खूंटीः तोरपा प्रखंड के कमड़ा सिरका टोली के 12 नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सरना धर्मावलंबियों ने तोरपा के रोमन कैथोलिक चर्च पर बच्चों का मानसिक शोषण करने और उन्हें अपनी सभ्यता-संस्कृति से दूर करने का आरोप लगाया है. सरना धर्मावलंबियों ने कहा है कि जिन बच्चों को अभी धर्म की समझ नहीं हैं, उनका धर्मांतरण कर मानसिक शोषण किया जा रहा है. अब यह मामला केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग के पास पहुंच गया है. आयोग के प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कहा है कि इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. मामला गर्माने पर जिला प्रशासन ने एक जांच टीम बनाई थी. जिसने सील बंद रिपोर्ट एसडीओ को सौंप दी है.
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सरना धर्मावलंबियों ने अनुमंडल पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा हैं, जिसमें धर्मांतरित बच्चों के नाम का जिक्र किया है. सरना धर्मावलंबियों ने इन बच्चों को उनके मूल धर्म मे लाने और चर्च के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है. 21 मई को सरना समाज के लोगों ने एसडीओ को ज्ञापन दिया. इस ज्ञापन के अनुसार मसखु गुड़िया, सोमा गुड़िया, दिनेश बरला, ज्योति बरला, कुंवरी बरला, सुमन गुड़िया, कुशल गुड़िया, सागेन गुड़िया, अनिता गुड़िया, शांति बरला, रंजीत बरला और रोशन बरला शामिल हैं. ये बच्चे तपकारा थाना क्षेत्र के सिरका टोली के कामड़ा गांव के रहने वाले हैं.
धर्मांतरण का मामला केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग तक पहुंच गया है. प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर कहा कि खूंटी में जनजातीय नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण किये जाने के मामले की शिकायत मिली है. उसका परीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं, तपकारा थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार ने कहा कि शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है. पूर्व जिला परिषद सदस्य जयमंगल गुड़िया ने कहा कि मामला संदेहास्पद है. इसकी जांच होनी चाहिए.
धर्मांतरण मामले को लेकर पिछले दिनों सरना धर्म सोतो समिति की बैठक हुई. इस बैठक में लोगों ने धर्मांतरण को लेकर आक्रोश जताया और प्रशासन से मांग की कि धर्मांतरण पर रोक लगाये. अन्यथा आंदोलन तेज किया जायेगा. कमडा गांव के रेडा मुंडा ने कहा कि झारखंड में धर्मांतरण निषेध कानून लागू होने के बावजूद गैरकानूनी तरीके से लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है.