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करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं बदली लतरातू डैम की तश्वीर, रखरखाव का अभाव, सैलानी हो जाते हैं मायूस

Latratu Dam in Khunti. खूंटी जिले में स्थित लतरातू डैम बदहाली से गुजर रहा है. यहां करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी इसका रखरखाव नहीं किया जा रहा है. इससे यहां आने वाले लोगों की संख्या कम हो रही है. यहां आने वाले पर्यटक सुधार की जरूरत बता रहे हैं.

Latratu Dam in Khunti
Latratu Dam in Khunti
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 18, 2023, 5:13 PM IST

बदहाल लतरातू डैम

खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले में कई पर्यटन स्थल हैं. जंगलों और पहाड़ों से घिरे खूंटी जिले के कर्रा तोरपा और मुरहू प्रखंड क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य देखने के लिए दिसंबर माह से ही पर्यटक पहुंचने लगते हैं. तोरपा प्रखंड क्षेत्र के पेरवाघाघ जलप्रपात, पांडीपुरिंग जलप्रपात से लेकर कर्रा प्रखंड क्षेत्र में बना लतरातू डैम तक यह पर्यटकों के लिए एक खूबसूरत जगह है.

इन पर्यटन स्थलों में से एक कर्रा प्रखंड क्षेत्र स्थित लतरातू डैम में लोग नौकायन का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन यहां का हाल देख कर वे थोड़े मायूस भी हो जाते हैं. इस जगह पर न तो रंग-रोगन हुआ है और न ही सौंदर्यीकरण. हालांकि सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर व्यवस्था की गयी है, लेकिन स्थलों को सुरम्य बनाने में रखरखाव का अभाव है. चार साल पहले पत्थरों पर की गई पेंटिंग अब गायब हो गई है. जगह-जगह झाड़ियां उग आई हैं. कूड़ेदान को झाड़ियों में फेंक दिया गया है. फूल फूलवारी नहीं हैं. आगंतुकों की नजर में यहां के दृश्य मनमोहक लगे ऐसे कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं. यहां आने वाले लोगों का मानना है कि जैसा यहां खर्च हुआ है, इसे और भी बेहतर करने की जरूरत है.

पर्यटकों ने कहा- सुधार की जरूरत: रूरल डेवलपमेंट की पढ़ाई कर रहे छात्र प्रियांशु राय ने कहा कि लोगों का आना-जाना कम है, इसमें सुधार की जरूरत है. साफ-सफाई, होटल आदि की समुचित व्यवस्था हो तो और भी अच्छा रहेगा. यदि लोगों के लिए आवास की व्यवस्था हो तो यह देखने लायक बहुत ही मनोरम दृश्य हो सकता है.

छात्र उत्कर्ष ने बताया कि डूमरगाड़ी डैम पर पैसा खर्च किया जा रहा है. लेकिन इसके लिए उचित रख-रखाव के साथ-साथ जानकारी देने की भी जरूरत होगी, तभी इन नजारों के कारण यहां के पर्यटन स्थल को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए थोड़ा और काम करने की जरूरत है. केयर टेकर संजय सिंह ने बताया कि डुमरगड़ी डैम में समय-समय पर सफाई का काम किया जाता है. यहां 10 नावें हैं. इसकी देखरेख के लिए 30 लोग कार्यरत हैं. इसे बढ़ाने का काम किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री भी विधायकों संग उठा चुके हैं नौकायन का लुत्फ: गौरतलब है कि 27 अगस्त 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ लतरातू डैम पहुंचे थे और दो घंटे तक लतरातू डैम में बोटिंग करने के बाद रांची लौट आये थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आगमन के बाद लतरातू डैम सुर्खियों में आया. इसके बाद यह विपक्षी नेताओं का भी पसंदीदा

स्पॉट बन गया. मुख्यमंत्री ने लतरातू डैम के जीर्णोद्धार समेत इसके विकास की घोषणा की थी, जिसके बाद करोड़ों की लागत से यहां कई व्यवस्थाएं की गयीं, लेकिन देखभाल के अभाव में इसकी सुंदरता बिगड़ने लगी है.

यह भी पढ़ें: Dragon Boat Racing: कोडरमा में राष्ट्रीय ड्रैगन बोट रेसिंग प्रतियोगिता, 16 राज्यों के 600 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

यह भी पढ़ें: ETV Bharat Ground Report: प्रदूषण की जद में राजधानी के जलाशय! ईटीवी भारत की पड़ताल में देखिए कांके डैम का हाल

यह भी पढ़ें: खूंटी के लतरातू में सीएम और UPA विधायकों ने खूब इंजॉय किया वीकएंड, जानिए कैसा था वहां का माहौल

बदहाल लतरातू डैम

खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले में कई पर्यटन स्थल हैं. जंगलों और पहाड़ों से घिरे खूंटी जिले के कर्रा तोरपा और मुरहू प्रखंड क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य देखने के लिए दिसंबर माह से ही पर्यटक पहुंचने लगते हैं. तोरपा प्रखंड क्षेत्र के पेरवाघाघ जलप्रपात, पांडीपुरिंग जलप्रपात से लेकर कर्रा प्रखंड क्षेत्र में बना लतरातू डैम तक यह पर्यटकों के लिए एक खूबसूरत जगह है.

इन पर्यटन स्थलों में से एक कर्रा प्रखंड क्षेत्र स्थित लतरातू डैम में लोग नौकायन का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन यहां का हाल देख कर वे थोड़े मायूस भी हो जाते हैं. इस जगह पर न तो रंग-रोगन हुआ है और न ही सौंदर्यीकरण. हालांकि सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर व्यवस्था की गयी है, लेकिन स्थलों को सुरम्य बनाने में रखरखाव का अभाव है. चार साल पहले पत्थरों पर की गई पेंटिंग अब गायब हो गई है. जगह-जगह झाड़ियां उग आई हैं. कूड़ेदान को झाड़ियों में फेंक दिया गया है. फूल फूलवारी नहीं हैं. आगंतुकों की नजर में यहां के दृश्य मनमोहक लगे ऐसे कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं. यहां आने वाले लोगों का मानना है कि जैसा यहां खर्च हुआ है, इसे और भी बेहतर करने की जरूरत है.

पर्यटकों ने कहा- सुधार की जरूरत: रूरल डेवलपमेंट की पढ़ाई कर रहे छात्र प्रियांशु राय ने कहा कि लोगों का आना-जाना कम है, इसमें सुधार की जरूरत है. साफ-सफाई, होटल आदि की समुचित व्यवस्था हो तो और भी अच्छा रहेगा. यदि लोगों के लिए आवास की व्यवस्था हो तो यह देखने लायक बहुत ही मनोरम दृश्य हो सकता है.

छात्र उत्कर्ष ने बताया कि डूमरगाड़ी डैम पर पैसा खर्च किया जा रहा है. लेकिन इसके लिए उचित रख-रखाव के साथ-साथ जानकारी देने की भी जरूरत होगी, तभी इन नजारों के कारण यहां के पर्यटन स्थल को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए थोड़ा और काम करने की जरूरत है. केयर टेकर संजय सिंह ने बताया कि डुमरगड़ी डैम में समय-समय पर सफाई का काम किया जाता है. यहां 10 नावें हैं. इसकी देखरेख के लिए 30 लोग कार्यरत हैं. इसे बढ़ाने का काम किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री भी विधायकों संग उठा चुके हैं नौकायन का लुत्फ: गौरतलब है कि 27 अगस्त 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ लतरातू डैम पहुंचे थे और दो घंटे तक लतरातू डैम में बोटिंग करने के बाद रांची लौट आये थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आगमन के बाद लतरातू डैम सुर्खियों में आया. इसके बाद यह विपक्षी नेताओं का भी पसंदीदा

स्पॉट बन गया. मुख्यमंत्री ने लतरातू डैम के जीर्णोद्धार समेत इसके विकास की घोषणा की थी, जिसके बाद करोड़ों की लागत से यहां कई व्यवस्थाएं की गयीं, लेकिन देखभाल के अभाव में इसकी सुंदरता बिगड़ने लगी है.

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