खूंटी: नक्सली हिंसा और अफीम की खेती से बदनाम खूंटी जिले के दर्जनों गांव गेंदा फूल की खुशबू से महक रहे हैं. दीपावली और छठ पूजा पर खूंटी के फूल राजधानी की फिजाओं में खुशबू बिखेरने के लिए तैयार है (Marigold Cultivation in Khunti). सबसे खास बात यह है कि ज्यादातर गांवों में खुशहाली की इस खेती की अगुवाई महिला किसान कर रही हैं और खेतों में भी महिलाएं काम करती दिखाई दे रही हैं. दीपावली में रांची, खूंटी, जमशेदपुर, गुमला, सिमडेगा सहित कई शहरों में इनकी बगियों के फूल बिकने के लिए तैयार है.
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फूल बेचकर लाखों की आमदनी: लॉकडाउन के समय जहां लोग अपने घरों में कैद थे, तो वही किसान भाई गेंदा फूलों से शहरों तक फूल बेचकर लाखों की आमदनी कर रहे थे (Farmer Income Increasing due to Flower Cultivation). राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले के किसान भाई अफीम की खेती से दूर गेंदा फूल की खेती को ही रोजगार मानते हैं, क्योंकि ढाई महीने की मेहनत से ही लाखों की आमदनी हो जाती है. जबकि अवैध अफीम की खेती में भी लगभग ढाई महीने लगते है और उसमें पुलिसिया डर भी रहता है. जबकि गेंदा फूल से कोई डर नहीं. नक्सल प्रभावित गांव कस्बों में रहने वाले किसान भाइयों तक पुलिस पदाधिकारी भी पहुंच कर उनसे गेंदा फूल लेते हैं.
अफीम लगाने वाले अब फूलों की खेती कर रहें: खूंटी और मुरहू प्रखंड क्षेत्र भले ही अवैध अफीम को लेकर बदनामी का दंश झेल रहा हो लेकिन इसी इलाके के दर्जनों गांव के ग्रामीण अवैध धंधे से दूर फूलों से लाखों कमा रहे हैं और उन लोगों के लिए मिसाल हैं जो अफीम लगाते हैं. फूल लगाने वाले किसान भाइयों को देखकर अफीम लगाने वाले भी धीरे- धीरे फूलों की खेती करने लगे हैं. जिले के दूरस्थ इलाकों के मारंगहादा पंचायत के हितुटोला पारटोली में इस वर्ष 10 एकड़ में एक लाख से ज्यादा गेंदा फूल के पौधे लगाए गए हैं. लगातार हो रही अच्छी बारिश ने गेंदा फूल की सुंदरता को बढ़ा दिया है. बरसात के मौसम में होने वाली यह खेती किसानों के लिए उनकी आमदनी दोगुनी करने का बेहतर साधन बन गया है.
फूलों की बढ़ती डिमांड से किसानों में खुशी: हितुटोला पारटोली की पूनी स्वांसी और उसका पुत्र पवन स्वांसी अपने भाई बहनों के साथ मिलकर इस बार 30 हजार फूल के पौधे लगाए हैं. इस बार बाजारों की बढ़ती रौनक और फूलों की बढ़ती डिमांड से किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं. दीपावली के पूर्व बड़े पैमाने पर गेंदा फूल की तोड़ाई की गई है और दीपावली के लिए घरों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सजाने के लिए बाजार में लोकल गेंदा फूल पहुंच चुके हैं. पूर्व में खूंटी, रांची के बाजारों में कोलकाता के गेंदा फूल भरे रहते थे. लेकिन खूंटी में गैर सरकारी संस्था प्रदान की पहल पर खूंटी की तस्वीर और तकदीर बदलने लगी है.
अफीम से ज्यादा आमदनी फूल खेती में: अवैध अफीम की खेती से नुकसान को जानते हुए इनका परिवार अफीम नहीं लगाता है. पवन स्वांसी को इस वर्ष उम्मीद है कि गेंदा फूल की अत्यधिक डिमांड से उन्हें बढ़िया मुनाफा होगा. खेतों की जुताई, खाद उर्वरक और कीटनाशक समेत अन्य सभी खर्चों को जोड़कर पवन ने डेढ़ लाख रुपये गेंदा फूल की खेती में लगाया है. अब उम्मीद है कि पांच छह लाख से ज्यादा की कमाई उन्हें इसबार गेंदा फूल से होगी. पवन स्वांसी फूल की खेती को आमदनी का बेहतर साधन बन चुके हैं और किसानों को भी फूल की खेती कर अपना भविष्य बेहतर बनाने की प्रेरणा देते हैं.