खूंटी: जिला प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता (Khunti ready for tourists) है. जिला में दर्जनों फॉल, नदी, पहाड़ और आकर्षक जलस्रोतों की भरमार है. कई फॉल ऐसे हैं जो जिले के बेहद करीब हैं और साफ सुथरे और सुरक्षित भी हैं. जिसमें पंचघाघ और रानीफॉल शामिल हैं. वहीं तोरपा तपकरा क्षेत्र में अवस्थित पेरवाघाघ बेहद आकर्षक होने के साथ साथ थोड़ा खतरनाक भी माना जाता है.
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हालांकि पर्यटकों से गुलजार होने पर दिसंबर के आखिरी सप्ताह और पूरे जनवरी माह में पर्यटक मित्र और सुरक्षा प्रहरी तैनात होते हैं. साथ ही संबंधित थाना के सुरक्षा बलों की भी ड्यूटी लगाई जाती है. जिले में पंचघाघ, रानी फॉल, रीमिक्स फॉल, रंगरोड़ी, दशम फॉल, चंचला, पांडु-पुडिंग, कुला-मण्डा, सप्तधारा, पेलौल डैम, उलुंग, लतरातू डैम, लतरजंग डैम, पंगुरा जलप्रपात समेत कई ऐसे फॉल हैं, जहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकते हैं.
रीमिक्स फॉल और दशम फॉल में बारिश के मौसम में कई पर्यटक अपनी जान गंवा चुके हैं. दिसंबर और जनवरी माह में घटते जलस्तर और पर्यटक मित्रों के कारण सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाता है. साथ ही स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से डेंजर जोन को चिन्हित कर निषेधाज्ञा चस्पा की जाती है. जंगल, पहाड़ों और चट्टानों से होकर बहने वाले फॉल पर्यटकों के लिए सेल्फी जोन भी बन जाता है. साथ ही जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के लिए वॉच-टावर, शेड और शौचालय भी बनाये गए हैं. जिन इलाकों में पर्यटकों की भीड़ प्रत्येक वर्ष रहती है. वहां जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा बच्चों के मनोरंजन के लिए आकर्षक झूले भी लगाए गए हैं. कर्रा प्रखंड के सीमावर्ती इलाके में स्थित लतरातू डैम में वोटिंग की सुविधा के साथ- साथ ओपेन जिम भी बनाये गए हैं.
पेलौल, लटरजंग और पेरवांघाघ में भी पिकनिक सीजन में लाइफ जैकेट की व्यवस्था के साथ पर्यटक पिकनिक का आनंद ले सकते हैं. साथ ही पर्यटन स्थलों में चना, बादाम, झाल मुरही, इडली, गुलगुला, धुसका समेत कई तरह के खाद्य पदार्थों की बिक्री भी स्थानीय ग्रामीणों द्वारा की जाती है. यहां तक कि पेयजल और पत्तल दोना की बिक्री भी स्थानीय महिला समूहों के माध्यम से की जाती है. पिकनिक के सीजन में स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं.
इस बार जिला प्रशासन ने भी पर्यटकों के लिए विशेष तैयारी की है ताकि पर्यटकों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. डेंजर जॉन इलाकों में बढ़ते हादसों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर गोताखोर से लेकर सुरक्षात्मक तैयारी की है. पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर भी प्रखंड पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है.