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अवैध बालू खनन के कारण पुल हुआ क्षतिग्रस्त, प्रशासनिक महकमे में मची खलबली

खूंटी में अवैध बालू खनन के कारण एक तोरपा से गुमला जाने वाली सड़क पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके बाद प्रशासन ने उस पर आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है. हालांकि पुल टूटने से प्रशासनिक मकहमे में खलबली मच गई है.

Bridge damaged due to illegal sand mining
Bridge damaged due to illegal sand mining
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Published : Aug 24, 2022, 10:34 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 10:42 PM IST

खूंटी: जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद खूंटी में बालू माफिया बेखौफ हैं. बेखौफ इसलिए की तोरपा प्रखंड के डोड़मा बालू घाट में लगातार बालू का उठाव किया जाता रहा है. लगातार अवैध खनन से पुल के कई स्तंभ क्षतिग्रस्त हो गए हैं (Bridge damaged due to illegal sand mining). पुल के क्षतिग्रस्त होने से 90 गांव का कनेक्शन टूट गया है. जिसके कारण तोरपा से गुमला जाने वालों को अब 20 किमी का सफर करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: खूंटी में बालू तस्करी जारी, नहीं है कानून का डर

तोरपा प्रखंड क्षेत्र में अवैध बालू खनन जारी है, लेकिन इसे रोक पाना जिला प्रशासन के लिए महज एक खानापूर्ति रह गया है. आसपास के लोगों का कहना है कि डोड़मा बालू घाट से पिछले 8-9 सालों से अवैध बालू का उठाव कर दूसरे जिलों में भेजा जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू उठाव के लिए ट्रैक्टर और हाइवा लगातार सुबह होने तक अवैध रूप से बालू का उठाव करते हैं.

जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी

बरसात में नदियों के किनारे मिट्टी का कटाव होता है और नदी में बालू की परत बनती जाती है, लेकिन बालू माफिया पुल के स्तंभ के नीचे से भी बालू की खुदाई कर पुल को ध्वस्त करने में जुटे हैं. एक तरफ जिला प्रशासन कहती है कि खूंटी से अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टास्क फोर्स अवैध बालू घाटों की निगरानी कर बालू माफियाओं पर नकेल कसने का काम करता है, लेकिन डोड़मा बालू घाट इसका उदाहरण है कि अवैध बालू का कारोबार अब भी बेखौफ हो रहा है. पुल टूटने के बाद प्रसाशनिक महकमा में खलबली मच गई है. क्योंकि अवैध बालू उठाव के कारण ही पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. तोरपा सीओ सचिदानंद वर्मा ने कहा कि डोड़मा रास्ते को बंद करवा दिया गया है और वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

खूंटी: जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद खूंटी में बालू माफिया बेखौफ हैं. बेखौफ इसलिए की तोरपा प्रखंड के डोड़मा बालू घाट में लगातार बालू का उठाव किया जाता रहा है. लगातार अवैध खनन से पुल के कई स्तंभ क्षतिग्रस्त हो गए हैं (Bridge damaged due to illegal sand mining). पुल के क्षतिग्रस्त होने से 90 गांव का कनेक्शन टूट गया है. जिसके कारण तोरपा से गुमला जाने वालों को अब 20 किमी का सफर करना पड़ रहा है.

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तोरपा प्रखंड क्षेत्र में अवैध बालू खनन जारी है, लेकिन इसे रोक पाना जिला प्रशासन के लिए महज एक खानापूर्ति रह गया है. आसपास के लोगों का कहना है कि डोड़मा बालू घाट से पिछले 8-9 सालों से अवैध बालू का उठाव कर दूसरे जिलों में भेजा जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू उठाव के लिए ट्रैक्टर और हाइवा लगातार सुबह होने तक अवैध रूप से बालू का उठाव करते हैं.

जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी

बरसात में नदियों के किनारे मिट्टी का कटाव होता है और नदी में बालू की परत बनती जाती है, लेकिन बालू माफिया पुल के स्तंभ के नीचे से भी बालू की खुदाई कर पुल को ध्वस्त करने में जुटे हैं. एक तरफ जिला प्रशासन कहती है कि खूंटी से अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टास्क फोर्स अवैध बालू घाटों की निगरानी कर बालू माफियाओं पर नकेल कसने का काम करता है, लेकिन डोड़मा बालू घाट इसका उदाहरण है कि अवैध बालू का कारोबार अब भी बेखौफ हो रहा है. पुल टूटने के बाद प्रसाशनिक महकमा में खलबली मच गई है. क्योंकि अवैध बालू उठाव के कारण ही पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. तोरपा सीओ सचिदानंद वर्मा ने कहा कि डोड़मा रास्ते को बंद करवा दिया गया है और वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

Last Updated : Aug 24, 2022, 10:42 PM IST
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