खूंटी: दीपावली और छठ के बाद अब ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा मृत विश्वासियों का पर्व मनाया जाता है. प्रत्येक वर्ष 2 नवंबर को सभी मृतकों की आत्मा शांति के लिए विशेष अनुष्ठान चर्च और कब्रिस्तान में किया जाता है (Christian Tomb Worship in Khunti). रोमन कैथोलिक चर्च के ईसाई 2 नवंबर के दिन सभी कब्रों की लिपाई-पुताई कर सफेद रंग से कब्रों को रंगा जाता है. फिर कब्रों को फूल माला से सजा कर मृतकों के लिए प्रार्थना की जाती है.
यह भी पढ़ें: खूंटी के किसानों का चेहरा हुआ गेंदा फुल, लाखों की कमाई ने बढ़ाई मुस्कान
कब्र पूजा की मान्यता: प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर को सभी संतों का पर्व कैथोलिक विश्वासी मनाते हैं. उनका मानना है कि दूसरों की भलाई करते हुए जिनकी मौत होती है और ईसाई धर्म के अनुसार जिनकी जिंदगी परोपकारिता में गुजरती है, वैसे व्यक्ति मृत्य के बाद स्वर्ग में संतों की संगति में होते हैं, इसलिए प्रत्येक वर्ष संतों के पर्व के बाद 2 नवंबर को सभी मृतकों की आत्मा की अनंत शांति के लिए विशेष मिस्सा पूजा किया जाता है. जिससे मृतकों के पापों को पिता परमेश्वर क्षमा प्रदान करें.
मृतकों के परिजन प्रार्थना करते हैं: सभी आत्माओं को शांति मिले, इसके लिए सभी मृतकों के परिजन प्रार्थना करते हैं. इस पर्व के लिए जिले में धर्मावलंबियों ने कब्रों की साफ- सफाई कल ही शुरू कर दी थी. दोपहर के बाद जिले के विभिन्न कब्रिस्तानों में सफाई और रंगाई का कार्य किया गया. कब्र पर्व के अवसर पर सभी कब्रों को फूल माला से सजाया जाता है. साथ ही अगरबत्ती और मोमबत्ती जलाकर मृतकों के लिए दुवाएं मांगी जाती हैं.