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खूंटी में मेगा हेल्थ कैंपः राज्यपाल रमेश बैस और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोगों को किया संबोधित

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Published : Jun 26, 2022, 8:37 PM IST

खूंटी में मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन (Mega Health Camp) किया गया. एक दिन 250 विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम ने करीब 80 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की. इस मौके पर राज्यपाल रमेश बैस और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोगों को संबोधित किया.

Governor Ramesh Bais and Union Minister Arjun Munda addressed people at Mega Health Camp in Khunti
खूंटी

खूंटीः महान स्वतंत्रता सेनानी व आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा के जन्मस्थल झारखंड के खूंटी जिला में अबुआ बुगिन स्वस्थ्य (हमारा बेहतर स्वस्थ्य) कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य मेला लगाकर 1 दिन में 60 हजार से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जांच का लक्ष्य रखा गया. इस कार्यक्रम में करीब 80 हजार लोगों की जांच की गयी. इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोगों को संबोधित किया.

इसे भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम का झारखंड के मंत्री ने किया बहिष्कार, कहा- बर्दाश्त नहीं सीएम हेमंत सोरेन का अपमान

जनजातीय कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वाधान में खूंटी में मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में दिल्ली, मुंबई से आए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर जनजातीय ग्रामीणों का इलाज किया. एक ही परिसर में मातृत्व शिशु स्वास्थ्य, हृदय रोग, कैंसर , न्यूरो से संबंधित गंभीर रोगों का इलाज किया गया. सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े खुंटी जिला में पहली बार आयोजित हो रहे इस वृहद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में दूर-दराज इलाकों से अपना इलाज कराने पहुंचे.

राज्यपाल रमेश बैस और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने का संबोधन

इस कैंप में गंभीर बीमारियों की जांच की भी व्यवस्था की गई है, साथ ही ग्रामीणों के बीच 25 हजार चश्मा का भी वितरण किया गया. कैंप में दिव्यांग जनों के बीच विभिन्न उपकरणों का वितरण भी किया गया. इसके साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर रक्त संग्रह किया. जिसमें बड़ी संख्या में सीआरपीएफ पुलिस बल के जवान रक्तदान कर मानवता का परिचय दिया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक कोचे मुंडा उपस्थित रहे. इस मौके पर खूंटी जिला के कोरोना योद्धाओं को मेगा स्वास्थ्य शिविर में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मनित किया गया.

देखें वीडियो


खूंटी में मेगा स्वास्थ्य कैंप (Health Camp in Khunti) में उपस्थित जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री ने जनसमूह की संबोधित करते हुए कहा कि शिविर में 25 हजार चश्मा का वितरण किया जा रहा है. 3 हजार दिव्यांगों को उपकरण बांटा जा रहा है. भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर सबका अभिनंदन करते हुए सभी स्वास्थ्यकर्मियों, पारामेडिकल कर्मी, रक्तदाताओं के लिए जोरदार तालियां बजवायी. उन्होंने कहा कि ये ताली इसलिए बजाए जा रहे हैं कि चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों और पारा मेडिकल कर्मियों की बदौलत यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है. जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय भाइयों बहनों के जीवन स्तर में सुधार के निमित कार्य करती है इसलिए जनजातीय मंत्रालय ने आजादी के 75 वें वर्षगांठ के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया उसको ध्यान में रखते हुए सबके स्वास्थ्य की चिंता की जा रही है.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आदिवासियों को समझाने की जरूरत नहीं है उन्हें समझने की जरूरत है. आजादी के 75 वर्ष बाद भी विकास के उन मानकों तक जनजातीय समुदाय नहीं पहुंच पाया है इसलिए अन्य समाज विकास के जिस सूचकांक तक पहुंचा है वहां तक पहुंचने के लिए यह कार्यक्रम किया जा रहा है. आजादी के लंबे कालखंड में हमारे पूर्वजों के बलिदान ने एक इतिहास लिखा है उस इतिहास के साथ नया इतिहास बनाते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है. जनजातीय मंत्रालय के स्वास्थ्य मेला का उद्देश्य है कि आज हम यहां रजिस्ट्रेशन के माध्यम से उन लोगों तक स्वास्थ्य विभाग पहुंचे और पूरे परिवार की स्वास्थ्य की जांच करे. आज का यह जो आयोजन है यह जनजातीय मंत्रालय के द्वारा इस तरह का आयोजन है जिससे स्वास्थ्य जांच के माध्यम से जनजातीय मेला की झलक दिखाई दे. जिसमें लोग मेला की तरह भीड़ में आएं और स्वास्थ्य जांच कर जब वापस जाय तो उसे दुगुनी खुशी प्राप्त हो.


मेगा स्वास्थ्य शिविर में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती पर आयोजित कार्यक्रम के लिए जनजातीय मंत्रालय का धन्यवाद किया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर हमारे महान नायकों का सम्मान किया है. देश की आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब नए विचारों, संकल्पों और प्रतिबद्धता का अमृत, बेहतर स्वास्थ्य का संकल्प भी शामिल है. स्वास्थ्य मेला के आयोजन में 350 से ज्यादा चिकित्सकों का योगदान लेना अपने आप में मेला को परिभाषित करता है. जनजातीय समुदाय के बीच इस तरह के कार्यक्रम से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आएगी. भगवान बिरसा मुंडा के पथ पर चलते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए. इस मेगा स्वास्थ्य मेला में देलाबू स्कूल तेबुआ 2.0 अर्थात स्कूल चलें हम कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड के राज्यपाल ने किया. कोविड काल के बाद स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए खूंटी जिला प्रशासन ने नई पहल की और सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी.

जिला में आयोजित मेगा कैंप का लाभ भले ही ग्रामीणों ने उठाया हो लेकर कार्यक्रम को लेकर राजनीति भी खूब हुई. केंद्रीय मंत्रालय का इस कार्यक्रम में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे थे लेकिन स्थल पहुंचने से पहले ही लौट गए. इसके पीछे कारण ये था कि सीएम हेमंत सोरेन व उनकी तस्वीर किसी भी बैनर पोस्टर में उनकी फोटो चस्पा नहीं थी. हालांकि इस नाराजगजी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने टिप्पणी नहीं की. लेकिन भाजपा नेताओं ने जिला प्रशासन की कमी बताई है. मामले पर कोई भी नेता कैमरे में कुछ बोलने से परहेज करते दिखे. वहीं झामुमो जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद ने इस कार्यक्रम को राजनीति लाभ लेना बताया और उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री का तस्वीर ना होना ये गलत है. वहीं दूर दराज से आये लोगों ने भी व्यवस्था पर नाराजगजी जाहिर की है.

खूंटीः महान स्वतंत्रता सेनानी व आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा के जन्मस्थल झारखंड के खूंटी जिला में अबुआ बुगिन स्वस्थ्य (हमारा बेहतर स्वस्थ्य) कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य मेला लगाकर 1 दिन में 60 हजार से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जांच का लक्ष्य रखा गया. इस कार्यक्रम में करीब 80 हजार लोगों की जांच की गयी. इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोगों को संबोधित किया.

इसे भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम का झारखंड के मंत्री ने किया बहिष्कार, कहा- बर्दाश्त नहीं सीएम हेमंत सोरेन का अपमान

जनजातीय कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वाधान में खूंटी में मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में दिल्ली, मुंबई से आए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर जनजातीय ग्रामीणों का इलाज किया. एक ही परिसर में मातृत्व शिशु स्वास्थ्य, हृदय रोग, कैंसर , न्यूरो से संबंधित गंभीर रोगों का इलाज किया गया. सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े खुंटी जिला में पहली बार आयोजित हो रहे इस वृहद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में दूर-दराज इलाकों से अपना इलाज कराने पहुंचे.

राज्यपाल रमेश बैस और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने का संबोधन

इस कैंप में गंभीर बीमारियों की जांच की भी व्यवस्था की गई है, साथ ही ग्रामीणों के बीच 25 हजार चश्मा का भी वितरण किया गया. कैंप में दिव्यांग जनों के बीच विभिन्न उपकरणों का वितरण भी किया गया. इसके साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर रक्त संग्रह किया. जिसमें बड़ी संख्या में सीआरपीएफ पुलिस बल के जवान रक्तदान कर मानवता का परिचय दिया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक कोचे मुंडा उपस्थित रहे. इस मौके पर खूंटी जिला के कोरोना योद्धाओं को मेगा स्वास्थ्य शिविर में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मनित किया गया.

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खूंटी में मेगा स्वास्थ्य कैंप (Health Camp in Khunti) में उपस्थित जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री ने जनसमूह की संबोधित करते हुए कहा कि शिविर में 25 हजार चश्मा का वितरण किया जा रहा है. 3 हजार दिव्यांगों को उपकरण बांटा जा रहा है. भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर सबका अभिनंदन करते हुए सभी स्वास्थ्यकर्मियों, पारामेडिकल कर्मी, रक्तदाताओं के लिए जोरदार तालियां बजवायी. उन्होंने कहा कि ये ताली इसलिए बजाए जा रहे हैं कि चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों और पारा मेडिकल कर्मियों की बदौलत यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है. जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय भाइयों बहनों के जीवन स्तर में सुधार के निमित कार्य करती है इसलिए जनजातीय मंत्रालय ने आजादी के 75 वें वर्षगांठ के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया उसको ध्यान में रखते हुए सबके स्वास्थ्य की चिंता की जा रही है.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आदिवासियों को समझाने की जरूरत नहीं है उन्हें समझने की जरूरत है. आजादी के 75 वर्ष बाद भी विकास के उन मानकों तक जनजातीय समुदाय नहीं पहुंच पाया है इसलिए अन्य समाज विकास के जिस सूचकांक तक पहुंचा है वहां तक पहुंचने के लिए यह कार्यक्रम किया जा रहा है. आजादी के लंबे कालखंड में हमारे पूर्वजों के बलिदान ने एक इतिहास लिखा है उस इतिहास के साथ नया इतिहास बनाते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है. जनजातीय मंत्रालय के स्वास्थ्य मेला का उद्देश्य है कि आज हम यहां रजिस्ट्रेशन के माध्यम से उन लोगों तक स्वास्थ्य विभाग पहुंचे और पूरे परिवार की स्वास्थ्य की जांच करे. आज का यह जो आयोजन है यह जनजातीय मंत्रालय के द्वारा इस तरह का आयोजन है जिससे स्वास्थ्य जांच के माध्यम से जनजातीय मेला की झलक दिखाई दे. जिसमें लोग मेला की तरह भीड़ में आएं और स्वास्थ्य जांच कर जब वापस जाय तो उसे दुगुनी खुशी प्राप्त हो.


मेगा स्वास्थ्य शिविर में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती पर आयोजित कार्यक्रम के लिए जनजातीय मंत्रालय का धन्यवाद किया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर हमारे महान नायकों का सम्मान किया है. देश की आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब नए विचारों, संकल्पों और प्रतिबद्धता का अमृत, बेहतर स्वास्थ्य का संकल्प भी शामिल है. स्वास्थ्य मेला के आयोजन में 350 से ज्यादा चिकित्सकों का योगदान लेना अपने आप में मेला को परिभाषित करता है. जनजातीय समुदाय के बीच इस तरह के कार्यक्रम से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आएगी. भगवान बिरसा मुंडा के पथ पर चलते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए. इस मेगा स्वास्थ्य मेला में देलाबू स्कूल तेबुआ 2.0 अर्थात स्कूल चलें हम कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड के राज्यपाल ने किया. कोविड काल के बाद स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए खूंटी जिला प्रशासन ने नई पहल की और सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी.

जिला में आयोजित मेगा कैंप का लाभ भले ही ग्रामीणों ने उठाया हो लेकर कार्यक्रम को लेकर राजनीति भी खूब हुई. केंद्रीय मंत्रालय का इस कार्यक्रम में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे थे लेकिन स्थल पहुंचने से पहले ही लौट गए. इसके पीछे कारण ये था कि सीएम हेमंत सोरेन व उनकी तस्वीर किसी भी बैनर पोस्टर में उनकी फोटो चस्पा नहीं थी. हालांकि इस नाराजगजी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने टिप्पणी नहीं की. लेकिन भाजपा नेताओं ने जिला प्रशासन की कमी बताई है. मामले पर कोई भी नेता कैमरे में कुछ बोलने से परहेज करते दिखे. वहीं झामुमो जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद ने इस कार्यक्रम को राजनीति लाभ लेना बताया और उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री का तस्वीर ना होना ये गलत है. वहीं दूर दराज से आये लोगों ने भी व्यवस्था पर नाराजगजी जाहिर की है.

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