खूंटी: झारखंड में 10 जून से बालू खनन पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की रोक लग जाएगी. एनजीटी के आदेश के बाद राज्य में 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू उठाव बंद हो जाएगा. खूंटी सहित सहित राज्यभर में बालू घाटों का टेंडर न होने से बालू का स्टॉक भी नहीं हुआ है. हालांकि खूंटी में जेएसएमडीसी डोड़मा घाट से बालू का उठाव कर रहा है, ताकि बालू स्टॉक कर सके.
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1 से लेकर 9 जून तक जेएसएमडीसी एक लाख सीएफटी बालू डंप कर लेगा और स्टॉक यार्ड से बालू बेचेगा. जेएसएमडीसी के पास कुल 80 लाख सीएफटी बालू स्टॉक हो जाएगा. डोडमा बालू घाट को छोड़कर जिले में अधिकतर नदियों से अवैध बालू जमा करने में माफिया जुटे हुए हैं. कई स्थानों पर बालू स्टॉक कर माफिया रख चुके हैं ताकि ऊंचे दामों में खूंटी, रांची,गुमला समेत असपास के क्षेत्रों में बेचा जा सके.
डीएमओ ने दावा किया है कि इस बार खनन विभाग अवैध खनन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. एनजीटी के आदेश के बाद बालू नहीं मिलने से कई बड़े प्रोजेक्ट्स बंद हो जाएंगे. प्रधानमंत्री आवास से लेकर कई सरकारी योजनाओं पर ग्रहण लग जायेगा. इसका फायदा उठाकर माफिया मुनाफाखोरी में जुट गए हैं. वे बालू तो उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन मुहमांगी कीमत वसूल की जा रही है. एक माह पहले खूंटी में प्रति हाइवा 15 हजार से 18 हजार में मिलने वाला बालू 30 हजार से 35 हजार रुपये बिक रहे है. 160 सीएफटी बालू लदा टर्बो ट्रक 4500 रुपये में मिल रहा था. जिसके लिए अब 6500 से लेकर 8000 रुपये वसूले जा रहे हैं.