खूंटी: जिले के सुदूरवर्ती इलाके सरजमा के सरकारी विद्यालयों में गांव के किसानों को जिला प्रशासन ने ऑनलाइन एथनोवेटरिनरी प्रशिक्षण दिया. इस प्रशिक्षण में गांव में मिलने वाली औषधीय पौधों से किस तरह पशुओं का इलाज किया जा सकता है. इसकी पूरी विधि, प्राकृतिक उपचार के तौर-तरीके और जड़ी-बूटी की सही मात्रा कब और कैसे देना है. इस पर विस्तार से डॉक्टर ने खूंटी के किसानों से बातचीत की और उन्हें इलाज को लेकर कई टिप्स दिए गए.
उपचार की विधि बताई
खूंटी जिले में एथनोवेटरिनरी ऑनलाइन प्रशिक्षण में लैपटॉप और प्रोजेक्टर के माध्यम से सरजमा के किसान जुड़े थे. पहली बार गांव में किसान कोरोना संक्रमण के कारण वर्चुवल प्रशिक्षण ले रहे थे. उड़ीसा के डॉक्टर बलराम साहू खूंटी के किसानों से जुड़कर पशुपालन में आवश्यक जरूरी प्राकृतिक इलाज के बारे बातचीत कर रहे थे. गांव में मिलने वाली औषधीय पौधों से किस तरह पशुओं का इलाज किया जा सकता है. इसकी पूरी विधि, प्राकृतिक उपचार के तौर-तरीके और जड़ी-बूटी की सही मात्रा कब और कैसे देना है. इसपर विस्तार से डॉक्टर ने किसानों से बातचीत की और उन्हें इलाज को लेकर कई गुणकारी टिप्स दिए.
इस दौरान पशुओं की होने वाले खुरहा रोग, चपका रोग, पेट की बीमारियां, चकते आना समेत पशु प्रजनन क्षमता संबंधी समस्याओं के बारे में चर्चा की. साथ ही गांव में मिलने वाले घास फूस और औषधीय गुणों वाले पौधों से बनने वाली दवाइयों और उपचार की विधि बतायी गयी.
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डॉक्टर-किसान में सवाल-जवाब
सरजमा के किसान एथनोवेटरिनरी ऑनलाइन प्रशिक्षण में डॉक्टर बलराम से सीधा सवाल-जवाब भी पूछ रहे थे. किसानों ने पहली बार मवेशियों के देसी इलाज की प्रक्रिया एथनोवेटरिनरी ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से सीखी. उम्मीद है आने वाले समय मे खूंटी के सुदूरवर्ती किसानों को इसका फायदा पहुंचेगा.