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खूंटी में पुलिस-पब्लिक भिड़ंत, मारंगहादा थाना निर्माण का आदिवासी समुदाय कर रहे विरोध

खूंटी के तिलमा क्षेत्र में मारंगहादा थाना (Maranghada Police Station) निर्माण का विरोध तेज हो गया है. गुरुवार को आदिवासी समाज (Tribal Community) के लोग सरना पूजा स्थल (Sarna Worship Place) के बगल में थाना निर्माण का विरोध करने पहुंचे थे. इसे लेकर ही पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद शुरू हो गया. घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया.

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पुलिस पब्लिक भिड़ंत
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Published : Jul 16, 2021, 6:04 PM IST

खूंटी: जिले के तिलमा में एक बार फिर पुलिस प्रशासन और अनुसूचित जनजाति समाज आमने- सामने भिड़ गए. तिलमा क्षेत्र में मारंगहादा थाना (Maranghada Police Station) के लिए चिन्हित जमीन की घेराबंदी को लेकर ग्रामीण और पुलिस के बीच नोंक झोंक हो गई. जिस जगह पर थाना का निर्माण हो रहा है, उसके बगल में ही सरना पूजा स्थल (Sarna Worship Place) है, जहां पर आदिवासी समुदाय (Tribal Community) के लोग बलि चढ़ाते हैं. गुरुवार को आदिवासी समाज के लोग सरना पूजा स्थल के बगल में थाना निर्माण का विरोध करने पहुंचे थे. इसे लेकर ही पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद शुरू हो गया. घटना के बाद मौके पर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया.

इसे भी पढे़ं: तिलमा में जमीन पर फिर नहीं बनी बात, एक हां के लिए ग्रामीणों की मनुहार

जिले के तिलमा में थाना निर्माण के लिए परंपरागत बलि अनुष्ठान को लेकर पुलिस प्रशासन से ग्रामीण भिड़ गए. ग्रामीणों ने 5वीं अनुसूची का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल को 5वीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जनजातीय समाज की सुरक्षा करने का दायित्व है, जनजातीय समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक क्रियाकलापों में गैर जनजातीय समाज का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं मुंडा पड़हा समाज के कई सदस्यों ने कहा कि जब तक बलि अनुष्ठान वाले स्थल को थाना क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाएगा, तब तक थाना का विरोध जारी रहेगा. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि थाना किसी और जगह पर भी बन सकता है, लेकिन अनुसूचित जनजाति समुदाय का पूजा स्थल और बलि अनुष्ठान स्थल परिवर्तित नहीं किया जा सकता है.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों और पुलिस के बीच बढ़ी दूरी
ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन पूर्वजों के काल से चली आ रही पूजा स्थल और बलि स्थल के रूप में चिन्हित पवित्र भूमि है, आदिवासी मुंडा जनजातीय समाज जगह बदल बदल कर पूजा नहीं कर सकता, ऐसा करने से सिंगबोंगा नाराज हो जाएंगे और गांव समाज में तरह तरह की बीमारियां फैलने लगेगी. ग्रामीणों ने कहा कि शुरुआत में तिलमा के पंचायत भवन में 3 महीने के लिए पुलिस कैंप बनाने की इजाजत मांगी गई थी, लेकिन तीन साल गुजरने के बाद भी स्थानीय ग्रामीण खामोश रहे, जब यहां स्थायी थाना निर्माण के लिए धार्मिक आस्था वाले बलि स्थल की घेराबंदी कर दी गई, तब ग्रामीणों और पुलिस के बीच दूरी बढ़ती गई.

इसे भी पढे़ं: ग्रामीणों ने किया थाना के नए भवन निर्माण का विरोध, 24 घंटे के अंदर कंटीले तार हटाने का अल्टिमेटम

अनुसूचित जनजाति समाज का नहीं होता कोई मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर

अनुसूचित जनजाति समाज अपने धार्मिक आस्था के लिए प्रकृति पर निर्भर है. उनका कोई मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर नहीं होता, लेकिन लंबे समय से एक निश्चित पवित्र भूमि पर इस समुदाय के लोगों का पूजा स्थल होता है. जनजातीय समाज में विशेष धार्मिक अवसरों पर बलि चढ़ाने की परंपरा है. सरना समाज पूजा पाठ के क्रम में पशु-पक्षियों का बलि चढ़ाते हैं. बलि स्थल भी परंपरा के अनुसार पूर्व से निर्धारित स्थल पर होता है. ऐसी मान्यता है कि पूजा स्थल और बलि स्थल पर कोई भी व्यक्ति गैर -धार्मिक क्रियाकलाप करता है, तो उसपर कोई न कोई विपत्ति अवश्य आती है.

घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात

वहीं इस मामले पर जिला प्रशासन के कोई अधिकारी भी कुछ कहने से इनकार कर रहे हैं. घटना के बाद एसडीओ, सीओ, सीआई से लेकर मजिस्ट्रेट और डीएसपी सहित चार थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई. वहीं देर शाम एसपी भी तिलमा पहुंचे और पदाधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली है.

खूंटी: जिले के तिलमा में एक बार फिर पुलिस प्रशासन और अनुसूचित जनजाति समाज आमने- सामने भिड़ गए. तिलमा क्षेत्र में मारंगहादा थाना (Maranghada Police Station) के लिए चिन्हित जमीन की घेराबंदी को लेकर ग्रामीण और पुलिस के बीच नोंक झोंक हो गई. जिस जगह पर थाना का निर्माण हो रहा है, उसके बगल में ही सरना पूजा स्थल (Sarna Worship Place) है, जहां पर आदिवासी समुदाय (Tribal Community) के लोग बलि चढ़ाते हैं. गुरुवार को आदिवासी समाज के लोग सरना पूजा स्थल के बगल में थाना निर्माण का विरोध करने पहुंचे थे. इसे लेकर ही पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद शुरू हो गया. घटना के बाद मौके पर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया.

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जिले के तिलमा में थाना निर्माण के लिए परंपरागत बलि अनुष्ठान को लेकर पुलिस प्रशासन से ग्रामीण भिड़ गए. ग्रामीणों ने 5वीं अनुसूची का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल को 5वीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जनजातीय समाज की सुरक्षा करने का दायित्व है, जनजातीय समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक क्रियाकलापों में गैर जनजातीय समाज का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं मुंडा पड़हा समाज के कई सदस्यों ने कहा कि जब तक बलि अनुष्ठान वाले स्थल को थाना क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाएगा, तब तक थाना का विरोध जारी रहेगा. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि थाना किसी और जगह पर भी बन सकता है, लेकिन अनुसूचित जनजाति समुदाय का पूजा स्थल और बलि अनुष्ठान स्थल परिवर्तित नहीं किया जा सकता है.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों और पुलिस के बीच बढ़ी दूरी
ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन पूर्वजों के काल से चली आ रही पूजा स्थल और बलि स्थल के रूप में चिन्हित पवित्र भूमि है, आदिवासी मुंडा जनजातीय समाज जगह बदल बदल कर पूजा नहीं कर सकता, ऐसा करने से सिंगबोंगा नाराज हो जाएंगे और गांव समाज में तरह तरह की बीमारियां फैलने लगेगी. ग्रामीणों ने कहा कि शुरुआत में तिलमा के पंचायत भवन में 3 महीने के लिए पुलिस कैंप बनाने की इजाजत मांगी गई थी, लेकिन तीन साल गुजरने के बाद भी स्थानीय ग्रामीण खामोश रहे, जब यहां स्थायी थाना निर्माण के लिए धार्मिक आस्था वाले बलि स्थल की घेराबंदी कर दी गई, तब ग्रामीणों और पुलिस के बीच दूरी बढ़ती गई.

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अनुसूचित जनजाति समाज का नहीं होता कोई मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर

अनुसूचित जनजाति समाज अपने धार्मिक आस्था के लिए प्रकृति पर निर्भर है. उनका कोई मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर नहीं होता, लेकिन लंबे समय से एक निश्चित पवित्र भूमि पर इस समुदाय के लोगों का पूजा स्थल होता है. जनजातीय समाज में विशेष धार्मिक अवसरों पर बलि चढ़ाने की परंपरा है. सरना समाज पूजा पाठ के क्रम में पशु-पक्षियों का बलि चढ़ाते हैं. बलि स्थल भी परंपरा के अनुसार पूर्व से निर्धारित स्थल पर होता है. ऐसी मान्यता है कि पूजा स्थल और बलि स्थल पर कोई भी व्यक्ति गैर -धार्मिक क्रियाकलाप करता है, तो उसपर कोई न कोई विपत्ति अवश्य आती है.

घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात

वहीं इस मामले पर जिला प्रशासन के कोई अधिकारी भी कुछ कहने से इनकार कर रहे हैं. घटना के बाद एसडीओ, सीओ, सीआई से लेकर मजिस्ट्रेट और डीएसपी सहित चार थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई. वहीं देर शाम एसपी भी तिलमा पहुंचे और पदाधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली है.

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