खूंटीः जिला में नशे के खिलाफ अभियान चल तो रहा है लेकिन खूंटी में अवैध अफीम की खेती इतने व्यापक पैमाने हुई है कि अफीम की खेती को नष्ट कर पाना पुलिस के असंभव है. इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पुलिस ने अफीम के खिलाफ अभियान उस वक्त शुरू किया था जब पौधे छोटे थे. अब डोडा में चीरा लगाकर अफीम निकालने का काम शुरू हो चुका है और तस्कर अफीम को बेचने की जुगत में लग गए हैं. हालांकि इन सब के बीच पुलिस ने कार्रवाई को पहले से और तेज कर दी है.
इसे भी पढ़ें- Opium Cultivation In Khunti: खूंटी में अफीम की खेती को रोकना पुलिस के चुनौती, उलिहातू में भी माफिया उगा रहे नशे की फसल
जिला में रविवार शाम तक पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगी लगभग 15 एकड़ से अधिक अफीम की कसलों को नष्ट किया है. लगभग हर दिन अफीम के खिलाफ अभियान चल रहा है और अफीम विनष्टीकरण अभियान के तहत अब तक लगभग 2000 एकड़ से अधिक में लगे अफीम के पौधों को तोड़ने का दावा पुलिस ने किया है. अब पुलिस को अफीम के ज्यादातर खेत में डोडा में चीरा लगा हुआ मिल रहा है यानी कि उसमें अफीम निकाल लिया गया है.
पुलिस के द्वारा अब निकाले गए अफीम के साथ लोगों की गिरफ्तारी भी की जा रही है लेकिन क्षेत्र में जितने बड़े मात्रा में अफीम और खेतों से निकाले गए अफीम को बरामद करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि जिला में अब तक पुलिस अफीम के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. लेकिन इधर अफीम निकालने और उसकी तस्करी भी शुरू हो गयी है. इसको लेकर पुलिस ने अपनी कार्रवाई का अंदाज बदला है. इसलिए पुलिस अब चेकिंग अभियान चलाकर गाड़ियों में अफीम की तलाश करने में लग गयी है.
खूंटी जिला प्रशासन अपने बूते पर जिला में अफीम के खिलाफ अभियान चलाती रही है. इस वर्ष 5000 एकड़ से अधिक की खेती जिला के विभिन्न क्षेत्रों में लगाई गयी है और पुलिस ने 2000 एकड़ में लगी फसलों को ही नष्ट कर पाई है. ऐसे में अगर अफीम माफिया 1000 एकड़ से फसल निकाल लेते है तो खूंटी से 100 करोड़ों रुपए से अधिक अफीम का अवैध कारोबार होने की संभावना है. इसको लेकर जानकार कहते हैं कि एक सप्ताह के अंदर सारे खेतों में डोडा में चीरा लगाकर अफीम निकाल लिए जाएंगे और अफीम का कारोबार 100 करोड़ पर कर जाएगा.
खूंटी एसपी अमन कुमार ने दावा किया है कि पुलिस के प्रयासों का नतीजा है कि पुलिस के साथ मिलकर ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर खेती को नष्ट किया है. पुलिसिया दबाव के कारण ग्रामीणों ने किसी तरह का कोई कार्रवाई नहीं करने की अपील की थी उसके बाद अफीम विनाष्ट किया जा सका. हालांकि एसपी भी मानते है कि अफीम की खेत को पूरी तरह नष्ट नहीं किया जा सकता. लेकिन आमजनों से सूचना देने की अपील की है ताकि अवैध अफीम और माफियाओं पर नकेल कसी जा सके.