खूंटीः तोरपा प्रखंड के कमडा सिरका टोली गांव के 12 नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि मामले की जांच होनी चाहिए. दोषियों पर कार्रवाई की भी उन्होंने मांग की. उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी अस्मिता बचाने के लिए उलगुलान करने का एलान किया है. पूर्व सीएम रघुवर दास गुरुवार को तपकरा गए और परिजनों से मुलाकात की. रघुवर दास ने धर्मांतरण की शिकायत करने वालों से मामले की जानकारी ली.
रघुवर दास ने मिशनरियों पर कार्रवाई करने और हेमंत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अबुआ राज की बबुआ सरकार के संरक्षण में मिशनरियों को बढ़ावा मिल रहा है. राज्य में विदेशी धर्म के धार्मिक स्थल बने हैं. अंग्रेजों के जाने के बाद भी बहुत लोगों को लीज पर जमीन दी गई थी. बहुत ऐसे जगह है जहां वन विभाग की जमीन पर धर्म के स्थल बने हैं. बहुत सारे आदिवासी जमीन पर स्कूल खोले गए हैं. ऐसे सभी जमीनों पर डीसी से परमिशन लिया है या नहीं इसकी जांच करवाएगी जाएगी. क्योंकि इसपर सीएनटी एसपीटी एक्ट लागू होता है.
उन्होंने कहा कि झारखंड के जनजातीय समाज ने भी संकल्प लिया है कि हमें कोई मिटा नहीं सकता. मिटाने वाले को ही हम मिटा देंगे. रघुवर दास ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, सभी को अपना धर्म मानने का अधिकार है, लेकिन सविंधान ये इजाजत नहीं देती है कि भय, और लालच देकर धर्मांतरित करने का काम करें. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को दोहराते हुए कहा कि वो भी धर्मांतरण का विरोध करते थे. किसी भी सभ्य समाज मे धर्मांतरण शोभा नहीं देता है. अगर कोई स्वेच्छा से धर्म को मानता है तो उसे डीसी से परमिशन लेनी चाहिए न कि गरीबी का फायदा उठाकर धर्मांतरण करवा दें. अगर धर्मांतरण नियमों के विरुद्ध हुआ है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
बता दें कि धर्मांतरण मामले को लेकर तपकरा थाने में मंगलवार को ही आरसी चर्च के पादरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. डीसी शशि रंजन के निर्देश पर एलआरडीसी जितेंद्र मुंडा के बयान पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में कहा गया है कि झारखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2017 में किये प्रावधान के अनुसार धर्म बदलने की अनुमति नहीं है. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.