खूंटी: भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर खूंटी के बिरसा कॉलेज बहुद्देशीय भवन सभागार में अखिल भारतीय सरना समाज का सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां उन्होंने कहा कि हमें भगवान बिरसा मुंडा के बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है. हम सभी एकसाथ एकजुट रहें. सादगी, सरलता और शांतिपूर्ण मार्ग पर चलकर ही भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं पर गर्व होना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अखिल भारतीय सरना समाज का सम्मेलन में कहा कि वनाधिकार कानून सबसे पहले अगर कोई कानून बनवाया तो वे भगवान बिरसा मुंडा ही थे. भगवान बिरसा मुंडा के आंदोलन की बदौलत जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम बनाया गया. अगर बिरसा मुंडा नहीं रहते तो ये कानून भी नहीं बनता और आदिवासियों को उसकी पहचान भी नहीं मिलती.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आदिवासी जीवनपद्धति ही जीवन का सूत्र है. आदि है तो अनंत है. इस बात को बताने का काम आदिवासी समाज ने किया है. जंगलों में रहने वाले आदिवासियों की जीवन पद्धति को समझ जाएं तो पर्यावरण संरक्षण के लिए चिंतन करने की आवश्यकता नहीं होगी. भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था. अपने अधिकार के लिए हमेशा अपनी आवाज बुलंद करते रहे. उन्होंने कभी भी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की. कार्यक्रम में पूर्व सांसद कड़िया मुंडा, डॉ सत्यनारायण मुंडा, सोमा मुंडा, लीलू पाहन, संजय मुंडा, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार, एसडीओ अनिकेत सचान समेत दूर दराज के ग्रामीण उपस्थित थे.