खूंटीः पत्रकार पुत्र संकेत कुमार मिश्रा की हत्या के बाद पुलिस के हाथ अब तक खाली है. पुलिस ने पूरी सक्रियता दिखाई लेकिन इसी सक्रियता के दौरान पुलिस से हुई एक छोटी सी चूक ने संदिग्ध महिला को भागने का मौका दे दिया. जबतक पुलिस उसकी तलाश में निकलती तब-तक संदिग्ध पुलिस के हाथ से दूर जा चुकी थी.
क्या हुआ था
घटना की सूचना मिलते ही तोरपा एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी और इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह तत्काल कर्रा थाना पहुंचे. अपने स्तर से इस हत्याकांड की पड़ताल शुरू कर दी. इसी दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मृतक संकेत के मोबाइल का सीडीआर डिटेल भी निकलवा लिया. मोबाइल के कॉल डिटेल रिपोर्ट से पुलिस को घटना के दिन एक ही नंबर से 27 बार संकेत कुमार के मोबाइल पर बात होने की जानकारी मिली. इस महत्वपूर्ण जानकारी को गोपनीय रखकर पुलिस को तुरंत संदिग्ध महिला को हिरासत में लेने की कोशिश में थी. लेकिन ऐसा ना कर पुलिस ने उस नंबर पर कॉल लगाकर महिला को थाना बुलाया. पुलिस की यही छोटी चूक महिला को फरार होने का अवसर दे दिया. जब तक पुलिस महिला की तलाश में निकलती तब-तक महिला अपने पुरुष मित्र के साथ फरार हो चुकी थी.
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कई तरह की आशंकाएं व्यक्त कर रहे स्थानीय
संकेत कुमार मिश्रा की हत्या में उसकी सगी चाची की भूमिका संदिग्ध होने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि संकेत की सगी चाची जिस आदिवासी मित्र के साथ घटना के बाद से फरार हो गई है. संभवत उसके साथ उसकी चाची का अवैध संबंध रहा होगा. चाची के इस अवैध संबंध की जानकारी संकेत को हो गई होगी. शायद इसी वजह से संकेत की चाची ने उसे रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची और उसकी हत्या करवा कर शव की पहचान छिपाने के लिए उसे जला दिया. गनीमत रही कि हत्यारों ने मृतक का मोपेड घटनास्थल पर ही छोड़ दिया. जिससे मृतक की शिनाख्त हो सकी, नहीं तो शव को जैसा जलाया गया था उससे उसकी शिनाख्त होना मुश्किल होता. इधर पुलिस कप्तान आशुतोष शेखर ने दावा किया है कि पत्रकार के पुत्र संकेत मिश्रा हत्याकांड का खुलासा के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. एसपी ने दावा किया है कि 24 घंटे के भीतर हत्याकांड का खुलासा कर दिया जाएगा.