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एनकाउंटर में मारे गए लाका पर दर्ज थे 61 केस, नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का भी था आरोप

खूंटी पुलिस से मुठभेड़ में बुधवार को मारे गए उग्रवादी लाका पाहन पर 61 केस दर्ज थे. इसका खुलासा राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने किया.

all information about naxlite laka pahan secretary of south Chhotanagpur regional committee PLFI
नक्सली लाका पाहन
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Published : May 4, 2022, 9:47 PM IST

Updated : May 5, 2022, 6:31 AM IST

रांची: खूंटी पुलिस से मुठभेड़ में बुधवार को मारे गए उग्रवादी लाका पाहन पर 61 केस दर्ज थे. वह पिछले दो सालों से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था, उस पर एक नबालिग से बलात्कार और हत्या का भी आरोप था.

ये भी पढ़ें-PLFI नक्सली नाबालिग लड़कियों की आबरू से कर रहे खिलवाड़, सबजोनल कमांडर लाका के नाम पर देते हैं धमकी

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि सात साल जेल में रहने के बाद लाका साल 2020 में जेल से छूटा था. इसके बाद लाका फिर से संगठन में सक्रिय हो गया था. पुलिस मुख्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, लाका के खिलाफ रांची, खूंटी, चाईबासा में कुल 61 केस दर्ज था. लाका पाहन की गतिविधियों को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने पांच लाख का इनाम घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया था. लेकिन इनाम की राशि घोषित होने से पूर्व ही लाका मुठभेड़ में मारा गया. हाल में ही पुलिस के हाथ एक प्रेस नोट लगा था जिसमे यह जिक्र था कि पीलएफआई ने वर्तमान में लाका को दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमिटी का सचिव बनाया था. पूर्व में लाका पीएलएफआई में सबजोनल कमांडर था.

अमोल वी होमकर, आईजी अभियान
सामूहिक दुष्कर्म समेत कई कांडों को दिया था अंजामः राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान अमोल वी होमकर के मुताबिक, हाल के दिनों में लाका पाहन ने कई बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. 12 अप्रैल को अड़की के चैंपी के पास एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को लाका पाहन समेत अन्य उग्रवादियों ने अंजाम दिया था. इस मामले में उसके खिलाफ अड़की थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं पांच जनवरी की रात तिरला, पीड़ीटोली में एक वृद्ध दंपती को डायन बताते हुए मारपीट कर लाका समेत अन्य ने मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में भी लाका नामजद आरोपी था. 4 अप्रैल को सड़क निर्माण करा रही कंपनी के मुंशी एवं मजदूरों से मारपीट व निर्माण कार्य के लिए लगी मशीनों में आगजनी का आरोप भी लाका पर था.

ये भी पढ़ें-खूंटी में पुलिस-पीएलएफआई के बीच मुठभेड़, मारा गया रीजनल कमेटी सचिव लाका पहान

जिदन गुड़िया के मारे जाने के बाद संगठन में मिला पड़ा पदः पीएलएफआई संगठन में सुप्रीमो दिनेश गोप के बाद सेकंड चीफ जिदन गुड़िया हुआ करता था. जिदन को पुलिस ने पिछले साल एनकाउंटर में मार गिराया था. जिदन के मारे जाने के बाद उसका सारा काम लाका पहन ही देख रहा था.

कहां-कहां कितने केसः लाका के खिलाफ रांची के धुर्वा में चार उग्रवादी कांड दर्ज थे. खूंटी के खूंटी, मुरहू, अड़की, मारंगहादा में कुल 48 व चाईबासा के बंदगांव, सोनुवा, टैबो में 9 कांडों में लाका आरोपी था.

रांची: खूंटी पुलिस से मुठभेड़ में बुधवार को मारे गए उग्रवादी लाका पाहन पर 61 केस दर्ज थे. वह पिछले दो सालों से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था, उस पर एक नबालिग से बलात्कार और हत्या का भी आरोप था.

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झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि सात साल जेल में रहने के बाद लाका साल 2020 में जेल से छूटा था. इसके बाद लाका फिर से संगठन में सक्रिय हो गया था. पुलिस मुख्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, लाका के खिलाफ रांची, खूंटी, चाईबासा में कुल 61 केस दर्ज था. लाका पाहन की गतिविधियों को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने पांच लाख का इनाम घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया था. लेकिन इनाम की राशि घोषित होने से पूर्व ही लाका मुठभेड़ में मारा गया. हाल में ही पुलिस के हाथ एक प्रेस नोट लगा था जिसमे यह जिक्र था कि पीलएफआई ने वर्तमान में लाका को दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमिटी का सचिव बनाया था. पूर्व में लाका पीएलएफआई में सबजोनल कमांडर था.

अमोल वी होमकर, आईजी अभियान
सामूहिक दुष्कर्म समेत कई कांडों को दिया था अंजामः राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान अमोल वी होमकर के मुताबिक, हाल के दिनों में लाका पाहन ने कई बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. 12 अप्रैल को अड़की के चैंपी के पास एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को लाका पाहन समेत अन्य उग्रवादियों ने अंजाम दिया था. इस मामले में उसके खिलाफ अड़की थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं पांच जनवरी की रात तिरला, पीड़ीटोली में एक वृद्ध दंपती को डायन बताते हुए मारपीट कर लाका समेत अन्य ने मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में भी लाका नामजद आरोपी था. 4 अप्रैल को सड़क निर्माण करा रही कंपनी के मुंशी एवं मजदूरों से मारपीट व निर्माण कार्य के लिए लगी मशीनों में आगजनी का आरोप भी लाका पर था.

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जिदन गुड़िया के मारे जाने के बाद संगठन में मिला पड़ा पदः पीएलएफआई संगठन में सुप्रीमो दिनेश गोप के बाद सेकंड चीफ जिदन गुड़िया हुआ करता था. जिदन को पुलिस ने पिछले साल एनकाउंटर में मार गिराया था. जिदन के मारे जाने के बाद उसका सारा काम लाका पहन ही देख रहा था.

कहां-कहां कितने केसः लाका के खिलाफ रांची के धुर्वा में चार उग्रवादी कांड दर्ज थे. खूंटी के खूंटी, मुरहू, अड़की, मारंगहादा में कुल 48 व चाईबासा के बंदगांव, सोनुवा, टैबो में 9 कांडों में लाका आरोपी था.

Last Updated : May 5, 2022, 6:31 AM IST
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