खूंटीः झारखंड के अन्य जिलों की तरह खूंटी जिला भी सुखाड़ की ओर अग्रसर (drought due to lack of rain) हो रहा है. जिला में अबतक धान की खेती के लिए आवश्यक वर्षा नहीं हुई है. कई खेतों में अभी भी बिचड़े लगे हैं जबकि जुलाई माह के अंत तक किसान बिचड़ों को खेतों में रोपकर समाप्त कर देते हैं. वर्षा ना होने से (low railnfall in Monsoon) किसान काफी चिंतित और परेशान हैं.
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जिला में 10 प्रतिशत खेतों में भी रोपनी का कार्य नहीं किया गया है. गहरे और निचले खेतों में ही छिटपुट धान की बोआई की गई है. अभी भी किसान खेतों में हल चला रहे हैं, इसी उम्मीद में कि शायद बारिश हो जाए. लेकिन रुक-रुककर छिटपुट हो रही बारिश ने किसानों के माथा पर शिकन ला दी है. किसान चिंतित हैं कि इस वर्ष बगैर बारिश के (lack of rain in Khunti) धान की खेती कैसे होगी. धान के खेत जुलाई माह के आखिरी तक हरे भरे नजर आते थे. लेकिन मौसम की मार ने किसानों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर रोपा करें या ना करें. जब तक खेतों में लबालब बारिश का पानी एकत्रित नहीं हो जाता तो धान की खेती अच्छी नहीं होती.
किसान उम्मीद लगाए हुए हैं कि शायद आज कल या आगामी दो-चार दिन में भारी बारिश हो जाए तो कुछ उम्मीद की जा सकती है. महिला किसानों ने भी बताया कि सूखे खेत में किसान हल चलाने को मजबूर हैं. धान के बिचड़े भी कम पानी मे बर्बाद हो जाएंगे. 2016-17 में खूंटी को सूखा जिला घोषित किया गया था. सरकार की तरफ से लगभग 9 करोड़ रुपया लाभुकों को देने के लिए आया था. लेकिन उसका लाभ भी बिचौलियों को मिला और किसान ठगे रह गए.