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नए साल के एक दिन पहले खूंटी में नक्सलियों की धमक, पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने की कोशिश - खूंटी समाचार

खूंटी में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने पोस्टरबाजी की है. इससे इलाके में दहशत का माहौल है. पोस्टरबाजी खूंटी रांची के सीमावर्ती इलाकों में वृहद पैमाने पर की गई है.

Naxalite CPI Maoists put up posters in Khunti
नक्सली पोस्टर
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Published : Dec 31, 2020, 4:17 PM IST

खूंटी: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने साल के आखिर में दहशत फैलाने का काम किया है. नए साल के एक दिन पहले जिले के अड़की थाना क्षेत्रांगत सलगाडीह नहर रोड के कई इलाकों में नक्सलियों ने पोस्टरबाजी की है. नक्सलियों ने पोस्टरबाजी खूंटी-रांची के सीमावर्ती इलाकों में वृहद पैमाने पर की है. अड़की और तमाड़ इलाके के कोटामयपा, बारीगढ़ा, अरेडीह समेत आसपास के इलाकों में पोस्टरबाजी की गयी है. देर रात नक्सलियों के एक दस्ते ने इलाके में पोस्टरबाजी कर पीएलजीए का जिक्र किया है जिसमें मुख्यतः मित्तल, अडानी, वेदांता जैसे बड़ी कंपनियों को टारगेट में लिया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-नए साल से झारखंड के पुलिसकर्मियों को मिलेगा साप्ताहिक अवकाश, डीजीपी ने किया ऐलान

नक्सलियों ने पहली पर तमाड़ के स्थानीय भाषा का इस्तेमाल किया है. पंचपरगनिया भाषा में लिखे लेख में पीएलजीए को जनता की सेना बताया है, जनता का सेवक बताया, फासीवाद के विरोध के लिए शोषित, पीड़ित और मेहनतकश जनता को एकजुट होने का आह्वान किया है.

दक्षिणी जोनल कमेटी भाकपा माओवादी के नाम से लगाये गए बैनर पोस्टर में शीर्ष नक्सलियों का चेहरा चस्पा किया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गए सभी पुलिस कैंप को अविलंब हटाने का एलान किया है. पोस्टरबाजी की सूचना पर पुलिस ने सभी बैनर पोस्टर को जब्त कर लिया है और पोस्टरबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है.

खूंटी: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने साल के आखिर में दहशत फैलाने का काम किया है. नए साल के एक दिन पहले जिले के अड़की थाना क्षेत्रांगत सलगाडीह नहर रोड के कई इलाकों में नक्सलियों ने पोस्टरबाजी की है. नक्सलियों ने पोस्टरबाजी खूंटी-रांची के सीमावर्ती इलाकों में वृहद पैमाने पर की है. अड़की और तमाड़ इलाके के कोटामयपा, बारीगढ़ा, अरेडीह समेत आसपास के इलाकों में पोस्टरबाजी की गयी है. देर रात नक्सलियों के एक दस्ते ने इलाके में पोस्टरबाजी कर पीएलजीए का जिक्र किया है जिसमें मुख्यतः मित्तल, अडानी, वेदांता जैसे बड़ी कंपनियों को टारगेट में लिया है.

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नक्सलियों ने पहली पर तमाड़ के स्थानीय भाषा का इस्तेमाल किया है. पंचपरगनिया भाषा में लिखे लेख में पीएलजीए को जनता की सेना बताया है, जनता का सेवक बताया, फासीवाद के विरोध के लिए शोषित, पीड़ित और मेहनतकश जनता को एकजुट होने का आह्वान किया है.

दक्षिणी जोनल कमेटी भाकपा माओवादी के नाम से लगाये गए बैनर पोस्टर में शीर्ष नक्सलियों का चेहरा चस्पा किया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गए सभी पुलिस कैंप को अविलंब हटाने का एलान किया है. पोस्टरबाजी की सूचना पर पुलिस ने सभी बैनर पोस्टर को जब्त कर लिया है और पोस्टरबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है.

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