खूंटी: जिला के बैंक मित्रों से लूट करवाने वाले कोई और नहीं बल्कि उनके ही सहयोगी बैंक मित्र निकले. अड़की में नवंबर 2021 और अप्रैल 2022 को हुए लूटकांड का मास्टरमाइंड दाऊद नाग, आशीष नाग और उनका सहयोगी महादेव मुंडा और लाल महतो था. लाल महतो को किसी अन्य मामले में पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है. लूटकांड के खुलासा के बाद गिरफ्तार हुए बैंक मित्रों ने पुलिस को दिए बयान में अपराध स्वीकारा है. बैंक मित्रों ने आपसी प्रतिद्वंद्विता के कारण लूटकांड को अंजाम दिया. लूटकांड की घटनाओं के मास्टरमाइंड समेत उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी खूंटी पुलिस ने कर ली है.
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ऐसे हुआ खुलासा: खूंटी में 22 अप्रैल 2022 को अड़की प्रखंड परिसर में तीन अज्ञात अपराधियों ने महिला बैंक मित्र प्रभा कुमारी को गोली मार दी थी और तीन लाख रुपये नगद और अन्य बैंक के कागजात लेकर फरार हो गए थे. स्थानीय लोगों एवं पुलिस की मदद से घायल बैंक मित्र प्रभा कुमारी को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया था, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया. घटना को गंभीरता पूर्वक लेते हुए एसपी अमन कुमार ने डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया और टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तकनीकी सेल के सहयोग से कांड में संलिप्त तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया. उनकी निशानदेही पर लूटकांड की घटना में प्रयुक्त बाइक और लूटा हुआ एक लाख तीन हजार नगद, दो फिंगर प्रिंट मशीन व 5 मोबाइल बरामद किए गए.
2021 में हुए दो कांड का भी खुलासा: इस लूटकांड का अनुसंधान करने के दौरान 2021 में अन्य बैंक मित्र से हुए लूटकांड का भी खुलासा खूंटी पुलिस ने किया है. बैंक मित्र विवेक कुमार साहू और महिला बैंक मित्र अनु देवी के साथ भी नवंबर 2021 को लूटकांड की घटना घटित हुई थी. इस घटना में दोनों बैंक मित्रों से छह लाख की लूट हुई थी. एसआईटी ने दोनों लूटकांड का भी खुलासा कर लिया. इस लूटकांड को भी तीन हथियारबंद अपराधियों ने अंजाम दिया था.
सहयोगी बैंक मित्र निकले आरोपी: एसपी अमन कुमार ने अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर लूटकांड का खुलासे की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दोनों ही लूट की घटनाओं को एक ही गिरोह के सरगना ने अंजाम दिया था. जिसमें दाऊद नाग, महादेव मुंडा, आशीष नाग, अमर मुंडा, गुरुदयाल मुंडा मुख्य रूप से शामिल थे जबकि, दो अपराधी अब भी फरार हैं. एसपी ने बताया कि अमर मुंडा, गुरुदयाल मुंडा और महादेव मुंडा बैंक से जुड़कर बैंक मित्र का कार्य भी करता है. उसकी सूचना पर अपराधी बैंक मित्रों से लूटकांड की घटना को अंजाम देते थे. बैंक मित्रों के बीच वर्चस्व को लेकर लूटकांड की घटनाएं घटती रहती हैं.