खूंटी: जिले के 20 बालू घाटों की नीलामी के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. 9 नवंबर को टेंडर खोला जाना है लेकिन उससे पहले ही जिले में निकाले गये टेंडर पर कई सवाल उठने लगे हैं. खनन विभाग ने जिले के सभी छह प्रखंडों को मिलाकर 27 बालू घाटों को चिह्नित किया है, जिसमें वे बालू घाट भी शामिल हैं, जहां बालू नहीं के बराबर है. वहीं जिन घाटों पर दशकों से अवैध खनन हो रहा है, उन्हें नीलामी से बाहर रखा गया है. तोरपा के गीदम, कुलदा, कोटेंगसेरा, रनिया प्रखंड क्षेत्र के कोटांगेर और उरीकेल जबकि कर्रा के बमरजा, लापा और बकसपुर बालू घाट ऐसे हैं जहां दशकों से अवैध खनन चल रहा है. कहा जा सकता है कि खनन विभाग ने अप्रत्यक्ष रूप से जिले के खनन माफियाओं को अवैध खनन करने की छूट दे दी है.
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इन स्थानों को नहीं किया गया शामिल: दशकों से अवैध उत्खनन हो रहे तोरपा का गीडुम, कुलडा, कोटेंगसेरा, रनिया प्रखंड क्षेत्र के कोटांगेर और उड़ीकेल जबकि कर्रा के बमरजा, लापा और बकसपुर बालू घाट इस नीलामी से बाहर हैं. खनन पदाधिकारी ने तर्क दिया है कि ये सभी क्षेत्र वन विभाग के दायरे में आते हैं, जिसके कारण खनन विभाग ने उन स्थलों को शामिल नहीं किया. हालांकि, उन्होंने दावा जरूर किया है कि इस संबंध से विभागीय चर्चा के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी और इन घाटों का भी टेंडर कराया जाएगा.
9 नवंबर को खुलेगा टेंडर: खनन विभाग के खनन पदाधिकारी नदीम सफी ने बताया कि जिले के 27 बालू घाटों में से एक घाट की नीलामी पहले ही कर जेएसएमडीसी को भेजा जा चुका है, जबकि 20 बालू घाटों की नीलामी के लिए टेंडर निकाला जा चुका है. एजेंसियां 8 नवंबर तक टेंडर में भाग ले सकेंगी और 9 नवंबर को टेंडर खुलेगा और उसके बाद वित्तीय प्रक्रिया शुरू होगी. खनन पदाधिकारी ने कहा कि इसमें वही कंपनियां भाग ले सकेंगी जो जेएसएमडीसी के अधीन एजेंसी हैं. सबसे पहले झारखंड और स्थानीय स्तर की एजेंसियों को नियमानुसार प्राथमिकता दी जायेगी. दशकों से चल रहे अवैध खनन को घाटों की सूची में शामिल नहीं किये जाने के सवाल पर खनन पदाधिकारी ने कहा कि कुछ क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आते हैं और खनन माफिया बहुत ही चालाकी और योजनाबद्ध तरीके से रेतीली जमीन पर रेत डंप और परिवहन करते हैं. जिसके कारण उन्हें चिन्हित नहीं किया जा सका.
इन स्थानों को किया गया नीलामी में शामिल: खनन विभाग ने जिन स्थानों को चिन्हित कर टेंडर किया है उसमें रनिया और तोरपा प्रखंड में बनाई और कोचा घाट को मिलाकर 14.40 एकड़, अड़की प्रखंड के बारीगड़ा में 23.34 एकड़, कर्रा प्रखंड के गोविंदपुर में 11.85 एकड़, अड़की प्रखंड में गुरबेड़ा में 11.6 एकड़, रनिया प्रखंड में काईनारा और जराकेल मिलाकर 14.50 एकड़, अड़की के मैपा में 20.31 एकड़, तोरपा के निचितपुर और उलिहातू को मिलाकर 36.10 एकड़, रनिया के सोदे में 10.21 एकड़. इसी तरह तोरपा के बारकुली में 4.36 एकड़, कर्रा के बूढ़ीरोमा में 1.74 एकड़, तोरपा के चुरगी में 3.25 एकड़, तोरपा के दियांकेल में 2.60 एकड़, मुरहू के पांडु में 2.80 एकड़, तोरपा में राम जय में 1.50 एकड़, तोरपा के बारकुली में 6.95 एकड़, तोरपा के दियांकेल और कसमार को मिलाकर 5.60 एकड़, तोरपा के मानहातु और कसमार में 5.20 एकड़, अड़की के सारगेया में 6.28 एकड़ और रनिया के सोदे में 7.10 एकड़ बालू घाट शामिल हैं.