खूंटीः जिला का ग्रामीण इलाका अफीम के आगोश में है. ऐसा इसलिए क्योंकि खूंटी में अवैध अफीम की खेती का दायरा बढ़ा है. पिछले डेढ़ माह में जिला पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में 1091 एकड़ में लगी अवैध अफीम की फसल नष्ट किया है. जिला पुलिस की लगातार कार्रवाई और डीसी-एसपी के अफीम के खेत में उतरकर उसे नष्ट करना ग्रामीणों को सकारात्मक संदेश दे रहे हैं, साथ ही उन्हें जागरूक भी कर रहे हैं.
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खूंटी में अवैध अफीम की खेती को लेकर पुलिस प्रशासन की जागरुकता अभियान का परिणाम नजर भी आ रहा है. इससे ग्रामीण स्वयं खेतों में लगी अफीम की फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं अड़की के बडानी इलाके में अफीम के खिलाफ ग्रामसभा तक हुई, जिसे अफीम मुक्त पंचायत का संकल्प लिया गया. अब उस इलाके के खेतों में वैकल्पिक खेती करने की तैयारी भी जोरों पर है. कई जगह आलू, मटर व टमाटर तक की खेती होने की सूचना है.
खूंटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि खूंटी पुलिस अफीम की अवैध खेती के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. अवैध अफीम को नष्ट करने के लिए ट्रैक्टर तक का इस्तेमाल किया जा रहा है उसी का परिणाम है कि एक माह में एक हजार एकड़ से अधिक खेतों में लगी अफीम की फसल नष्ट करने में सफलता पायी है. उन्होंने कहा कि ये अभियान आगे भी चलता रहेगा, साथ ही समांतर रूप से जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जन जागरूकता अभियान के क्रम में अफीम के अलावा अंधविश्वास, डायन बिसाही जैसी कुरीतियों को जड़ मूल से समाप्त करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है.
अवैध अफीम के खिलाफ अभियानः एसपी अमन कुमार के मुताबिक खूंटी थाना क्षेत्र में 2 जनवरी से 31 जनवरी तक 132 एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट की गई. इसी तरह अड़की थाना क्षेत्र में 15 दिसंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक में 286 एकड़ की फसल नष्ट किया गया. मारंगहादा थाना क्षेत्र में 20 दिसंबर से 31 जनवरी तक में सबसे अधिक 292 एकड़, सोयको थाना क्षेत्र में 16 दिसंबर से 31 जनवरी तक में 237 एकड़, मुरहू थाना क्षेत्र में 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक में 142 एकड़ में लगी फसल नष्ट की गयी. इसके साथ ही कर्रा थाना क्षेत्र में 14 दिसंबर से 31 जनवरी तक में 20 डिसमिल में लगी फसल नष्ट किया जा चुका है.
अवैध अफीम के खिलाफ कार्रवाई का आंकड़ा एसपी ने दिया हो लेकिन खूंटी, अड़की और मुरहू प्रखंड क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की फसल लगी है. अफीम की फसल का एरिया इतना ज्यादा है कि अगर जिले की पूरी फोर्स लग जाए तो पूरी तरह इस फसल को नष्ट नहीं किया जा सकता. पिछले साल 5000 एकड़ से अधिक का फसल होने का अनुमान लगाया गया था और 1400 एकड़ अफीम नष्ट किया गया. जबकि इस वर्ष भी उससे कहीं ज्यादा अफीम के फूल लहलहाते दिखाई दे रहे हैं जिसमें अबतक 1091 एकड़ अफीम नष्ट किया गया है.