खूंटीः खूंटी में पीड़ितों को न्याय दिलाने वाले पुलिसकर्मी आरोपियों के पक्ष में खड़े हो गए. उन्होंने आरोपियों को बचाने के लिए कमरा बंद कर पीड़िता को डराया और आवेदन बदलवा दिया. बात कोर्ट तक पहुंची तो पोल खुल गई. पीड़िता ने न्यायालय में 164 के तहत अपने बयान में पीड़ा बताई तो पुलिसकर्मियों की घिग्घी बंध गई. इधर इस मामले को एसपी अमन कुमार ने गंभीरता से लिया है और डीएसपी अमित कुमार को निर्देशित किया है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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बिरसा कालेज की छात्रा ने अदालत को बताया कि उसके प्रेमी सचिन राय ने जान से मारने के लिए उसको अगवा कर लिया था. इसमें प्रेमी की दूसरी प्रेमिका ने उसका साथ दिया था. आरोप है कि कार में उससे मारपीट भी की गई. पीड़िता ने बताया कि चलती कार से कूद कर किसी तरह उसने अपनी जान बचाई और थाने जाकर आपबीती बताई. पीड़िता ने बताया कि थाने में मौजूद दारोगा ने उसकी नहीं सुनी और उसे धमकाकर अपने हिसाब से एफआईआर लिखी.
ये है पूरा मामलाः खूंटी शहर की रहने वाली छात्रा ने बताया कि 13 मई को वह अपने पिता और बहन के साथ खूंटी थाने पहुंची थी. उसके साथ हुई घटना की लिखित शिकायत खूंटी थानेदार पिंकू कुमार यादव को दी थी. इसके बाद वहां मौजूद दरोगा भजन लाल महतो उसका आवेदन लेने के बाद उसे थाने के अंदर कमरे में ले गया. आरोप है कि यहां पीड़िता पर आवेदन को बदलने का दबाव बनाने लगा. पीड़िता अपना बयान नहीं बदलना चाहती थी क्योंकि उसके साथ गलत हुआ था और उसका हत्या होने वाली थी. लेकिन थानेदार और दरोगा ने पीड़िता को जेल भेज देने की धमकी दी, जिससे वो डर गई और उसका वीडियो बनाकर उसी अनुसार लिखित आवेदन लिया और उसमें एफआईआर दर्ज की.
कोर्ट में फिर पीड़िता ने बयान बदल दिया. इससे पुलिसकर्मियों की फजीहत हो गई. इधर जिले के एसपी अमन कुमार ने बताया कि गंभीर आरोप है. मामले की जांच के लिए डीएसपी अमित कुमार को निर्देशित किया गया है, जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.