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NH पर बने ब्रेकर से बढ़ी सड़क दुर्घटनाएं, प्रशासन से की शिकायत - खूंटी में NH की शिकायत स्थानीय लोगों ने प्रशासन से की

खूंटी में स्थानीय लोगों ने एनएच पर बने ब्रेकर की जिला प्रशासन से शिकायत की है. उनका कहना है कि एनएच पर बने ब्रेकर के कारण काफी दुर्घटनाएं होती रहती है. स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने एनएचएआई को पत्र लिखकर ब्रेकर हटाने को कहा है.

bad condition of road in khunti
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Published : Oct 13, 2020, 6:29 PM IST

खूंटी: रांची-खूंटी मुख्य मार्ग जो चाईबासा सिमडेगा पथ को जोड़ती है. इस एनएच पर बने ब्रेकर से कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिससे कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई है. खूंटी वासियों ने जिला प्रशासन से एनएच पर बने ब्रेकर हटाने की शिकायत की है. मामले में जिला प्रशासन ने एनएचएआई को पत्र लिखकर ब्रेकर हटाने को कहा है.

देखें पूरी खबर

राहगीरों ने की शिकायत

रांची-खूंटी की सड़कों पर कैट आई, डैपिनेटर, सोलर ब्लिंकर, कॉन्वेक्स मिरर, फ्लैनक निर्माण से मुख्य सड़क भले ही दुल्हन की तरह दिखाई दे रहा हो. लेकिन ब्रेकर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. ईटीवी की टीम ने जब जिला प्रशासन को एनएच पर बने ब्रेकर की समस्या से अवगत कराया, तो उन्होंने कहा कि शहरवासियों के अलावा राहगीरों ने भी शिकायतें की है और शिकायत ने अनुसार एनएचएआई को पत्र लिखा गया है. उन्होंने आश्वत किया है कि जल्द ही ब्रेकर हटवा लिया जाएगा ताकि सड़क दुर्घटनाओं में लगाम लगाया है.

पढ़ें-रामबाग मुठभेड़ : सुरक्षाबलों ने लश्कर के शीर्ष आतंकी को किया ढेर

कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं

रांची से खूंटी के बीच 50 से ज्यादा ब्रेकर आजकल खूंटी के शहरी इलाकों में सुर्खियों पर है. शुरुवात में जानकारी नहीं होने के कारण लोग अपने दुपहिया, चारपहिया वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाए और सामान्य गति से ब्रेकर के ऊपर चलते हुए अचानक ब्रेक मारने की नौबत आई. दोपहिया वाहन में अचानक ब्रेक लगाने से कई बाइक और स्कूटी सवार असंतुलित होकर सड़क पर गिर गए. उनको अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा. गर्भवती महिलाओं और सड़क दुर्घटना में टूटे फूटे अंगों के साथ जब एम्बुलेंस, बाइक या अन्य वाहन से रांची रेफर किये जाने वाले मरीजों की स्थिति दयनीय हो जाती है, तब मरीज ब्रेकर बनाने वालों को दुआएं कम ही देते हैं. खासकर वैसी गर्भवती महिलाएं जो मात्र 3-4 महीने की हो और अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराने बाइक से अस्पताल पहुंचें. तब ब्रेकर से गर्भपात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.

सड़क पर 50 से ज्यादा ब्रेकर

सड़क पर 50 से ज्यादा ब्रेकर बनने से राहगीरों को अब परेशानी होने लगी है. कई वाहन चालक दबी जुबान ब्रेकर को लेकर आपत्तियां जताने लगे हैं. ब्रेकर बनने से किसी की जिंदगी में ब्रेक न लगे, इसकी चिंता नेशनल हाइवे ऑथोरिटी को भी करनी चाहिए. ब्रेकर बनने से राह आसान होगी, तो हर जगह ब्रेकर बने और ब्रेकर बनने से राह मुश्किलें हों तो मात्र 30- 40 किलोमीटर की दूरी पर 50 से ज्यादा ब्रेकर नेशनल हाइवे अथोरिटी के सड़क निर्माण सह ब्रेकर निर्माण पर कई सवाल खड़े करते हैं.

खूंटी: रांची-खूंटी मुख्य मार्ग जो चाईबासा सिमडेगा पथ को जोड़ती है. इस एनएच पर बने ब्रेकर से कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिससे कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई है. खूंटी वासियों ने जिला प्रशासन से एनएच पर बने ब्रेकर हटाने की शिकायत की है. मामले में जिला प्रशासन ने एनएचएआई को पत्र लिखकर ब्रेकर हटाने को कहा है.

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राहगीरों ने की शिकायत

रांची-खूंटी की सड़कों पर कैट आई, डैपिनेटर, सोलर ब्लिंकर, कॉन्वेक्स मिरर, फ्लैनक निर्माण से मुख्य सड़क भले ही दुल्हन की तरह दिखाई दे रहा हो. लेकिन ब्रेकर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. ईटीवी की टीम ने जब जिला प्रशासन को एनएच पर बने ब्रेकर की समस्या से अवगत कराया, तो उन्होंने कहा कि शहरवासियों के अलावा राहगीरों ने भी शिकायतें की है और शिकायत ने अनुसार एनएचएआई को पत्र लिखा गया है. उन्होंने आश्वत किया है कि जल्द ही ब्रेकर हटवा लिया जाएगा ताकि सड़क दुर्घटनाओं में लगाम लगाया है.

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कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं

रांची से खूंटी के बीच 50 से ज्यादा ब्रेकर आजकल खूंटी के शहरी इलाकों में सुर्खियों पर है. शुरुवात में जानकारी नहीं होने के कारण लोग अपने दुपहिया, चारपहिया वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाए और सामान्य गति से ब्रेकर के ऊपर चलते हुए अचानक ब्रेक मारने की नौबत आई. दोपहिया वाहन में अचानक ब्रेक लगाने से कई बाइक और स्कूटी सवार असंतुलित होकर सड़क पर गिर गए. उनको अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा. गर्भवती महिलाओं और सड़क दुर्घटना में टूटे फूटे अंगों के साथ जब एम्बुलेंस, बाइक या अन्य वाहन से रांची रेफर किये जाने वाले मरीजों की स्थिति दयनीय हो जाती है, तब मरीज ब्रेकर बनाने वालों को दुआएं कम ही देते हैं. खासकर वैसी गर्भवती महिलाएं जो मात्र 3-4 महीने की हो और अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराने बाइक से अस्पताल पहुंचें. तब ब्रेकर से गर्भपात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.

सड़क पर 50 से ज्यादा ब्रेकर

सड़क पर 50 से ज्यादा ब्रेकर बनने से राहगीरों को अब परेशानी होने लगी है. कई वाहन चालक दबी जुबान ब्रेकर को लेकर आपत्तियां जताने लगे हैं. ब्रेकर बनने से किसी की जिंदगी में ब्रेक न लगे, इसकी चिंता नेशनल हाइवे ऑथोरिटी को भी करनी चाहिए. ब्रेकर बनने से राह आसान होगी, तो हर जगह ब्रेकर बने और ब्रेकर बनने से राह मुश्किलें हों तो मात्र 30- 40 किलोमीटर की दूरी पर 50 से ज्यादा ब्रेकर नेशनल हाइवे अथोरिटी के सड़क निर्माण सह ब्रेकर निर्माण पर कई सवाल खड़े करते हैं.

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