खूंटीः झारखंड में बालू उठाव पर एनजीटी की रोक लगते ही खनन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. विभाग ने खूंटी में दो दिनों के भीतर दर्जनों पत्थर माफियाओं और बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की है. खनन विभाग ने रनिया इलाके से 80 हजार सीएफटी बालू जब्त किया है. वहीं खूंटी के हुटार इलाके से एक दर्जन लोगों पर अवैध ढंग से पत्थर का खनन करने और परिवहन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं खनन विभाग की इस कार्रवाई से अवैध खनन करने वाले माफियाओं में दहशत व्याप्त है.
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रनिया और तोरपा में दो दिनों के भीतर 80 हजार सीएफटी बालू जब्तः इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी नदीम सफी ने बताया कि दो दोनों के भीतर रनिया थाना क्षेत्र के उडीकेल स्तिथ कारो नदी से अवैध बालू उठाव कर भंडारण किए गए 80 हजार सीएफटी बालू को जब्त किया गया है. जब्त बालू का बाजार मूल्य लगभग सात लाख रुपए के आसपास है. वहीं बालू के अवैध धंधे से जुड़े चंदन जायसवाल उर्फ चंदू, मनु मुंडा, रजत गुप्ता, नंदन यादव, दिनेश गोप और उसके भाई मुकेश गोप और अजय गुप्ता के खिलाफ अवैध बालू खनन एवं परिवहन करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
कर्रा और जरियागढ़ में भी छापेमारी की जाएगीः खनन पदाधिकारी नदीम सफी ने बताया कि अवैध बालू धंधे से जुड़े माफियाओं को चिन्हित कर लिया गया है और उनके ठिकानों तक पहुंच कर विभाग कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि रनिया, तोरपा, कर्रा और जरियागढ़ थाना क्षेत्र के कई स्थानों पर माफियाओं ने बालू का डंपिंग यार्ड बना रखा है. जिसका सत्यापन कराया जा रहा है. जल्द ही डंपिंग यार्ड में डंप बालू को जब्त किया जाएगा. फिलहाल दो दिनों में रनिया और तोरपा से 80 हजार सीएफटी बालू जब्त किया जा चुका है और उससे जुड़े माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. खनन पदाधिकारी ने कहा कि पुलिस से आगे की कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाएगी.
पत्थर खनन मामले में भी 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्जः उन्होंने बताया कि अवैध रूप से पत्थर खनन करने और पत्थरों की तस्करी के आरोप में खूंटी के हुटार इलाके में भी भारी संख्या में पत्थर जब्त किया गया है. विभाग की जांच में कई एकड़ में पत्थर खनन करने का प्रमाण मिला है. खनन पदाधिकारी नदीम सफी ने बताया कि उक्त जमीन के सत्यापन के बाद परवेज आलम, सुनील महतो, निरल, किशोर साहू, नौशाद आलम, इमरोज अंसारी, इस्माईल अंसारी, मो हुसैन, संदीप कुमार, हुटार निवासी धर्मेंद्र गोप के खिलाफ झारखंड लघु खनिज समनुदान नियमावली 2004 (यथा संशोधित) के नियम 4, 28, 34 एवं 54 एवं द झारखंड मिनिरल ( प्रीवेनशन ऑफ इलीगल माइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज) रूल 2017 के नियम 7 का उल्लंघन पाया गया और जांचोपरांत सभी अवैध खनन कर्ताओं, परिवहन कर्ताओं और वाहन मालिकों और चालकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.