खूंटीः नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की अब खैर नहीं. व्यावसायिक कार्यो में बाधक बना सुप्रीमो दिनेश गोप के ठिकानों तक पहुंच बनाने के लिए खूंटी पुलिस जल्द ही उसे सलाखों में भेजने की रणनीति बनाई है. इसके लिए गठित टीम लगातार कार्रवाई में लगी हुई है.
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खूंटी एसपी अमन कुमार ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही दिनेश गोप गिरफ्तार किया जाएगा. सबजोनल कमांडर सुखराम गुड़िया की गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को पकड़ने की रणनीति बनाई गई है. हाल के दिनों में बालू माफियाओं को सुप्रीमो ने माफिया को धमकाया था. जिससे बालू का उठाव बंद था लेकिन अब दोबारा बालू का अवैध कारोबार शुरू हो गया है. इसको लेकर सूत्रों की मानें तो पीएलएफआई से मोटी रकम पर बालू उठाव की डील हुई है तब जाकर जिला में बालू का अवैध उत्खनन एवं परिवहन शुरू हुआ है. एसपी ने भी माना कि जिले में हाल के दिनों में बालू माफियाओं को फोन कर बालू उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने की बात सामने आई थी.
सुखराम गुड़िया कर रहा था डीलः इसके पीछे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएलएफआई सुप्रीमो से वार्ता के बाद ही अवैध बालू का उत्खनन एवं परिवहन शुरू हुआ है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पीएलएफआई से बातचीत करने में दिनेश गोप, नंदलाल गोप और चंदू उर्फ चंदन जायसवाल नाम के बालू माफिया शामिल रहे, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है. लेकिन पुलिस ने दावा किया है कि कुछ दिन पूर्व गिरफ्तार एक लाख इनामी सब जोनल कमांडर सुखराम गुड़िया अवैध बालू तस्करी और बालू उठाव मामले को डील कर रहा था. सुखराम गुड़िया के पास से पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार एके 47 और निशानदेही पर जर्मन एचके 33 वैपन सहित चार दर्जन से अधिक कारतूस बरामद कर चुकी है. ये वो तमाम हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल पीएलएफआई दिनेश गोप इस्तेमाल करता था।.
इसको लेकर एसपी ने अमन कुमार ने बताया कि माफियाओं को धमकाने की सूचना मिली थी. इसमें सुखराम गुड़िया समेत कुछ लोगों का नाम सामने आया था, जिसमें सुखराम पकड़ा गया लेकिन कुछ लोग बचे हैं, जिसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई जारी है. हालांकि एसपी ने पीएलएफआई से वार्ता कर बालू उठाव से इनकार किया है. लेकिन उन्होंने बताया कि खनन विभाग और मजिस्ट्रेट से समन्वय बनाकर खूंटी पुलिस अवैध बालू के खिलाफ अभियान लगातार चलाने की बात जरूर दोहरायी है.
जिले के तोरपा, रनिया और कर्रा प्रखंड क्षेत्रों में अवैध बालू का उठाव एक अरसे से हो रहा है पर माफिया को धमकी के बाद कारोबार बंद हो गया था. लेकिन अब धड़ल्ले से बालू लदे हाइवा सड़कों पर दौड़ रहे हैं. बता दें कि ये इलाका दशकों से बालू का अवैध उत्खनन और पीएलएफआई का वर्चस्व वाला इलाका माना जाता रहा है. पुलिसिया दबिश और कार्रवाई के कारण पीएलएफआई से जुड़े कई नक्सली मारे गए, दर्जनों नक्सलियों की गिरफ्तारी और उनके हथियार जब्त करने के बाद पीएलएफआई कमजोर हो गया. लेकिन अब बालू के कारोबार में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की संलिप्तता स्पष्ट नजर आ रही है.