देवघरः श्रावण मास की पहली सोमवारी (first Monday of Sawan) को लेकर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. रांची, देवघर, खूंटी समेत तमाम मंदिरों में कांवरियों की भीड़ पहुंचने लगी है. देवघर में बाबा का जलाभिषेक करने को लेकर भक्तों में काफी उत्साह है.
देवघर बाबा मंदिर (Deoghar Baba Mandir) में देश के कोने कोने से कांवरिया जुट रहे हैं. बिहार के सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने को लेकर भक्त पहुंच रहे हैं. शहर की गली-गली में बोलबम का नारा गूंज रहा है. श्रावण मास की पहली सोमवारी को लेकर उत्साह देवघर में दिखने लगी है. कांवरिया बताते है कि 2 साल के लंबे अंतराल के बाद बाबा को जलाभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. इसको लेकर मन में काफी उत्साह है.
आम्रेश्वर धाम में पूजाः खूंटी में भी श्रावणी मेला को लेकर आम्रेश्वर धाम (Khunti Amreshwar Dham) में काफी भीड़ देखी जा रही है. सावन की पहली सोमवारी को लेकर यहां जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. आमरेश्वरधाम धाम प्रबंध समिति और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के जलार्पण के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. इससे पहले रविवार को बाबा आमरेश्वरधाम में श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया. छुट्टी का दिन होने के कारण लोग बड़ी संख्या में परिवार के साथ आमरेश्वरधाम पहुंचे थे. व्यवस्था और सुरक्षा का जायजा लेने के लिए एसडीओ जितेंद्र मुंडा, डीएफओ कुलदीप मीणा, नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी रवि प्रकाश समेत अन्य दंडाधिकारी आमरेश्वरधाम में मौजूद रहे. इसी क्रम में खूंटी से 100 कांवरियों का जत्था बाबानगरी देवघर के लिए रविवार को रवाना हुआ.
क्यों खास है सावन का सोमवारः ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की पहली पत्नी देवी सती ने जब अपने पिता के घर पर अपने पति शिव का अपमान होते देखा तो वो बर्दाश्त नहीं कर पाईं और राजा दक्ष के यज्ञकुंड में अपनी आहूति दे दी. इसके बाद उन्होंने हिमालय पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती के रूप में भी उन्होंने भगवान शिव को भी अपना वर चुना और उनकी प्राप्ति के लिए कठोर तप किया.
सावन के महीने में ही भगवान शिव उनके तप से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इसके बाद पार्वती का भगवान शिव के साथ विवाह हुआ. तब से ये पूरा सावन माह शिव और पार्वती दोनों का प्रिय माह बन गया. सोमवार का दिन महादेव और मां पार्वती को समर्पित होता है, ऐसे में उनके प्रिय माह सावन में पड़ने वाले सोमवार का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. शिव भक्त सामान्यत: सोमवार का व्रत नहीं रखते, वो सावन के सोमवार का व्रत जरूर रखते हैं.
सावन की सोमवारी का महत्वः सावन में सोमवार का व्रत रखने से मनवांछित कामना पूरी होती है. सुहागिन महिलाओं को सौभाग्यवती होने का आशीष प्राप्त होता है. साथ ही पति को लंबी आयु प्राप्त होती है. वहीं अगर कुंवारी कन्याएं ये व्रत रखें तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.