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खूंटी: उलिहातू गांव में पेयजल की परेशानी, 5 पंप हुए खराब

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Published : Nov 12, 2020, 1:40 PM IST

खूंटी जिले के उलिहातू गांव से पेयजल की परेशानी सामने आ रही है. उलिहातू गांव में पांच सोलर आधारित पंप लगाया गया है, लेकिन पांचों पंप खराब है. कई बार शिकायत करने के बाद भी अभी तक पंप नहीं सही किया गया है.

five solar pumps are not working in village in khunti
गांव के पांच पंप हुए खराब

खूंटी: झारखंड राज्य स्थापना के 20 साल हो गए हैं. भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर राज्य का गठन हुआ. उलीहातू में विकास के नाम पर सड़क और बिजली पहुंचा दी गई. पेयजल आपूर्ति के लिए सोलर संचालित पेयजल मीनार की व्यवस्था की गई थी, लेकिन विगत एक वर्ष से लगातार सोलर आधारित पेयजल आपूर्ति खराब पड़ा है.

देखें पूरी खबर

पांच सोलर पंप खराब

उलिहातू गांव में पांच सोलर आधारित पंप लगाया गया है, लेकिन पांचों खराब है. कई बार जिले के अधिकारी उलीहातू पहुंचे, लेकिन गांव वालों को पीने के पानी के लिए अब भी डाड़ी पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. सोलर संचालित पेयजल आपूर्ति की मरम्मत के लिए बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा ने समाहरणालय में हुई बैठक में मांग रखी कि 15 नवंबर 2020 से पूर्व उलीहातू में पेयजल आपूर्ति की मरम्मति कर दी जाए, लेकिन 12 नवंबर तक कोई भी अधिकारी उलीहातू नहीं पहुंचे है.

डाड़ी का पानी पीने को मजबूर

ग्रामीण विगत एक साल से डाड़ी का पानी पीने को मजबूर है. स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि पेयजल आपूर्ति में लगी मशीन यदि मरम्मत कर दी जाती तो स्वच्छ पानी पीने को मिल जाता. इस बार पूरा बरसात डाड़ी के पानी से ही खाना बनाने और पीने के लिए निर्भर रहना पड़ा है.

इसे भी पढ़ें-बिहार चुनाव में जीते हुए प्रत्याशी पहुंचने लगे बाबा दरबार, राज्य की सुख समृद्धि की कर रहे हैं कामना

20 वर्षों में विकास का काम

उलिहातू के स्थानीय ग्रामीण मानते है कि जिस रफ्तार से 20 वर्षों में विकास का काम होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन यह भी मानते हैं कि उलीहातू तक पहुंचने के लिए सरकार की तरफ से सड़क का निर्माण कर दिया गया है. इसके साथ ही उलीहातू समेत आस पास के गांव में बिजली की सुविधा भी बहाल की गई है. अब ग्रामीण इसी उम्मीद में है कि शायद इस बार 15 नवंबर के एक या 2 दिन पहले तक पेयजल आपूर्ति भी सही कर दी जाएगी, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा.

खूंटी: झारखंड राज्य स्थापना के 20 साल हो गए हैं. भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर राज्य का गठन हुआ. उलीहातू में विकास के नाम पर सड़क और बिजली पहुंचा दी गई. पेयजल आपूर्ति के लिए सोलर संचालित पेयजल मीनार की व्यवस्था की गई थी, लेकिन विगत एक वर्ष से लगातार सोलर आधारित पेयजल आपूर्ति खराब पड़ा है.

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पांच सोलर पंप खराब

उलिहातू गांव में पांच सोलर आधारित पंप लगाया गया है, लेकिन पांचों खराब है. कई बार जिले के अधिकारी उलीहातू पहुंचे, लेकिन गांव वालों को पीने के पानी के लिए अब भी डाड़ी पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. सोलर संचालित पेयजल आपूर्ति की मरम्मत के लिए बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा ने समाहरणालय में हुई बैठक में मांग रखी कि 15 नवंबर 2020 से पूर्व उलीहातू में पेयजल आपूर्ति की मरम्मति कर दी जाए, लेकिन 12 नवंबर तक कोई भी अधिकारी उलीहातू नहीं पहुंचे है.

डाड़ी का पानी पीने को मजबूर

ग्रामीण विगत एक साल से डाड़ी का पानी पीने को मजबूर है. स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि पेयजल आपूर्ति में लगी मशीन यदि मरम्मत कर दी जाती तो स्वच्छ पानी पीने को मिल जाता. इस बार पूरा बरसात डाड़ी के पानी से ही खाना बनाने और पीने के लिए निर्भर रहना पड़ा है.

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20 वर्षों में विकास का काम

उलिहातू के स्थानीय ग्रामीण मानते है कि जिस रफ्तार से 20 वर्षों में विकास का काम होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन यह भी मानते हैं कि उलीहातू तक पहुंचने के लिए सरकार की तरफ से सड़क का निर्माण कर दिया गया है. इसके साथ ही उलीहातू समेत आस पास के गांव में बिजली की सुविधा भी बहाल की गई है. अब ग्रामीण इसी उम्मीद में है कि शायद इस बार 15 नवंबर के एक या 2 दिन पहले तक पेयजल आपूर्ति भी सही कर दी जाएगी, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा.

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