के अनुसार 90 दिनों के भीतर अगर निष्पादन नहीं होता है तो अवधि बढ़ाने के लिए डीआईजी से अनुमति लेनी होती है, लेकिन इस मामले में ये नहीं हुआ है. सूत्रों की माने तो मीरा सिंह ने अभी तक अपना प्रारंभिक स्पस्टीकरण भी समर्पित नहीं किया है.
इधर, रांची के तुपुदाना वासी मीरा सिंह के पोस्टिंग से भयभीत हैं तो विक्की ठाकुर के मुरहू जाने से मुरहू वासी परेशान हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.