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पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप का सहयोगी मनीष गोप गिरफ्तार, कई बड़े वारदातों में रहा है शामिल - Naxalite Manish Gope

खूंटी पुलिस ने पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप के सहयोगी मनीष गोप को गिरफ्तार किया है. मनीष कई बड़े वारदातों में शामिल रहा है. उसके खिलाफ तीन जिलों के अलग-अलग थानों में कुल 8 मामले दर्ज हैं.

Naxalite Manish Gope
नक्सली मनीष गोप
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Published : Oct 5, 2021, 6:50 PM IST

खूंटी: मंगलवार को जिला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप के साथ बच निकलने वाले मनीष गोप को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस रिलीज जारी कर यह जानकारी दी.

यह भी पढ़ें: शुभम की सोशल 'इंजीनियरिंग', 150 युवाओं की टीम जोड़कर लोगों की कर रहे मदद

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली मनीष गोप पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप का काफी करीबी माना जाता था. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से दिनेश गोप, राजेश गोप उर्फ तिलोश्वर और दस्ते के अन्य नक्सलियों के साथ मतभेद होने के कारण मनीष गोप दस्ते से भाग निकला था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गुमला पुलिस की सहयोग से मनीष गोप उर्फ महेश्वर को गिरफ्तार किया है. कुख्यात मनीष गोप ने खूंटी पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह 2020-21 के चार बड़े मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप के दस्ते के साथ सक्रिय भूमिका में था.

8 मामले हैं दर्ज

मनीष गोप तीन जिलों में 2016 से लगातार नक्सली गतिविधियों, पुलिस मुठभेड़ और अन्य वारदातों में हार्डकोर की भूमिका में सक्रिय रहा है. 2016 से अब तक मनीष गोप पर कुल 8 मामले दर्ज हैं. चाईबासा के गुदड़ी थाने में 4 मामले, गुमला के कामडारा थाने में 2 मामले और रनियां थाने में 2 मामले दर्ज हैं.

इन वारदातों में रहा है शामिल

17 दिसंबर 2020 को पीएलएफआई और पुलिस के बीच बान्दू में चली मुठभेड़ में मनीष गोप शामिल था जिसमें बिहार निवासी नक्सली सोनू सिंह मारा गया था. 18 मई 2021 को डिगरी पेराय टोली, 26 जून 2021 को जतरमा में और 16 जुलाई 2021 को बड़ा केसेल में चली मुठभेड़ में मनीष गोप शामिल था. इस मुठभेड़ में पीएलएफआई एरिया कमांडर शनिचर सुरिन मारा गया था. साथ ही 27 सितंबर 2021 को बुढ़ तुमरुंग जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच चली मुठभेड़ में शामिल था और पुलिस पर फायरिंग करते हुए बच निकला था. जानकारी के मुताबिक, मनीष गोप उर्फ महेश्वर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के बड़का रेगड़े तेतरतोली का रहने वाला है.

खूंटी: मंगलवार को जिला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप के साथ बच निकलने वाले मनीष गोप को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस रिलीज जारी कर यह जानकारी दी.

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एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली मनीष गोप पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप का काफी करीबी माना जाता था. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से दिनेश गोप, राजेश गोप उर्फ तिलोश्वर और दस्ते के अन्य नक्सलियों के साथ मतभेद होने के कारण मनीष गोप दस्ते से भाग निकला था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गुमला पुलिस की सहयोग से मनीष गोप उर्फ महेश्वर को गिरफ्तार किया है. कुख्यात मनीष गोप ने खूंटी पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह 2020-21 के चार बड़े मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर दिनेश गोप के दस्ते के साथ सक्रिय भूमिका में था.

8 मामले हैं दर्ज

मनीष गोप तीन जिलों में 2016 से लगातार नक्सली गतिविधियों, पुलिस मुठभेड़ और अन्य वारदातों में हार्डकोर की भूमिका में सक्रिय रहा है. 2016 से अब तक मनीष गोप पर कुल 8 मामले दर्ज हैं. चाईबासा के गुदड़ी थाने में 4 मामले, गुमला के कामडारा थाने में 2 मामले और रनियां थाने में 2 मामले दर्ज हैं.

इन वारदातों में रहा है शामिल

17 दिसंबर 2020 को पीएलएफआई और पुलिस के बीच बान्दू में चली मुठभेड़ में मनीष गोप शामिल था जिसमें बिहार निवासी नक्सली सोनू सिंह मारा गया था. 18 मई 2021 को डिगरी पेराय टोली, 26 जून 2021 को जतरमा में और 16 जुलाई 2021 को बड़ा केसेल में चली मुठभेड़ में मनीष गोप शामिल था. इस मुठभेड़ में पीएलएफआई एरिया कमांडर शनिचर सुरिन मारा गया था. साथ ही 27 सितंबर 2021 को बुढ़ तुमरुंग जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच चली मुठभेड़ में शामिल था और पुलिस पर फायरिंग करते हुए बच निकला था. जानकारी के मुताबिक, मनीष गोप उर्फ महेश्वर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के बड़का रेगड़े तेतरतोली का रहने वाला है.

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