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उत्तराखंड के टनल से खूंटी के गांव तक पहुंची मजदूरों की आवाज, अपनों से बात कर चेहरे पर दिखी खुशी, जल्द बाहर निकलने की बढ़ी उम्मीद

Laborer Chamra Oraon who trapped in tunnel. उत्तरकाशी में फंस मजदूरों ने शुक्रवार रात अपने परिजनों से फोन पर बाती की. इस दौरान उन्होंने अपने बारे में उन्हें बताया और परिवार वालों का भी हाल जान. इस बातचीत के बाद उनके परिजनों में एक उम्मीद की किरण दिख रही है.

laborer Chamra Oraon who trapped in tunnel talked to his family in Khunti
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 26, 2023, 8:35 AM IST

Updated : Nov 26, 2023, 9:44 AM IST

चमरा उरांव के घर से जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी

खूंटी: उत्तरकाशी के टनल के अंदर से फोन पर आई आवाज ने रोते बिलखते चेहरों पर मुस्कान ला दी है. निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों ने शुक्रवार रात अपने परिजनों से बातचीत की और बताया कि चिंता की बात नहीं है, हमलोग ठीक हैं और जल्द ही निकल जाएंगे. इतना सुनते ही मजदूरों के परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई. हालांकि उन्हें अपने परिजनों के घर आने का इंतजार है.

खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड क्षेत्र के तीन मजदूर उत्तराखंड के उत्तरकाशी के निर्माणाधीन टनल में 41 मजजूरों के साथ पिछले 14 दिनों से फंसे हैं. जिन्हें निकालने की प्रक्रिया जारी है. उम्मीद है जल्द ही टनल से सभी मजदूर बाहर निकल जाएंगे. इसी बीच मजदूरों ने अपने परिवार से कुछ पल के लिए फोन पर बातचीत की और अपने बारे में परिवार वालों को बताया. माता-पिता समेत बच्चो का हाल जाना.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में 41 मजदूरों को फंसे हुए 14 दिन बीत गए हैं. हर गुजरते दिन के साथ मजदूरों के परिजनों में घबराहट और बेचैनी बढ़ती जा रही है. फंसे हुए कुल मजदूरों में 3 खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के रहने वाले हैं. जिसमे गुमडु गांव के 22 वर्षीय विजय होरो और 35 वर्षीय चमरा उरांव के अलावा गनपाइत मुंडा शामिल हैं. टनल में फंसे मजूदरों के स्वजनों रो-रोकर बुरा हाल है. उनके माथे पर चिंता की लकीर है, पर दिल में उम्मीद लगाए, वह अपने बेटे के सकुशल आने का रास्ता देख रहे हैं.

उत्तरकाशी के टनल में फंसे 35 वर्षीय चमरा उरांव के मां बुधनी उरांव ने बताया कि घर की माली हालत ठीक नहीं है. चमरा को एक बेटा और तीन बेटी है. इसके अलावा उसकी चार बहन भी थी जिनकी शादी हो चुकी है, लेकिन शादी में काफी कर्ज हो चुका था. खेती बाड़ी से कर्ज का चुकता नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण चमरा पैसे कमाने बाहर गया और अब टनल में फंसा हुआ है. चमरा की पत्नी रेखा सहित उनके छोटे छोटे बच्चे महावीर उरांव 9 वर्ष, नागी उरांव 7 वर्ष, असरिता उरांव 5 वर्ष और सबसे छोटी बेटी 2 वर्ष की नमेली उरांव अपने पिता के वापस लौटने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा हैं. रेस्क्यू में बार-बार आ रही दिक्कतों से स्वजन घबरा रहे हैं.
गुमडु निवासी विजय के बुजुर्ग पिता अर्जुन मुंडा ने कहा कि बेटे के बिना कुछ खाने-पीने का मन नहीं करता. दिनभर एक ही खबर सुनने को बेचैन रहता है कि बेटा टनल से निकल गया है. जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है, मन घबरा रहा है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को सुबह सभी टनल से बाहर आने वाले थे, लेकिन फिर सुना कि कोई बात है, जिसकी वजह से टाइम लगेगा.

चमरा उरांव के घर से जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी

खूंटी: उत्तरकाशी के टनल के अंदर से फोन पर आई आवाज ने रोते बिलखते चेहरों पर मुस्कान ला दी है. निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों ने शुक्रवार रात अपने परिजनों से बातचीत की और बताया कि चिंता की बात नहीं है, हमलोग ठीक हैं और जल्द ही निकल जाएंगे. इतना सुनते ही मजदूरों के परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई. हालांकि उन्हें अपने परिजनों के घर आने का इंतजार है.

खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड क्षेत्र के तीन मजदूर उत्तराखंड के उत्तरकाशी के निर्माणाधीन टनल में 41 मजजूरों के साथ पिछले 14 दिनों से फंसे हैं. जिन्हें निकालने की प्रक्रिया जारी है. उम्मीद है जल्द ही टनल से सभी मजदूर बाहर निकल जाएंगे. इसी बीच मजदूरों ने अपने परिवार से कुछ पल के लिए फोन पर बातचीत की और अपने बारे में परिवार वालों को बताया. माता-पिता समेत बच्चो का हाल जाना.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में 41 मजदूरों को फंसे हुए 14 दिन बीत गए हैं. हर गुजरते दिन के साथ मजदूरों के परिजनों में घबराहट और बेचैनी बढ़ती जा रही है. फंसे हुए कुल मजदूरों में 3 खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के रहने वाले हैं. जिसमे गुमडु गांव के 22 वर्षीय विजय होरो और 35 वर्षीय चमरा उरांव के अलावा गनपाइत मुंडा शामिल हैं. टनल में फंसे मजूदरों के स्वजनों रो-रोकर बुरा हाल है. उनके माथे पर चिंता की लकीर है, पर दिल में उम्मीद लगाए, वह अपने बेटे के सकुशल आने का रास्ता देख रहे हैं.

उत्तरकाशी के टनल में फंसे 35 वर्षीय चमरा उरांव के मां बुधनी उरांव ने बताया कि घर की माली हालत ठीक नहीं है. चमरा को एक बेटा और तीन बेटी है. इसके अलावा उसकी चार बहन भी थी जिनकी शादी हो चुकी है, लेकिन शादी में काफी कर्ज हो चुका था. खेती बाड़ी से कर्ज का चुकता नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण चमरा पैसे कमाने बाहर गया और अब टनल में फंसा हुआ है. चमरा की पत्नी रेखा सहित उनके छोटे छोटे बच्चे महावीर उरांव 9 वर्ष, नागी उरांव 7 वर्ष, असरिता उरांव 5 वर्ष और सबसे छोटी बेटी 2 वर्ष की नमेली उरांव अपने पिता के वापस लौटने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा हैं. रेस्क्यू में बार-बार आ रही दिक्कतों से स्वजन घबरा रहे हैं.
गुमडु निवासी विजय के बुजुर्ग पिता अर्जुन मुंडा ने कहा कि बेटे के बिना कुछ खाने-पीने का मन नहीं करता. दिनभर एक ही खबर सुनने को बेचैन रहता है कि बेटा टनल से निकल गया है. जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है, मन घबरा रहा है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को सुबह सभी टनल से बाहर आने वाले थे, लेकिन फिर सुना कि कोई बात है, जिसकी वजह से टाइम लगेगा.

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Last Updated : Nov 26, 2023, 9:44 AM IST
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