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सरना धर्म कोड को जल्द लागू करने की मांग तेज, संयुक्त पड़हा महासभा ने दी आंदोलन की चेतावनी - झारखंड में सरना धर्म कोड का मुद्दा

झारखंड में सरना धर्म कोड को लेकर सियासी पारा दिन प्रतिदिन तेज होता जा रहा है. खूंटी में संयुक्त पड़हा महासभा ने राज्य में जल्द से जल्द इसे लागू करने की मांग की है. मांग पूरी न होने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

सरना धर्म कोड
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Published : Nov 7, 2020, 7:42 PM IST

खूंटीः जिले के हूटार बाजारटांड़ में एदेल संगा पड़हा 36 मौजा द्वारा संयुक्त पड़हा महासभा आयोजित हुई, जिसमें तीडू, भेंगरा और होरो पड़हा राजा भी शामिल हुए. एदेल संगा पड़हा के राजा सोमा मुंडा ने कहा कि इस महासभा के आयोजन का मूल उद्देश्य सरना धर्म कोड है. सोमा मुंडा ने इस बात को लेकर हर्ष व्यक्त किया कि 11 नवंबर को सरना कोड को लेकर सरकार विशेष सत्र बुला रही है, जिसमें सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को परित कर केंद्र को भेजा जाएगा.

सोमा मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने के बाद सरना धर्मावलंबी नेता दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना देकर केंद्र सरकार पर प्रस्ताव पारित कर सरना धर्म कोड को लागू कराने के लिए सामाजिक आंदोलन करेंगे.

उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड को लागू करने में किसी भी प्रकार की रूकावट हुई, तो सरना संगठनों द्वारा चरणबद्ध तरिके से आंदोलन किया जाएगा. मथुरा कंडीर ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि झारखंड सरकार सरना धर्म कोड पास करने के लिए विशेष सत्र बुला रही है.

यह भी पढ़ेंः बेल नहीं मिलने से लालू यादव परेशान, कार्यकर्ताओ से भी नहीं कर रहे हैं मुलाकात

उम्मीद है कि धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर दिया जाएगा. लेकिन उसके बाद भी हमें जागरूक रहकर अपने धर्म, संस्कृति, परंपरा की रक्षा करनी होगी.

उन्होंने जल-जंगल-जमीन पर बोलते हुए गांवों के नदी-नालों के पानी को पारंपरिक तरीके से रोकने, जंगलों की सुरक्षा करने और जमीन को हरा-भरा करने के लिए मेहनत करने की बात कही.

जिससे परिवार, गांव और समाज में खुशियां आए. उन्होंने महासभा में आये लोगों से नशापान से दूर रहने की अपील की. महासभा को मंगल सिंह मुंडा, कीनू मुंडा, शंकर पाहन, रावल संगा, कोंता पाहन, तोयता पाहन, अमृता मुंडा, सुनू संगा, सामुएल संगा आदि ने भी संबोधित किया.

खूंटीः जिले के हूटार बाजारटांड़ में एदेल संगा पड़हा 36 मौजा द्वारा संयुक्त पड़हा महासभा आयोजित हुई, जिसमें तीडू, भेंगरा और होरो पड़हा राजा भी शामिल हुए. एदेल संगा पड़हा के राजा सोमा मुंडा ने कहा कि इस महासभा के आयोजन का मूल उद्देश्य सरना धर्म कोड है. सोमा मुंडा ने इस बात को लेकर हर्ष व्यक्त किया कि 11 नवंबर को सरना कोड को लेकर सरकार विशेष सत्र बुला रही है, जिसमें सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को परित कर केंद्र को भेजा जाएगा.

सोमा मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने के बाद सरना धर्मावलंबी नेता दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना देकर केंद्र सरकार पर प्रस्ताव पारित कर सरना धर्म कोड को लागू कराने के लिए सामाजिक आंदोलन करेंगे.

उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड को लागू करने में किसी भी प्रकार की रूकावट हुई, तो सरना संगठनों द्वारा चरणबद्ध तरिके से आंदोलन किया जाएगा. मथुरा कंडीर ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि झारखंड सरकार सरना धर्म कोड पास करने के लिए विशेष सत्र बुला रही है.

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उम्मीद है कि धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर दिया जाएगा. लेकिन उसके बाद भी हमें जागरूक रहकर अपने धर्म, संस्कृति, परंपरा की रक्षा करनी होगी.

उन्होंने जल-जंगल-जमीन पर बोलते हुए गांवों के नदी-नालों के पानी को पारंपरिक तरीके से रोकने, जंगलों की सुरक्षा करने और जमीन को हरा-भरा करने के लिए मेहनत करने की बात कही.

जिससे परिवार, गांव और समाज में खुशियां आए. उन्होंने महासभा में आये लोगों से नशापान से दूर रहने की अपील की. महासभा को मंगल सिंह मुंडा, कीनू मुंडा, शंकर पाहन, रावल संगा, कोंता पाहन, तोयता पाहन, अमृता मुंडा, सुनू संगा, सामुएल संगा आदि ने भी संबोधित किया.

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