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जलसंकट से जूझ रहे नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात जवान, कैंप के बाहर नहाने को मजबूर

खूंटी के ग्रामीण इलाकों में जलसंकट की समस्या आम है. इस समस्या से सबसे अधिक डाड़ी, चूंआ और आसपास के ग्रामीण जूझ रहे हैं. अब खूंटी के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षा बल भी जलसंकट की समस्या से जूझने लगे हैं.

खूंटी
नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात जवानों को नहीं मिल रहा पानी
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Published : Apr 8, 2021, 6:15 PM IST

खूंटीः जिले के ग्रामीण इलाकों में जलसंकट की समस्या आम है. इस समस्या से सबसे अधिक डाड़ी, चूंआ और आसपास के ग्रामीण जूझ रहे हैं. अब खूंटी के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षा बल भी जलसंकट की समस्या से जूझने लगे हैं. मजबूरन जवानों को कैंप से बाहर नहाना पड़ रहा है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंःखूंटीः सरकारी और वन भूमि की धड़ल्ले से हो रही प्लॉटिंग, प्रशासन बेखबर

नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात जवान पानी के लिए परेशान हैं. सुरक्षा मे तैनात जवानों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है. इसके बावजूद पानी की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है. स्थिति यह है कि जवानों को प्यास बुझाने के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है. वहीं, स्नान करने के लिए कैंप से बाहर जाना पड़ता है, जहां सहकर्मी जवान सुरक्षा देते हैं.

चिलचिलती धूप में नक्सल अभियान से जवान लौटते हैं, तो स्नान कर फ्रेश होना चाहते हैं. लेकिन, जलसंकट की वजह से फ्रेश नहीं हो पाते हैं. स्थिति यह है कि जवानों को स्नान करने के लिए कैंप से बाहर जाना पड़ता हैं. हालांकि, इस संबंध में कैंप के अधिकारियों व जवानों से बात करने की कोशिश की, तो कैमरे पर बोलने से मना कर दिया. उनका कहना था कि अगर कुछ बोलेंगे, तो विभागीय कार्रवाई हो जाएगी.

खूंटीः जिले के ग्रामीण इलाकों में जलसंकट की समस्या आम है. इस समस्या से सबसे अधिक डाड़ी, चूंआ और आसपास के ग्रामीण जूझ रहे हैं. अब खूंटी के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षा बल भी जलसंकट की समस्या से जूझने लगे हैं. मजबूरन जवानों को कैंप से बाहर नहाना पड़ रहा है.

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नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात जवान पानी के लिए परेशान हैं. सुरक्षा मे तैनात जवानों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है. इसके बावजूद पानी की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है. स्थिति यह है कि जवानों को प्यास बुझाने के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है. वहीं, स्नान करने के लिए कैंप से बाहर जाना पड़ता है, जहां सहकर्मी जवान सुरक्षा देते हैं.

चिलचिलती धूप में नक्सल अभियान से जवान लौटते हैं, तो स्नान कर फ्रेश होना चाहते हैं. लेकिन, जलसंकट की वजह से फ्रेश नहीं हो पाते हैं. स्थिति यह है कि जवानों को स्नान करने के लिए कैंप से बाहर जाना पड़ता हैं. हालांकि, इस संबंध में कैंप के अधिकारियों व जवानों से बात करने की कोशिश की, तो कैमरे पर बोलने से मना कर दिया. उनका कहना था कि अगर कुछ बोलेंगे, तो विभागीय कार्रवाई हो जाएगी.

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