खूंटी: गुरुवार को कांची नदी पर बना सोनाहातू पुल का एक पाया ढह गया था. शुक्रवार को अधिकारी इसकी जायजा लेने पहुंचे. अधिकारी ने भी माना कि अवैध खनन के चलते ही ऐसा हुआ है. हालांकि, जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट होगा.
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क्षतिग्रस्त पुल का खर्च वहन करेगा संवेदक
पुल का निरीक्षण करने के बाद अधीक्षण अभियंता रमाकांत तिवारी और कार्यपालक अभियंता बृजेश कुमार वर्मा ने उक्त स्थल का जायजा लिया और बताया कि इस पुल का निर्माण लगभग 14 करोड़ की लागत से कराया गया था. संवेदक को निर्माण कार्य के 5 वर्ष तक पूरी देखरेख करनी है. क्षतिग्रस्त पुल का सारा खर्च संवेदक से वहन कराया जाएगा. अगर वे नहीं करते हैं तो उन्हें काली सूची में डाला जाएगा.
जांच टीम के पहुंचने से पहले स्थानीय नेताओं ने पुल के ऊपर ही तख्तियां लेकर धरने पर बैठ गए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. जांच टीम पहुंची और स्थानीय लोगों से बातचीत कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. ग्रामीणों ने कहा कि विभाग के साथ-साथ पुल बनाने वाले संवेदक एके पांडेय की मिली भगत के कारण भारी अनियमितता बरती गई थी जिसके कारण पुल टूट गया. ग्रामीणों ने ग्रामीण विकास विभाग पर भी आरोप लगाया है कि ऐसे संवेदक को काम दिया गया है जिसके द्वारा बनाये गए सभी पुल टूट जाते हैं. फिलाहल इस पर अधिकारियों ने कहा को जांच कर जरूर कार्रवाई करेंगे.
तीन साल पहले पूरा हुआ था पुल का निर्माण
रांची के बुंडू की कांची नदी पर बने पुल का निर्माण कार्य 2014-15 में शुरू हुआ था. 2017-18 मे इसका निर्माण पूरा हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि पुल निर्माण कार्य में गड़बड़ी की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. इधर, सरकार के निर्देश पर सीआईडी विभाग के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार महतो के नेतृत्व में सीआईडी विभाग के अधिकारियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा और स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान अभियंताओं से बातचीत कर इसकी स्थिति से दल अवगत हुआ.