खूंटी: कोरोना काल के दौरान जहां लोग एक दूसरे से भाग रहे थे, वैसे समय में स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और लोगों की जान बचाने में लगे रहे. दिन रात मेहनत कर मरीजों की देखभाल करने में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों को अवार्ड से नवाजा गया. सर्टिफिकेट के साथ साथ नगद राशि भी दी जानी थी, लेकिन सर्टिफिकेट तो बांट दिया गया लेकिन राशि नहीं दी गई. स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि उन्हें अभी तक किसी प्रकार की कोई राशि नहीं मिली है, जबकि सिविल सर्जन बताते हैं कि कुछ तकनीकी कारण रहा होगा, जिसके कारण उनके खाते में राशि नहीं पहुंची. बताया जा रहा है कि 10 से 12 हजार रुपए प्रति स्वास्थ्य कर्मियों के बीच बांटी जानी थी.
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खूंटी सदर अस्पताल को मिला था कायाकल्प अवार्ड: खूंटी जिले के सदर अस्पताल को सरकार ने कायाकल्प अवार्ड से नवाजा था. इस अवार्ड को अस्पताल में कार्य करने वाले लगभग सभी कर्मचारियों को दिया जाना था. अवार्ड से जुड़े सर्टिफिकेट और राशि सदर अस्पताल को मिल भी गया, लेकिन इसके बावजूद दो वर्ष बाद भी अनेक योग्य लाभार्थी को इसका हिस्सा नहीं मिल पाया. जबकि कोरोना काल के मुश्किल परिस्थिति में नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, चिकित्सक आदि तत्परता से अपने कार्योंं में लगे रहे और सदर अस्पताल को बेहतर बनाया. इसी के कारण सरकार ने बेहतर कायाकल्प से नवाजे जाने पर राशि उपलब्ध करायी. इस राशि का हिस्सा प्रत्येक लोगों में बंटना था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने लोगों के बीच इसे नहीं बांटा. इसी बीच कई कर्मचारियों का इधर उधर ट्रांसफर भी हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
क्या अस्पताल प्रबंधन ने राशि की कर ली बंदरबांट?: माना जा रहा है कि अस्पताल के कर्मियों को मिलने वाली सम्मान राशि का अस्पताल प्रबंधन ने बंदर बांट कर लिया. शायद यही कारण है कि कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिला. अस्पताल में कार्य करने वाले कर्मियों को कायाकल्प से राशि भले ही ना मिला, लेकिन सर्टिफिकेट कब का दे दिया गया. जिन्हें सर्टिफिकेट मिला, उन लोगों को पुरस्कार की राशि आज तक नहीं मिल पायी, जो कि इस व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. सदर अस्पताल के विभिन्न विभागों के लोगों का कहना है कि जब आपात स्थिति से खूंटी गुजर रहा था, उस वक्त सफाईकर्मी, चिकित्साकर्मी से लेकर चिकित्सकों ने बिना झिझक के अपनी सेवा दी. लेकिन जब सरकार ने खूंटी सदर अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड से नवाजा तो उन्हें उसका सम्मान नहीं दिया गया.
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सिविल सर्जन ने क्या कहा?: इस मामले को लेकर कई बार लोगों ने सिविल सर्जन से लिखित गुहार भी लगाई, लेकिन सदर अस्पताल प्रबंधन के मनमाने रवैया के कारण लोग लाभ से वंचित हैं. मामले पर सिविल सर्जन डॉ अजीत खलखो का कहना है कि सभी लाभुकों को कायाकल्प अवार्ड राशि का हिस्सा मिल गया है और जिसे नहीं मिला होगा, उसमें कुछ तकनीकी कमियां होंगी, लेकिन इसका जल्द समाधान कर लिया जाएगा. अस्पताल को राशि मिले लगभग दो वर्ष खत्म होने को हैं और अब तक प्रबंधन द्वारा खाते में राशि नहीं डालना कई सवालों को जन्म देता है. क्या रुपयों का बंदर बांट कर लिया गया? जबकि अन्य जिलों को भी कायाकल्प अवार्ड मिला था, जिसमें लोगों ने योग्य हिस्सेदारों के बीच राशि को बांट दिया था.